दोपहर में सोने के फायदे और नुकसान : दोपहर में सोने के फायदे और नुकसान (dopahar mein sone ke fayde aur nuksan) दोपहर कि नींद हमारे चिड़चिड़ेपन को दूर करने और हमें अपने काम को ठीक तरह से करने में काफी मदद करती है। Advantages and disadvantages of sleeping in the afternoon in hindi.
दोपहर में सोने से होने वाले फायदे और नुकसान
दोपहर में सोने के फायदे (advantages of afternoon sleep in hindi)
- एक शोध के अनुसार दिन में नहीं सोने वाले व्यक्तियों की याददाश्त, दिन में सोने वाले व्यक्तियों से कम मजबूत होती है। बच्चों को दिन में अवश्य सोना चाहिये जिससे उनकी याददाश्त और मजबूत हो सके। एक शोध में यह भी पाया गया है कि दिन में सोकर जागने के बाद व्यक्ति के सीखने की शक्ति बढ़ जाती है।
- ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति को भी दिन में छोटी छोटी नींद अवश्य लेनी चाहिये ऐसा करने से सतर्कता और मेमोरी में भी वृद्धि होती है, मानसिक थकावट को दूर करने के लिए दिन में कम से कम 90 मिनट की नींद अवश्य लेनी चाहिये।
- हार्ट अटैक के रोगियों, जल्द गुस्सा आने वाले व्यक्तियों को भी दिन में कम से कम आधा घंटा नींद अवश्य लेनी चाहिए ऐसा करने से हार्ट अटैक का खतरा कम बनता है तथा दिन में सोने से रिलेक्स महसूस होता है।
- दिन कि नींद का असर हमारी पाचन शक्ति पर भी पड़ता है जिससे हमारी पाचन शक्ति मजबूत होती है। दोपहर की नींद हमें अपने सर को अपने बाएं हाथ के ऊपर रखकर सोना चाहिये। ऐसा करने से हमें काफी फायदा मिलता है।
- दिन में सोने से हमारा माइंड और बॉडी फ्रेश हो जाते हैं। ज्यादा सोने से हमें इन सब बातों का हमारे शरीर में विपरीत असर भी पड़ता है।
- दिन में सोने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और यह हमें दिन के आलस से भी बचाता है। जो लोग दिन में सोते हैं उनमें दिल की बीमारी का खतरा कम बनता है।
- दोपहर में नींद महसूस होने पर ही सोना चाहिए। दोपहर की नींद अच्छी होती है इसका प्रमाण कई वैज्ञानिक शोधों में भी किया गया है।
- दोपहर की नींद से हमारे न्यूरॉन्स (तंत्रिका तंत्र में स्थित एक उत्तेजनीय कोशिका) तरोताजा हो जाते हैं जिससे हम किसी भी काम को करने में काफी अधिक फोकस करते हैं।
- सुबह से दोपहर तक काम करने के कारण हमारे मस्तिष्क और शरीर के अंगों में शिथिलता आ जाती है दोपहर की नींद हमें इसमें काफी हद तक मदद करती है।
- दोपहर की नींद हमारी एंटीऑक्सीडेंट की प्रक्रिया को मजबूत करती है। यह हमारी त्वचा की कोशिकाओं में क्षय की कमी लाकर हमारी झुर्रियों को हावी होने से रोकता है।
- मनोविज्ञान की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि जब हमारी नींद दिन में पूरी नहीं हो पाती है तो हमारा मस्तिष्क विकृतियों के आवेग को नियंत्रित करने में काफी कठिनाई सामना करता है। दोपहर की झपकी हमें इनसे निजात दिला सकती है।
इसे भी पढ़ें – रात को देर से सोने के नुकसान।
दोपहर में सोने के नुकसान (disadvantages of afternoon sleep in hindi)
- दोपहर में सोने से हमें आलस आने लगता है जिससे हमारा सारा काम प्रभावित होता है। एक व्यक्ति को एक दिन में 8 घंटे की नींद लेनी आवश्यक होती है परन्तु दिन में सोने से हमें रात को भी नींद नहीं आ पाती है।
- एक शोध के अनुसार दोपहर में एक घंटे से ज्यादा सोने वाले व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है ।
- दिन में ज्यादा सोने से हमें रात को अच्छी नींद नहीं आती है, तथा जिससे हमें ब्रेन हेमरेज, दिल की बीमारियों का खतरा बन जाता है।
इसे भी पढ़ें – जल्दी उठने का फायदा और नुकसान।