सितोपलादि चूर्ण का उपयोग कैसे करें : सितोपलादि चूर्ण का उपयोग कैसे करें में सितोपलादि चूर्ण से संबंधित सभी जानकारियां शामिल हैं। सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे बिना डॉक्टर के पर्चे के भी उपयोग में लाया जा सकता है। सितोपलादि चूर्ण बहुत से प्राकृतिक घटकों से निर्मित है जिसका इस्तेमाल कई शारीरिक विकारों के उपचार के लिए किया जाता है।
सितोपलादि चूर्ण की निर्धारित खुराक का उपयोग करना जरुरी होता है, सितोपलादि चूर्ण की खुराक व्यक्ति की आयु, लिंग और स्वास्थ्य के अनुसार दी जाती है। सितोपलादि चूर्ण का उपयोग कैसे करें इसकी पूरी जानकारी नीचे दी गयी है –
सितोपलादि चूर्ण के घटक
सितोपलादि चूर्ण के घटक है –
सितोपलादि चूर्ण का उपयोग कैसे करें ?
- सितोपलादि चूर्ण के फायदे और नुकसान जानने से पहले सितोपलादि चूर्ण का उपयोग कैसे करें यह अवश्य जानें।
- सितोपलादि चूर्ण के अच्छे परिणामों के लिए सितोपलादि चूर्ण की निर्धारित खुराक का उपयोग करना जरुरी होता है।
- सितोपलादि चूर्ण का उपयोग वयस्क, बच्चे (2 से 12 वर्ष) और किशोरों (13 से 18 वर्ष) के लिए है। सितोपलादि चूर्ण पाउडर के रूप में होता है जिसे शहद के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए।
- सितोपलादि चूर्ण को खाना खाने के बाद लिया जाता है तथा इसे दिन में केवल एक बार लिया जाना चाहिए। सितोपलादि चूर्ण गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है।
- सितोपलादि चूर्ण की खुराक के अवधि व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार तय की जाती है।
सितोपलादि चूर्ण के फायदे और नुकसान ( Sitopaladi churna benefits and side effects in hindi )
सितोपलादि चूर्ण के फायदे ( Sitopaladi churna benefits in hindi )
खांसी
सितोपलादि चूर्ण के फायदे – खांसी को दूर करने के लिए है। खांसी एक सामान्य समस्या है जो ज्यादातर सभी आयुवर्गों के लोगों में देखी जा सकती है। गले में खराश, बलगम खांसी होने के प्रमुख लक्षण है। सितोपलादि चूर्ण को खांसी के उपचार के लिए काफी सहायक माना जाता है। सितोपलादि चूर्ण के नियमित सेवन से खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है।
सर्दी जुकाम
सर्दी जुकाम को ठीक करने के लिए सितोपलादि चूर्ण को बेहद फायदेमंद माना जाता है। नाक बहना, गले में खराश व जमाव, छींके आना ये सभी सर्दी जुकाम के मुख्य लक्षण है। सितोपलादि चूर्ण को सर्दी जुकाम में काफी उपयोगी माना जाता है। सितोपलादि चूर्ण के इस्तेमाल से सर्दी जुकाम में बहुत आराम मिलता है।
ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस के रोगियों के लिए सितोपलादि चूर्ण लाभकारी है। ब्रोंकाइटिस को श्वसनीशोथ भी कहा जाता है जिसमें वायरल या संक्रमण आदि की वजह से श्वासनलियाँ सूज जाती है। ब्रोंकाइटिस के दौरान गले में खराश, नाक में जमाव, थकान, बुखार, उल्टी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। सितोपलादि चूर्ण में ऐसे तत्व पाए जाते है जो ब्रोंकाइटिस को ठीक करने में मददगार होते है, सितोपलादि चूर्ण के इस्तेमाल से ब्रोंकाइटिस की इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
दमा
सितोपलादि चूर्ण के फायदे दमा के रोगियों के लिए है। दमा वायुमार्ग में होने वाला एक इंफ्लेमेटरी रोग है जिसे अस्थमा भी कहा जाता है। सांस लेने में परेशानी होना और सीने में दर्द दमा के प्रमुख लक्षण है। दमा के रोगियों को सितोपलादि चूर्ण का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। सितोपलादि चूर्ण में बांस, इलायची और पिप्पली जैसे प्राकृतिक घटक मौजूद होते है जो दमा को कम करने में सहायक होते है। नियमित रूप से सितोपलादि चूर्ण की खुराक का सेवन करने से दमा के रोगियों को लाभ होगा।
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सितोपलादि चूर्ण के नुकसान ( Sitopaladi churna side effects in hindi )
सितोपलादि चूर्ण का उपयोग कैसे करें जानने के अलावा सितोपलादि चूर्ण के नुकसान भी अवश्य जान लें। सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जिसके अधिक नुकसान नहीं देखे जाते है लेकिन गलत तरीके से या आवश्यकता से अधिक सितोपलादि चूर्ण का इस्तेमाल करने से शरीर को नुकसान हो सकते है। किसी रोग या एलर्जी के इलाज के दौरान सितोपलादि चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।