आलूबुखारा के फायदे और नुकसान (aalu bukhara ke fayde or nuksan) : जानें आलूबुखारा के फायदे और नुकसान, गर्मियों के मौसम में पाया जाने वाला आलूबुखारा (plum) एक खट्टा-मीठा फल है जो बेहद स्वादिष्ट होता है। आलूबुखारा को अंग्रेजी में ‘प्लम (plum)’ नाम से जाना जाता है। आलूबुखारा में कई प्रकार के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। आलूबुखारा में भरपूर मात्रा में फाइबर पाए जाते हैं जो हमारी पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। Advantages and disadvantages of plum in hindi.
आलूबुखारा खाने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of eating plum in hindi)
आलूबुखारा के सेवन से हमारी त्वचा पर भी निखार आता है जो हमारे सौंदर्य को बढ़ाते हैं। इसके अलावा इसका उपयोग तरह-तरह के पकवान बनाने में भी किया जाता है। परन्तु इसके अत्यधिक सेवन से हमारे शरीर पर कुछ दुष्परिणाम भी होते हैं।
आलूबुखारा के फायदे (Benefits of Plum in hindi)
- आलूबुखारा के सेवन से हमारी त्वचा और आंखों की सेहत पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आलूबुखारा में आयरन, विटामिन C, विटामिन K और विटामिन B6 पाया जाता है जो आंखों एवं त्वचा दोनों के लिए ही बेहद लाभकारी माना जाता है। आलूबुखारा के प्रभाव से त्वचा संबंधी संक्रमण से बचा जा सकता है और साथ ही इसके नियमित सेवन से हमारी आंखों की रौशनी में भी वृद्धि होती है।
- आलूबुखारा के नियमित सेवन से हम मोटापे की समस्या से बच सकते हैं। प्रति 100 ग्राम आलूबुखारा में लगभग 46 कैलोरी पायी जाती है जो अन्य फलों की तुलना में बेहद कम होती है। इसे अपने रोजाना के आहार में शामिल करने से हम अपने बढ़ते वजन की समस्या से जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
- प्रतिदिन आलूबुखारा का उपयोग करने से हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक गुणों के सकारात्मक प्रभाव से हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनता जिससे हार्ट अटैक और अन्य बीमारियां होने की संभावना नहीं रहती। इसके अलावा ये हमारे शरीर के रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में एक अहम भूमिका निभाता है।
- आलूबुखारा खाने से हमारा दिमाग स्वस्थ रहता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स हमारे दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह हमारी याददाश्त को तेज करने के साथ-साथ हमें तनाव मुक्त रखने में भी बेहद सहायक होता है जिससे अल्जाइमर जैसी बीमारियां होने के खतरे को कम किया जा सकता है।
- आलूबुखारा के नियमित सेवन से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है। आलूबुखारा में बीटा-कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है जो हमारे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने का कार्य करते हैं। आलूबुखारा का छिलके के साथ सेवन करने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को रोका जा सकता है। इसके अलावा इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया है जो हमें पेट संबंधी बीमारियों से भी बचाता है।
- आलूबुखारा के सेवन से बैड कोलेस्ट्रॉल के खतरे को कम किया जा सकता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखना बेहद आवश्यक होता है। आलूबुखारा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और घुलनशील फाइबर उचित मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर के एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को घटाने में बेहद सहायक होते हैं। ये हमारे खून को पतला कर हमारे शरीर के रक्त संचार में भी बहुत कारगर सिद्ध होते हैं।
- प्रतिदिन आलूबुखारा के नियमित सेवन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इसमें फाइबर और मिनरल्स के अलावा विटामिन C भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिसकी सहायता से हमारे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बना रहता है। हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ने से कई दिमागी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।
- हमारी हड्डियों के लिए आलूबुखारा का सेवन करना बेहद लाभकारी माना जाता है। इसमें विटामिन K की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जिससे हमारी हड्डियों को मजबूती मिलती है। इसके अलावा ये हमारी बॉडी को भी फिट रखता है। एक अध्ययन के अनुसार आलूबुखारा का सेवन उन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है जिन्हे मासिक धर्म की समस्या रहती है।
- आलूबुखारा के सेवन से मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है। हालांकि ये स्वाद में मीठे होते हैं मगर इसमें पाया जाने वाला बायोएक्टिव यौगिक हमारे शरीर से मधुमेह के खतरे को घटाने में बेहद मददगार होते हैं। मधुमेह के रोगियों को आलूबुखारा को सूखा कर स्नैक्स के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं।
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आलूबुखारा के नुकसान (Losses of Plum in hindi)
- आलूबुखारा या सूखे आलूबुखारा के अत्यधिक सेवन से पेट में गैस की समस्या उत्पन्न हो सकती है क्योंकि आलूबुखारा की तासीर बेहद गर्म होती है।
- आलूबुखारा का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया जैसी समस्या भी हो सकती है। इसमें लैक्सेटिव के गुण पाए जाते हैं जो प्राकृतिक रूप से पेट को साफ रखने का कार्य करते हैं। इसीलिए इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
- आलूबुखारा के अत्यधिक सेवन से शरीर में हाइपरकलेमिया की शिकायत हो सकती है। इसमें पोटैशियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिसके कारण हाइपरकलेमिया जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसमें सिने में दर्द, जी मचलाना, उल्टी या सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।
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