डिप्रेशन के कारण और उपाय – Depression causes and remedies in hindi : डिप्रेशन (Depression) यानी अवसाद एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है, जिससे कभी न कभी हर कोई व्यक्ति जूझता है। थोड़ी मात्रा में तनाव या स्ट्रेस होना हमारे जीवन का एक हिस्सा होता है इसलिए हम सभी ने अपनी ज़िन्दगी के किसी ना किसी पड़ाव पर स्वयं को उदास और हताश महसूस किया होगा। कई बार डिप्रेशन यानी स्ट्रेस लेना फायदेमंद भी होता है जैसे किसी कार्य को करने के लिए हम स्वयं को हल्के दबाव में महसूस करते हैं, जिस कारण हम अपने उस कार्य को अच्छी तरह से कर पाते हैं और कार्य के पूरा हो जाने पर उत्साह भी बना रहता है।
लेकिन जब यह अवसाद या तनाव अधिक और अनियंत्रित हो जाता है, तो यह हमारे मस्तिष्क और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और यह कब अवसाद यानी डिप्रेशन में बदल जाता है, व्यक्ति को पता भी नहीं चलता है। डिप्रेशन उस व्यक्ति को होता है जो हमेशा तनाव में रहता है। सामान्य दिनचर्या में थोड़ी मात्रा में तनाव होना सामान्य बात हैं क्योंकि इतना तनाव सामान्य व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक होता है। लेकिन यदि तनाव हमारे भावनात्मक और शारीरिक जीवन का हिस्सा बन जाए तो खतरनाक साबित हो सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता हैं।
अगर किसी व्यक्ति में दुःख, अप्रसन्नता, लाचारी और निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है तो यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग का संकेत हो सकता है। डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है लेकिन यह रोगी को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे दुबलापन या मोटापा होना, थकावट होना, हमेशा सिर में दर्द होना और हार्ट डिजीज इत्यादि। जिस कारण कई बार मरीज इन शारीरिक लक्षणों का इलाज करवाने के लिए भटकते रहता हैं।
WHO के अनुसार दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ से ज़्यादा लोग डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त है, जिसमें से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हैं। भारत में यह आंकड़ा 5 करोड़ से ज़्यादा है जो कि एक बहुत गंभीर समस्या है। सामान्यत डिप्रेशन किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। लक्षणों की संख्या और तीव्रता के आधार पर डिप्रेशन के अलग–अलग प्रकार होते है जो कि माध्यम से लेकर बहुत गंभीर भी हो सकते है, जिनके सफल इलाज के लिए गहन परीक्षण ज़रूरी है इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि डिप्रेशन क्या है तो आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से डिप्रेशन के कारण उपाय और इलाज के बारे में ।
डिप्रेशन के कारण ( causes of depression in hindi )
- जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन आना जैसे असफलता, संघर्ष, किसी पारिवारिक सदस्य या प्रियजन को खो देना, कोई दुर्घटना होना या आर्थिक समस्या होना जैसे गंभीर बदलाव के कारण तनाव हो जाता हैं।
- अवसाद यानी तनाव का कारण अनुवांशिकी भी हो सकता है यानी अगर आपके परिवार में पहले से अवसाद की समस्या रही हो तो अगली पीढ़ी को भी यह समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है।
- कई बार हार्मोन में बदलाव जैसे प्रसव, रजोनिवृत्ति या मेनोपोज और थायरॉइड की समस्या आदि के कारण अवसाद हो जाता है।
- कई लोगों को मौसम में परिवर्तन के कारण भी अवसाद हो जाता है। जैसे सर्दियों में जब दिन छोटे होते हैं या धूप नहीं निकलती तो सुस्ती, थकान और उदासी के साथ रोजमर्रा के कार्यों में भी मन नहीं लगता हैं लेकिन यह स्थिति सर्दियां खत्म होने पर ठीक हो जाती हैं।
डिप्रेशन के लक्षण ( symptoms of depression in hindi )
- दिन भर उदासी महसूस होना।
- स्वयं को अयोग्य और दोषी मानना।
- ध्यान केंद्रित करने तथा फैसले लेने में कठिनाई होना।
- हमेशा कमजोरी एवं थकान महसूस करना।
- व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होना।
- हर रोज बहुत कम या बहुत अधिक सोना।
- आलस्य एवं बैचेनी महसूस होना।
- अचानक से वजन का बढ़ना या कम हो जाना।
- हमेशा मृत्यु या आत्महत्या के विचार आना।
- अकेले रहना पसंद करना।
- छोटी छोटी बात पर बहुत अधिक गुस्सा करना आदि।
डिप्रेशन से बचाव के लिए इन विशेष बातों का ध्यान दें
डिप्रेशन के प्रभाव से बचने के लिए आपको अपने आहार एवं जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने बेहद जरुरी होते हैं।
आहार
- पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करें, जिससे शरीर को सभी जरूरी विटामिन्स और खनिज मिल सकें।
- अवसाद रोगी जंक फूड का सेवन पूरी तरह बंद कर दें और साथ ही बासी भोजन का सेवन करने से भी बचें।
- अधिक चीनी एवं अधिक नमक का सेवन करने से बचें। इसके अलावा मांसाहार भोजन से भी दूर रहें।
- कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय, कॉफी आदि का अधिक सेवन करने से बचें। इसके अलावा धूम्रपान शराब जैसे किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें।
- अवसाद रोगी भरपूर मात्रा में पानी पीएं साथ ही ऐसे फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो।
- भोजन में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें क्योंकि ऑलिव ऑयल में उचित मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट और मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड्स पाये जाते हैं, जो हृदय रोग तथा अवसाद को दूर करने में मददगार साबित होते हैं।
जीवनशैली
- डिप्रेशन को दूर करने के लिए एक अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- अपने आप को कम में व्यस्त रखें और सुबह शाम टहलनें जाएं ।
- दिल ही दिल में घुटने की बजाये अपनी बातों को किसी विश्वासपात्र व्यक्ति या मनोचिकित्सक को ज़रूर बताये।
- अपने आपको अकेला न रहने दे, दोस्तों के साथ बहार जाएं तथा लोगों से मिले जुले और बातचीत करें।
- उदासी भरे गाने ना सुने और काम को करने के लिए नए नए तरीके खोजे एवं नए–नए रास्तों से गुजरें।
- यदि आप दुखी है तो भी ऐसा अनुभव करें कि जैसे आप वास्तव में बेहद खुश है।
- सकारात्मक बातें पढ़िए एवं बोलिए और आर्ट ऑफ़ पॉजिटिव लिविंग का फायदा उठाये।
- ध्यान और योग करें यह आपको शारीरिक एवं मानसिक रुप से स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं ।
- रात में सोने से पहले टीवी पर कुछ नकारात्मक न देखें अगर आप कुछ देखते है तो वह आपके अंतर्मन में बना रहता है।
- स्वयं को सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रखें और अकेले रहने की आदत से बचें।
- यदि किसी व्यक्ति को कोई दुर्घटना या किसी खास कारण की वजह से अवसाद हुआ है तो उस व्यक्ति को ऐसे कारणों और जगह से दूर रखना चाहिए।
डिप्रेशन का इलाज ( treatment of depression in hindi )
डिप्रेशन के परीक्षण यानी इलाज की शुरुआत एक मनोरोग चिकित्सक से मुलाकात से होती है क्योंकि डिप्रेशन के कारण का पता करने के लिए किसी मनोरोग विशेषज्ञ से बात करना बेहद ज़रूरी है। आजकल डिप्रेशन के लिए कई सारे अलग–अलग इलाज उपलब्ध है इसलिए एक मनोरोग चिकित्सक डिप्रेशन के प्रकार और गंभीरता के आधार पर सही उपाय का चुनाव करता है जैसे–व्यवहार परिवर्तन, ग्रुप थेरेपी, काउंसलिंग, दवाइयाँ या मिश्रित पद्धति। सही इलाज के बाद डिप्रेशन के मरीजों में से अधिकांश मरीज पूरी तरह ठीक होकर अपनी सामान्य ज़िन्दगी में लौट पाते है।
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आवश्यक सूचना
डिप्रेशन एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या है, जिससे बाहर आने के लिए व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता की ज़रूरत होने के साथ–साथ उसके परिवार और दोस्तों के सहयोग की बहुत जरूरत होती हैं।