पेशाब का रंग बताता है आप कितने स्वस्थ हैं : क्या आप जानते हैं कि आपका पेशाब बता सकता है कि आप कितने स्वस्थ हैं जी हाँ आपके पेशाब का बदलता हुआ रंग ये बता सकता है कि आप कितने स्वस्थ हैं।
आपने देखा होगा कि आपके की आपके पेशाब का रंग हमेशा एक जैसा नहीं रहता है कभी वह पानी की तरह साफ सफेद होता है, कभी हल्का पीला, कभी गहरा पीला, कभी लाल या नारंगी तो कभी हरा या नीला भी हो जाता है।
पेशाब का यह बदलता हुआ रंग असल में बताता है कि आप कितने स्वस्थ हैं। साथ ही पेशाब का रंग यह भी बताता है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है या नहीं।
जैसा कि आप जानते होंगे कि आपकी किडनी ( गुर्दा ) ब्लड को फ़िल्टर करता है उसी ब्लड के फ़िल्टर होने पर पेशाब ( यूरिन ) बनता है। किडनी ब्लड को फ़िल्टर करती है और उसमें मौजूद अशुद्धि आदि को मूत्र मार्ग के माध्यम से मूत्र यानि की पेशाब के रूप में शरीर से बाहर निकालती हैं।
वैसे तो पेशाब का रंग कैसा होना चाहिए इसका कोई स्टैण्डर्ड नहीं है लेकिन हल्का पीला रंग सही माना जाता है। अगर पेशाब का रंग पानी की तरह सफ़ेद हो तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में पानी की अधिकता है और पेशाब का रंग डार्क पीला हो तो मतलब है कि शरीर में पानी की कमी है।
पेशाब में किडनी द्वारा ब्लड को फ़िल्टर करके कई तरह की अशुद्धियाँ निकाली जाती हैं अगर आप अधिक पानी पीते हैं तो पेशाब भी अधिक आता है और ये अशुद्धियाँ उसमें घुल जाती हैं जिससे पेशाब का रंग बहुत हल्का पीला या सफ़ेद सा ही प्रतीत होता है और कम पानी पीते हैं तो गहरा पीला या भूरे रंग सा हो जाता है।
शरीर में पानी की कमी के कारण थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, सांसों की बदबू, ठंड लगना, मीठा खाने की इच्छा आदि लक्षण नजर आते हैं इसलिए न अत्यधिक पानी पियें न बहुत कम। डॉक्टरों के अनुसार एक स्वस्थ मनुष्य को रोजाना 1.5 लीटर से लेकर 2 लीटर तक पानी पीना चाहिए।
कई बार एंटीबायोटिक्स दवाइयों के सेवन के कारण भी पेशाब का रंग गहरा पीला, भूरा या नारंगी हो सकता है। मूत्र मार्ग के संक्रमण की दवाई, यूटीआई, सल्फासालजीन, अल्सरेटिव कोलाइटिस आदि के इलाज के दौरान ली जाने वाली दवाइयों के कारण भी पेशाब का रंग बदल सकता है।
कई बार बीन्स, एलोवेरा आदि के सेवन से भी पेशाब का रंग शहद की तरह गहरा पीला या ब्राउन हो जाता है।
शरीर में पानी की अधिक कमी या किडनी में कोई समस्या होने के कारण भी पेशाब का रंग गहरा पीला, नारंगी या लाल सा हो सकता है। गुर्दे की पथरी के कारण भी पेशाब के रंग में बदलाव आ सकता है।
कई बार पेशाब का रंग हरा या नीला जैसा भी होता है इसका कारण किसी खास खाद्य पदार्थ का सेवन भी हो सकता है। कई मांसपेशियों की दवाई के सेवन से भी पेशाब का रंग नीला सा हो जाता है।
मूत्र का हरा रंग स्यूडोमोनास नामक बैक्टीरिया के कारण हो सकता है जो मूत्र में पाया जाता है और जो एक हरा रंग दे सकता है।
पेशाब का हल्का पीला रंग सही है, पेशाब का रंग बदलते रहना भी एक सामान्य सी बात है लेकिन लगातार पेशाब का रंग सामान्य पीले के अलावा किसी एक रंग का लगातार बने रहना किसी समस्या का लक्षण हो सकता है इसलिए ऐसे में जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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