बहेड़ा के फायदे ( Baheda ke fayde ) – आयुर्वेद के अनुसार बहेड़ा एक गुणकारी एवं लाभकारी जड़ी-बूटी हैं, जिसका उपयोग सदियों से पेट संबंधी कुछ समस्याओं के उपचार और प्रबंधन के लिए औषधि के रूप में किया जा रहा हैं। बहेड़ा त्रिफला के तीन प्रमुख अवयवों में से एक हैं, जिसमें रोगाणुरोधी, एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे गुण मौजूद होते हैं। बहेड़ा को अंग्रेजी में ( Siamese Terminalia ) नाम से जाना जाता है।
बहेड़ा का पेड़ भारत, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल सहित पूरे भारतीय उप महाद्वीप में पाया जाता है। इसके अलावा भारतीय राज्यों की बात करें तो यह पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी पाया जाता है।
बहेड़ा में मौजूद औषधीय गुण वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में सहायक हैं इसलिए बहेड़ा का इस्तेमाल कई तरह की शारीरिक समस्याओं से निजात पाने में किया जाता है। तो आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से बहेड़ा के इस्तेमाल से होने वाले फायदों के बारे में।
बहेड़ा के अन्य भाषाओं में नाम
बहेड़ा को हिंदी में हल्ला, बहेड़ा व फिनास, संस्कृत में भूतवासा, अक्ष व विभीतक, गुजराती में बेहेड़ा व बेड़ा, तमिल में तन्री व तनितांडी, बंगाली में साग व बयड़ा, मराठी में बेहड़ा व बेहेड़ा, पंजाबी में बहिरा व बहेड़ा और नेपाली में बर्रो कहा जाता हैं।
बहेड़ा के उपयोगी हिस्से
बहेड़ा की छाल, फल, सूखे फलों के बीज और मज्जा का उपयोग किया जाता है।
बहेड़ा के फायदे ( Benefits of Baheda in hindi )
- baheda ke fayde – गले में दर्द होने पर बहेड़े को थोड़े से घी में पकाकर खाने से गले में दर्द ठीक हो जाता है। इसके अलावा बहेड़ा और हरड़ की छाल को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण का 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करें, इससे दमा और खांसी में आराम मिलता हैं।
- गुर्दे की पथरी से पीड़ित रोगियों के लिए बहेड़ा का सेवन फायदेमंद होता है। इसके लिए गुर्दे की पथरी से पीड़ित व्यक्ति बहेड़ा के फल के मज्जा के 3-4 ग्राम चूर्ण में शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। इसके सेवन से गुर्दे की पथरी की बीमारी में लाभ मिलता हैं।
- पेशाब में जलन की समस्या होने पर बहेड़ा के फल के मज्जा के 3-4 ग्राम चूर्ण में शहद मिला लें। इस मिश्रण का सुबह-शाम सेवन करने से पेशाब में जलन की समस्या में लाभ मिलता है। इसके अलावा हाथ-पैर की जलन में बहेड़ा के बीज को पानी के साथ पीसकर लगाने से लाभ मिलता है।
- बहेड़ा और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर, मिश्रण बनाकर पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके अलावा बहेड़ा की छाल को पीसकर शहद के साथ मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों में होने वाली दर्द, सूजन और अन्य आंखों से जुड़े रोग नष्ट होते है।
- कमजोर पाचन वाले लोगों को खाना खाने के बाद बहेड़ा फल के 3-6 ग्राम चूर्ण का सेवन करना चाहिए। इससे पाचनशक्ति ठीक होती है। इसके अलावा बहेड़ा के 2-3 भुने हुए फल का सेवन करने से दस्त की गंभीर समस्या भी ठीक हो जाती हैं। कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बहेड़ा के अध पके फल को पीसकर पानी के साथ सेवन करना चाहिए।
- अगर किसी व्यक्ति को अधिक लार बहने की समस्या हैं तो वह व्यक्ति 1½ ग्राम बहेड़ा में समान मात्रा में शक्कर मिला लें और इस मिश्रण का कुछ दिनों तक नियमित सेवन करें। इसका सेवन करने से अधिक लार बहने की समस्या ठीक हो जाएगी।
- हृदय रोग से बचाव एवं रोकथाम के लिए बहेड़ा के फल के चूर्ण तथा अश्वगंधा चूर्ण को समान मात्रा में मिला लें और इसे 5 ग्राम की मात्रा में लेकर गुड़ मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें। इस मिश्रण का सेवन करने से हृदय रोग में लाभ होता है।
- पित्त और कफ विकार से हुए बुखार से राहत पाने के लिए बहेड़ा और जवासे के 40-60 मिली काढ़े में 1 चम्मच घी मिला लें औ इस काढ़े का दिन में तीन बार सेवन करें। इसके अलावा बहेड़ा के मज्जा को पीसकर शरीर पर लेप करने से पित्तज बुखार से होने वाली जलन कम होती है।