बेर के फायदे और नुकसान ( ber ke fayde aur nuksan ) : बेर के फायदे और नुकसान कई सारे होते हैं। बेर को अंग्रेजी में जूजूब (Jujube) कहते हैं, बेर की तासीर ठंडी होती है। बेर सर्दियों के मौसम में अधिक पाए जाते हैं। बेर आकार में छोटे और बेहद पौष्टिक होते हैं। बेर का फल हलके हरे रंग का होता है जो पकने के बाद लाल रंग का हो जाता है। बेर का पेड़ कांटेदार होता है जिसकी पत्तियां छोटी-छोटी होती हैं। आयुर्वेद के अनुसार बेर में कई प्रकार के औषधीय गुण मौजूद होते हैं जिसके उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों का घरेलु इलाज किया जा सकता है।
अन्य भाषाओं में बेर के नाम –
बेर को संस्कृत में फेनिल (Fenil), बदरी (Badri), कोल (Kol) एवं सुरस (Suras), ओड़िया में बरकोली (Barkoli), गुजराती में बीर (Beer), तेलुगु में रेगु चेट्टु (Regu chettu), तमिल में एलान्डई (Elandai), बंगाली में कोल बेर (Kol beir), मराठी में बोरीचे झाड़ (Boriche jhaad) एवं कनाडा यालाची (Yalachi) कहते हैं।
बेर के फायदे
- बेर का सेवन करने से हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। बेर में कैल्शियम, आयरन एवं फॉस्फोरस जैसे खनिज पाए जाते हैं जिनसे हड्डियों की लचीलापन मजबूती बढ़ती है। बेर के इस्तेमाल से हड्डियों से संबंधी बीमारियों के खतरों से भी बचा जा सकता है। बेर को अपने आहार में शामिल करने से हड्डियों से संबंधी समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को बहुत फायदा मिलता है।
- बेर के उपयोग से मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलता है। बेर में फाइबर एवं प्रोटीन के साथ-साथ कम कैलोरी पायी जाती है जिससे पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। बेर खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है बार-बार खाने की आवश्यकता नहीं होती और वजन घटाने में आसानी होती है।
- बेर का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। बेर में विटामिन A, विटामिन C एवं कई प्रकार के एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है। बेर में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट मुक्त कणों को बेअसर करने का कार्य करते हैं जिससे शरीर में बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा बेर में मौजूद विटामिन C श्वेत रक्त कोशिकाओं (White blood cells) के उत्पाद में भी बेहद मददगार होता है।
- बेर का सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरों से बचा जा सकता है। बेर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों की गतिविधि में कमी करते हैं जिससे कैंसर का खतरा कम होता है। इसके अलावा बेर का सेवन करने से शरीर में कैंसर की कोशिकाएं विकसित नहीं हो पाती जिससे कैंसर का से बचाव में बहुत मदद मिलती है।
- बेर के इस्तेमाल से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे अंग प्रणालियों को और अधिक ढंग से ऑक्सीजन भेजने में मदद मिलती है और जिससे शरीर की ऊर्जा में वृद्धि होती है। बेर में आयरन एवं फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जो शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ मांसपेशियों की कमजोरी की समस्या को कम करने का कार्य करते हैं।
- बेर के सेवन से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। बेर में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जो पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसके अलावा बेर खाने से आंतों की कार्यप्रणाली की सक्रियता भी बढ़ती है जिससे पेट संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है। बेर खाने से कब्ज, अपच, एसिडिटी एवं पेट में ऐंठन की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
- बेर के उपयोग से अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलता है। बेर में कार्बनिक यौगिक पाए जाते हैं जिससे मन को शांति मिलती है। बेर का सेवन करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है जिससे अनिद्रा की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
- बेर का नियमित रूप से सेवन करने से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। बेर में पोटैशियम, मैंगनीज, आयरन, फास्फोरस एवं जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी होते हैं। बेर खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल एवं रक्तचाप का स्तर नियंत्रित रहता है जिससे हृदय के रोगों का खतरा और कम हो जाता है। बेर रक्त की कोशिकाओं के विकास के लिए भी बेहद जरुरी हैं।
- बेर के रस एवं अर्क के उपयोग से त्वचा संबंधी विकारों से छुटकारा पाया जा सकता है। बेर का नियमित सेवन करने से त्वचा से झुर्रियों एवं बारीक लकीरों की समस्या को दूर किया जा सकता है। बेर का इस्तेमाल करने से कील-मुंहासों, डार्क सर्कल्स एवं दाग-धब्बों की समस्या में भी राहत मिलती है।
बेर के सेवन का तरीका –
बेर को नाश्ते में, अचार बनाकर, मुरब्बा बनाकर, जूस बनाकर एवं सीधे तौर पर भी खाया जा सकता है।
बेर में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व –
बेर में प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल, फाइबर, वसा, कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक, मैग्नीशियम एवं कई प्रकार के विटामिन्स पाए जाते हैं।
बेर के नुकसान
- बेर का अत्यधिक सेवन करने से पेट में गैस एवं सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। बेर में फाइबर की उच्च मात्रा पायी जाती है जिसके कारण पेट संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- मधुमेह के रोगियों को बेर का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि बेर खाने से रक्त में शुगर की मात्रा में वृद्धि हो सकती है जिससे मधुमेह के रोगियों को नुकसान पहुंच सकता है। बेर में जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं।
- एलर्जी की समस्या वाले लोगों को बेर का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
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