मधुमेह क्या है, मधुमेह के कारण, टाइप और मधुमेह या डायबिटीज के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय : आज हम आपको मधुमेह क्या है, मधुमेह के कारण, और मधुमेह या डायबिटीज के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय या उपचारों के बारे में बताएँगे। Diabetes in Hindi – मधुमेह को अंग्रेजी में डायबिटीज ( diabetes ) भी कहा जाता है।
मधुमेह आजकल के सर्वाधिक प्रचलित रोगों में से एक है। आजकल पहले से कहीं अधिक संख्या में युवक और यहाँ तक की बच्चे भी मधुमेह से ग्रस्त दिखायी देते हैं। निश्चित रूप से इसका एक बड़ा कारण पिछले 4-5 दशकों में श्वेत शर्करा, मैदा तथा ओजहीन खाद्य उत्पादों का हमारे द्वारा किये जाने वाला व्यापक प्रयोग माना जा सकता है।
“विश्व स्वास्थय संगठन” की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार “ सन 2025 तक भारत दुनिया का डायबिटीक कैपिटल हो जाएगा। यानि उस वक्त तक डाइबिटीज के सबसे अधिक रोगी भारत में होंगे और उनकी संख्या यहाँ लगभग 5.7 करोड़ होगी।
जनवरी, 2004 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में “डायबिटीज और रिह्यूमेटोलोजी” पर आधारित सेमिनार में बताया गया कि 14 से 25 साल की उम्र के लोगों में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। कारण है मोटापा और आरामतलब लाइफ स्टाइल।
पिज्जा, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स के ज्यादा इस्तेमाल के साथ आम खान-पान में रिफाइंड खाना, पालिश किए गए खाद्य पदार्थ और खाने में फाइबर की कमी डायबीटीज की बढती संख्या का मुख्य कारण हैं।
मधुमेह क्या है?
अग्न्याशय में स्थित लैंगरहैंस द्विपिकाओं द्वारा एक विशिष्ट हारमोन इन्सुलिन का पर्याप्त मात्रा में निर्माण न कर पाने के कारण डायबिटीज होता है। यह हार्मोन शरीर को शर्करा के सामान्य प्रयोग के लिए समर्थ बनाता है। इसकी कमी के फलस्वरूप रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती हैं जब यह एक निर्धारित स्तर तक पहुँच जाती है तो गुर्दे इस अतिरिक्त मात्रा को मूत्र में निष्कासित कर देते हैं। इसलिए रक्त शर्करा की अधिक मात्रा की जाँच के लिए चिकित्सकों द्वारा मूत्र के परिक्षण का परामर्श दिया जाता है मोटे शब्दों में कहें तो डायबिटीज का अर्थ है रक्त में चीनी की मात्रा का बढ़ जाना, जो इन्सुलिन के निर्माण में गड़बड़ी से होता है। इन्सुलिन का काम रक्त में चीनी के स्तर को नियंत्रण करना है।
मधुमेह के प्रमुख लक्षण :-
- वजन में कमी आना।
- अधिक भूख प्यास व मूत्र लगना।
- थकान, पिडंलियो में दर्द।
- बार-बार संक्रमण होना या देरी से घाव भरना।
- हाथ पैरो में झुनझुनाहट, सूनापन या जलन रहना।
- नपुंसकता।
प्राय: मधुमेह के लक्षण इतने धीरे-धीरे प्रकट होते हैं कि साधारणत: रोगी का ध्यान उनकी तरफ नहीं जाता। मूत्र और रक्त में शर्करा की जाँच कराने पर ही अचानक रोग का पता चलता है।
मधुमेह के जाँच कैसे होती है ?
मधुमेह की जाँच के लिए कुछ टेस्ट होते हैं
- बेनेडिक्ट टेस्ट
- ग्लूकोज आक्सीडेज टेस्ट
- खाली पेट रक्तशर्करा की जाँच
- भोजन लेने या 75 से 100 ग्राम ग्लूकोज लेने के बाद रक्त शर्करा की जाँच
- ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट
ग्लूकोमीटर उपकरण की सहायता से रक्त के स्तर की जाँच घर में भी की जा सकती है। मधुमेह का रोगी इस उपकरण से यह ज्ञात कर सकता है कि उसकी रक्त शर्करा का स्तर क्या है तथा उसका रोग नियंत्रण में है अथवा नहीं। ऐसे रोगियों के लिए जिनकी रक्त शर्करा का स्तर बार–बार घटता-बढ़ता रहता है, यह विधि अत्यंत उपयोगी है।
मधुमेह के टाइप –
मधुमेह को दो प्रमुख वर्गों में वर्गीकृत किया गया है, ये हैं –
- टाइप वन –इन्सुलिन पर निर्भर मधुमेह
- टाइप टू – इन्सुलिन पर अनिर्भर मधुमेह
टाइप 1 डायबिटीज क्या है –
डायबिटीज में हमारा शरीर इंसुलिन बनाना ही बंद कर देता है। यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है। मतलब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन बनाने वाले अग्नाशय की कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें खत्म कर देती हैं। ऐसा आनुवांशिक वजहों से हो सकता है। टाइप 1 बहुत कम उम्र में या कभी-कभी जन्म से हो जाता है।
टाइप 2 डायबिटीज क्या है –
डायबिटीज के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। इनमें मोटापा, हाइपरटेंशन, नींद की कमी और खराब लाइफस्टाइल शामिल हैं। इसमें शरीर में या तो इंसुलिन कम बनता है या फिर शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रह जाती हैं। टाइप 2 के लिए चूंकि खराब जीवनशैली जिम्मेदार है इसलिए यह कभी भी हो सकती है।
मधुमेह का इलाज –
सामान्यतः एक बार डायबिटीज होने के बाद जिंदगी भर दवाई लेनी पड़ती ही है और मेडिकल साइंस में इसे पूर्णतः ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन कुछ आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स और खान-पान के तरीकों में बदलाव करके इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता है।
डायबिटीज के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय (Ayurvedic And Home Remedies for Diabetes)
1. जामुन के बीज –
डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज में जामुन के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें, इसका चूर्ण बना लें। अब इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। पढ़ें जामुन की गुठली के फायदे और नुकसान।
2. अंजीर के पत्ते –
अंजीर के पत्तों को खाली पेट चबाने या पानी में उबाल कर पीने से मधुमेह कंट्रोल रहता है। अंजीर के पत्तों में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कम करने में मदद मिलती है।
3. मेथी –
मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। मेथी के बीज खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। इसके लिए आपको एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रखना है। सुबह खाली पेट उस पानी को पी लें और बीजों को चबा-चबाकर खा लें। इसे लेने के बाद काम से कम डेढ़ घंटे तक कुछ भी नहीं खाना पीना है।
4. लहसुन –
लहसुन को आयुर्वेद में काफी इस्तेमाल किया जाता है, सभी के घरों में खाने में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने और मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके लिए रातभर लहसुन की 2-3 कलियों को पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इन्हें चबा-चबाकर खा लें।
5. दालचीनी –
खड़े मसालों में दालचीनी सभी के घर में इस्तेमाल होती है। दालचीनी से डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है, इसके लिए आप रोज आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का सेवन करें।
6. एलोवेरा-
पिछले काफी समय से आयुर्वेद में एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा रहा है। मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए भी एलोवेरा के जूस का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। एलोवेरा में हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जैसे तत्व होते हैं जिससे ब्लड शुगर कम रहता है।
7. आंवला –
आंवला डायबिटीज में भी फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी से पाया जाता है। आंवला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं। आंवला खाने के 30 मिनट में ब्लड शुगर लेवल कम किया जा सकता है। आप आंवला पाउडर/ आंवला जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
8. नीम –
नीम के पत्ते चबाने और रस पीने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसके अलावा नीम में एंटी-डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं। ये सभी तत्व मधुमेह भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
डायबिटीज के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक उत्पाद –
Vagbhatt Jamun Karela Juice – वाग्भट्ट आयुर्वेद का करेला जामुन का रस शरीर में शर्करा के स्तर के लिए एक प्रभावी, प्राकृतिक टॉनिक है । करेला आमतौर पर ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने के लिए जाना जाता है, जबकि दूसरी ओर, जामुन स्वस्थ अग्न्याशय को बनाए रखने में मदद करता है। साथ में ये अपच, पेचिश और दस्त से निपटने में भी मदद करते हैं। डायबिटीज के रोगियों को सुबह-शाम खली पेट इसका सेवन करना चाहिए। बीच – बीच में शुगर लेवल अवश्य चैक करते रहें।
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Vagbhatt Diabcare Juice – वाग्भट्ट डायबकेयर जूस संयुक्त प्रभाव रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। वाग्भट्ट डायबकेयर जूस का नियमित उपयोग मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। यह 100% शुद्ध और मानकीकृत होने के साथ-साथ स्थिर हर्बल कॉन्संट्रेट है। इसका उपयोग मधुमेह के रोगियों को अवश्य करना चाहिए।
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इसके अतरिक्त वाग्भट्ट आयुर्वेद आपको डायबिटीज के लिए आयुर्वेद के उत्पादों की एक बड़ी श्रंखला पेश करता है इसके लिए विषमुक्त भारत की वेबसाइट www.vishmuktbharat.com पर जाकर विषमुक्त भारत परिवार के आयुर्वेदिक चिकित्सकों से निःशुल्क परामर्श ले सकते हैं।