मूर्ख बिल्लियाँ और चतुर बन्दर ( पंचतंत्र की कहानी – panchtantra ki kahaniyan ) – एक बार की बात है एक बिल्ली को एक घर के पास रोटी का एक टुकड़ा पड़ा मिला। तभी एक और बिल्ली की निगाह उस टुकड़े पर पड़ गयी। अब उस एक रोटी के टुकड़े के लिए दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं।
कुछ ही देर बाद, पहली बिल्ली ने सुझाव दिया कि क्यों न रोटी के एक टुकड़े को दो हिस्सों में बराबर-बराबर बाँट लिया जाये। तभी एक बंदर भी वहाँ आ गया और उन बिल्लियों के लड़ने की वजह पूछने लगा। दोनों बिल्लियों ने अपने लड़ने की वजह उस बन्दर को बताई।
साथ ही उन बिल्लियों ने उस बंदर से कहा कि वह रोटी के उस टुकड़े को दो बराबर भागों में बाँट दे ताकि दोनों बिल्लियों की लड़ाई ख़त्म हो सके।
वह बंदर बहुत ही चतुर था, उसने रोटी के दो टुकड़े किए और दोनों के आकार की जाँच करने लगा। एक हिस्सा थोड़ा सा बड़ा लगा तो उसने उसका एक टुकड़ा खा लिया।
अब उसने देखा कि दूसरा हिस्सा कुछ बड़ा रह गया है तो उसने दूसरे हिस्से का एक टुकड़ा खा लिया। इसी तरह करते-करते वह दोनों हिस्से खा गया और बिल्लियों को कुछ भी नहीं मिला।
बन्दर उछल कर तुरंत पेड़ पर चढ़ गया और दोनों बिल्लियां अपना सिर पकड़ का खिसियाई हुई सी वहां बैठी रह गयीं।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दो बिल्लियों की लड़ाई में रोटी बन्दर ले जाता है अर्थात कई बार दो लोगों की लड़ाई के बीच कोई तीसरा ही लाभ कमा लेता है या अवसर का फायदा उठा जाता है अतः लड़ाई न करें और सही से अपने बुद्धि विवेक का प्रयोग करें।