शहद के आयुर्वेदिक उपयोग (shahad ke ayurvedic upyog) : 10 शहद के आयुर्वेदिक उपयोग बताये गए हैं। शहद को अंग्रेजी में (Honey) कहते हैं। शहद की तासीर गर्म होती है जिसके कारण सर्दियों में इसका अधिक सेवन किया जाता है। शहद का उचित मात्रा में इस्तेमाल करने से शरीर स्वस्थ, बलवान, स्फूर्तिवान एवं सुंदर होता है। शहद चिपचिपा, मीठा एवं स्वादिष्ट तरल पदार्थ है जो मधुमक्खियों द्वारा तैयार किया जाता है। रोजाना नियमित रूप से शहद का उपयोग करने से उम्र लंबी होती है।
शहद में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके कारण शहद को विभिन्न प्रकार की बीमारियों के घरेलू इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन काल से शहद का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है। कई आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में शहद का उपयोग किया जाता है।
शहद के अन्य नाम –
शहद को संस्कृत में मधु (Madhu), हिंदी में शहद (Shahad) एवं पंजाबी भाषा में माख्यों (Makkhiyon) के नाम से जाना जाता है।
शहद में पाए जाने वाले पोषक तत्व –
शहद में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, सेलेनियम, विटामिन C, कोलीन, फोलेट, नियासिन, फास्फोरस आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
शहद के सेवन का तरीका –
शहद को रोजाना सुबह 1 चम्मच खाली पेट, सीरप बनाकर, सलाद के ड्रेसिंग के रूप में, चीनी के विकल्प के रूप में, आम के जूस में मिलाकर, चाय में डालकर, एक गिलास दूध में मिलाकर एवं हलके गुनगुने में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
शहद के आयुर्वेदिक उपयोग (Ayurvedic Uses of Honey in hindi)
- शहद के उपयोग से घाव जल्दी भर जाते हैं। शहद में जीवाणुरोधी (Antibacterial) गुण पाए जाते हैं जिससे त्वचा पर लगे घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। शहद त्वचा को कोमल बनाने में मदद करता है जिससे क्षतिग्रस्त त्वचा का पुनः निर्माण होता है एवं घाव जल्दी भर जाते हैं।
- शहद का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि में होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण का खतरा कम होता है। शहद के इस्तेमाल से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या से छुटकारा मिलता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
- शहद के इस्तेमाल से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है। अक्सर खाने का कुछ हिस्सा पेट में पूरी तरीके से पच नहीं पाता जिससे शरीर में हानिकारक विषैले पदार्थ इकठ्ठा हो जाते हैं। ऐसे में शहद के उपयोग से इन विषैले पदार्थों को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
- शहद के सेवन से भूख बढ़ती है। लोगों में अक्सर भूख ना लगने की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण शरीर में कमजोरी एवं अन्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद के अनुसार शहद का नियमित सेवन करने से भूख बढ़ती है जिससे भूख ना लगने की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
- शहद के इस्तेमाल से सर्दी-जुखाम, खांसी एवं कफ की समस्या से राहत मिलती है। शहद की तासीर गर्म होती है जिससे इन सभी समस्याओं से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है। शहद गले में जमा हुए कफ को टुकड़े-टुकड़े करके बाहर निकालने का कार्य करता है जिससे कफ के साथ-साथ खांसी एवं सर्दी-जुखाम की समस्या से भी राहत मिलती है।
- शहद का सेवन करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। आयुर्वेद के अनुसार शहद के उपयोग से पेट में पाचन अग्नि बढ़ती है जिससे पेट संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है। शहद के इस्तेमाल से पेट में कब्ज, अपच, गैस एवं एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है।
- शहद के इस्तेमाल से बच्चों के स्वास्थ्य पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बरसात एवं गर्मियों के मौसम में अक्सर बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं जिससे उन्हें दस्त एवं अन्य पेट संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार बच्चों को दस्त जैसी समस्या होने पर शहद खिलाने से बहुत फायदा मिलता है।
- शहद के उपयोग से लो ब्लड प्रेशर की समस्या से छुटकारा मिलता है। लो ब्लड प्रेशर की समस्या में दिमाग में ऑक्सीजन कम मात्रा में पहुंचता है जिससे बार-बार चक्कर आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। शहद के उपयोग से शरीर में रक्त परिसंचरण तंत्र का संतुलन बना रहता है जिससे रक्तचाप की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- आयुर्वेद के दृष्टि से शहद त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है। शहद न केवल गंभीर बीमारियों से दूर रखता है बल्कि इसके उपयोग से त्वचा का सौंदर्य भी बढ़ता है। शहद के उपयोग से चेहरे की चमक बढ़ती है जिससे चेहरे से दाग-धब्बों की समस्या दूर होती है। कई सौंदर्य उत्पादों में शहद का उपयोग किया जाता है जिससे चेहरे की चमक बरक़रार रहती है।
- शहद के इस्तेमाल से कीमोथैरेपी के दौरान बहुत मदद मिलता है। कीमोथैरेपी एक ऐसा उपचार है जिससे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। शहद कीमोथेरेपी के मरीजों में श्वेत रक्त कोशिकाओं (White blood cell) की संख्या को कम होने से रोकने का कार्य करता है। कीमोथेरेपी के दौरान मरीजों को रोजाना 2 चम्मच शहद का सेवन करने से बहुत लाभ मिलता हैं।
जानें शहद और दूध के फायदे – Benefits of Honey and Milk।