घमंडी मोर और सुरीली कोयल की कहानी हिंदी में :- बहुत पुरानी बात है ऊंचे ऊंचे सुन्दर पहाड़ों के मध्य एक बहुत बड़ा और घना जंगल था। जंगल में बहुत सारे मनमोहक पशु-पक्षी और जानवर रहा करते थे, जंगल के बीचों-बीच एक सुन्दर झरना था, इस झरने के पास कई सारे पशु पक्षी और जानवर रहा करते थे।
इसी जंगल में एक मोर भी रहता था, उस मोर को अपनी सुंदरता पर बहुत ज्यादा घमंड था इसलिए वह हमेशा किसी न किसी जानवर के रुप की हँसी उड़ाता रहता, मोर का व्यवहार भी अच्छा नहीं था वह कभी भी किसी की कोई मदद नहीं करता था और हर किसी को देखकर जलता और चिढ़ता रहता था।
एक दिन की बात है वह घमण्डी मोर जंगल के बीच स्थित झरने के पास से जा रहा था, तभी उसने एक चिड़िया के चिल्लाने की आवाज सुनी, वहाँ एक छोटी सी चिड़िया जोर-जोर से “मुझे बचाओ – मुझे बचाओ” चिल्ला रही थी, वह चिड़िया एक पतली सी लकड़ी से पानी के तेज बहाव से बचने की कोशिश कर रही थी जो कभी भी टूट सकती थी और चिड़िया पानी के तेज बहाव में बहकर मर सकती थी।
मोर ने यह सब देखा और चिड़िया की तरफ बढ़ा, चिड़िया को देखकर पहले तो मोर जोर-जोर से हंसा और फिर मोर ने उस छोटी चिड़िया से पूछा – “तुम पानी में कैसे गिर गई ?”
चिड़िया ने बताया – “मैंने ऊपर एक पेड़ की टहनी पर घोंसला बनाया था और वह टहनी के टूट जाने से मैं अपने घोंसले के साथ ही इस पानी के झरने में गिर गयी कृपया आप मेरी जल्द से जल्द मदद कीजिए।”
मोर ने सब सुना और बोला – “मैं चाहता तो हूँ कि मैं तुम्हारी मदद करूँ परन्तु मेरे सुन्दर पंख इस झरने के पानी में भीगने से खराब हो जाएंगे, अतः तुम खुद ही खुद को बचाओ” और यह कहकर मोर हंसता हुआ उस चिड़िया को असहाय ही छोड़कर वहाँ से चले गया।
छोटी चिड़िया बहुत रो रही थी तभी अचानक छोटी चिड़िया का हाथी दोस्त वहां आ गया और हाथी ने अपनी सूंड से छोटी चिड़िया को बचा लिया। छोटी चिड़िया ने अपने दोस्त हाथी को धन्यवाद कहा और मोर के व्यवहार के बारे में बताया।
हाथी को यह सब सुनकर बहुत गुस्सा आया और यह सुनकर हाथी ने जंगल में सभी जानवरों की सभा बुलाई और आज के बाद इस जंगल में कोई मोर से बात नहीं करेगा और मोर की मदद भी नहीं करेगा यह ऐलान किया। सारे जानवरों को मोर के व्यवहार का पता था इसलिए सब जानवरों ने हाथी की बात मान ली।
एक दिन मोर जंगल में घूम रहा था तभी अचानक बहुत तेज बारिश होने लगी और मोर अपने पंख खोलकर नाचने लगा, उस दिन एक शिकारी उस जंगल में शिकार ढूंढ रहा था। शिकारी ने तभी मोर को नाचते हुए देखा और बिना देर करते हुए उसने मोर पर तीर से निशाना लगाया परन्तु शिकारी का निशाना गलती से चूक गया और मोर बचकर भाग गया।
मोर बचकर एक पेड़ के पास गया उस पेड़ पर एक कोयल बहुत मीठी आवाज में गाना गा रही थी मोर उस कोयल को देख रहा था मोर सोच रहा था, यह कोयल तो काली है परन्तु इसकी आवाज तो बहुत सुरीली है और इस बात से मोर चिड़ रहा था।
कुछ देर में कोयल वहां से उड़ गई, उस कोयल को गाता देखकर मोर ने गाने की कोशिश की तो मोर ने जैसे ही गाना शुरु किया उस मोर को अपनी ही आवाज कानों में चुभने लगी। मोर को यह सब देखकर बहुत गुस्सा आया कि मैं इतना सुन्दर और वह इतनी काली फिर भी उसकी आवाज मेरे से मधुर कैसे है और मोर उस कोयल ओ अनाप-शनाप बोलता हुआ उस पेड़ के पास से चले गया।
अब मोर रोज उस पेड़ के पास जाता और उस कोयल को गाता देखकर बहुत चिड़ जाता, बहुत दिन तक यह सब चलता रहा, मोर से यह सब अब देखा नहीं जा रहा था। मोर ने मन ही मन सोचा कि मैं तो सबसे सुन्दर हूँ परंतु इस कोयल की आवाज मुझसे ज्यादा अच्छी है।
मुझे इस कोयल को इस जंगल से हटाना पड़ेगा और यह योजना बनाई कि अब जब शिकारी मुझे मारने आएगा तो मैं इस पेड़ की तरफ आ जाऊँगा और इस कोयल के सामने से उड़कर दूसरी तरफ चले जाऊँगा तो शिकारी का तीर इस कोयल को लग जाएगा और यह कोयल मर जाएगी।
मोर ने देखा जंगल में दूसरे जानवर कोयल को देखकर बहुत खुश हो रहे थे और कोयल की आवाज़ को सुनकर कोयल की बहुत तारीफ कर रहे थे मोर ने गुस्से में आकर बोला बस कुछ दिन और सुन लो इस कोयल की आवाज़ अब जब भी बारिश होगी, वह इस कोयल के जीवन की आखिरी बारिश होगी और मोर गुस्से में चले गया।
कुछ समय बाद एक दिन फिर बारिश हुई बारिश में मोर नाचने लगा, वह शिकारी जानता था बारिश में मोर नाचने लगेगा और नाचते हुए मोर को मारना बहुत ही आसान होगा इसलिए शिकारी जंगल में आ गया, मोर ने शिकारी को आता देख लिया था और मोर जानबूझकर उस पेड़ की तरफ गया जहाँ कोयल बैठी रहती थी, परन्तु जैसे ही आज मोर पेड़ के पास गया तो उसने देखा कि आज कोयल वहाँ नहीं है।
यह देख मोर उस पेड़ के नीचे रुक गया एवं सोच में पड़ गया और यह बात भी भूल गया कि मोर के पीछे शिकारी भाग रहा है और इतनी ही देर में शिकारी ने उस मोर पर तीर चला दिया और मोर मर गया, शिकारी उस मोर को लेकर वहां से चले गया।
मोर की यह हालत वह छोटी चिड़िया देख रही थी जिसकी मदद मोर ने नहीं की थी, थोड़ी देर में कोयल वापस पेड़ पर पहुंची और मोर के पंख और खून देखकर देखकर दुखी और भयभीत हो गई तभी छोटी चिड़िया कोयल के पास पहुंची। छोटी चिड़िया को देख कोयल बोली “चिड़िया बहन तुमने तो कहा था कि आज इस जंगल में तूफान आएगा इसलिए मैं उड़कर दूसरे जंगल में चली गई थी परन्तु यहाँ तो कोई भी तूफान नहीं आया है और यह मोर पंख और खून किसका है?”
छोटी चिड़िया बोली “बहन कोयल यह खून और पंख उस घमंडी मोर के हैं जिसने मुसीबत आने पर मेरी सहायता नहीं की थी, आज शिकारी ने उसे मार दिया। वैसे अच्छा ही हुआ मोर तुम्हारे लिए गड्ढा खोद रहा था और खुद ही उसमें जा गिरा”
छोटी चिड़िया बोलती रही “तुम रोज जिस पेड़ पर बैठकर अपनी सुरीली आवाज में गाना गाया करती थी, यह मोर उसी पेड़ के नीचे तुम्हें सुरीली आवाज में गाते हुए सुनकर, तुम से जला करता था क्योंकि उसकी खुद की आवाज बहुत ही कर्कश थी इसलिए वह रोज ही तुम्हारे बारे में उल्टा सीधा बड़-बड़ाते हुए यहाँ से जाया करता था।”
कोयल छोटी चिड़िया की सारी बातें बहुत ही अचंभित होकर सुन रही थी।
छोटी चिड़िया फिर बोली “एक दिन जब तुम गाना गा रही थी तो अन्य जानवर तुम्हारी सुरीली आवाज सुनकर खुश हो रहे थे, तब मोर उन जानवरों से गुस्से में बोला कि सुन लो जितने गाने सुनने हैं अगली बारिश का दिन इस कोयल का आखिरी दिन होगा और मैंने उसकी यह बात सुन ली।”
“मैं यह तो नहीं जान सकी कि वह घमंडी मोर क्या करेगा, बस इतना जरूर जानती थी कि निश्चित ही वह मोर बारिश के दिन ही कुछ न कुछ करेगा इसलिए मैंने बारिश होते ही तुमको इस जंगल में तूफान आएगा बोलकर यहाँ से दूर भेज दिया और ठीक बारिश के दिन वही हुआ जिसका मुझे डर था।”
“जब उस मोर के पीछे शिकारी आया तो वह मोर तुम्हारे पेड़ के पास आ गया, शायद वह मोर चाहता था कि शिकारी तुम पर तीर चलाए और तुम मर जाओ लेकिन तुम्हें यहां ना पाकर वह मोर अचंभित हो गया और यह भी भूल गया कि शिकारी उसका पीछा कर रहा है इसी मौके का फायदा उठाकर शिकारी ने उसे मार गिराया।”
यह सब सुनकर कोयल ने छोटी चिड़िया को धन्यवाद कहा।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें सदैव दूसरों की मदद करनी चाहिए और किसी के लिए कभी बुरा न तो सोचना चाहिए और न ही करना चाहिए क्योंकि दूसरे के लिए बुरा करने वाले के साथ स्वयं बुरा होता है।
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