पिस्सू और बेचारा खटमल ( पंचतंत्र की कहानी – panchtantra ki kahaniyan ) – एक राजा के पलंग में एक खटमल रहता था। एक पिस्सू शयनकक्ष में आया और खटमल से बोला, “मैंने कभी किसी राजा का खून नहीं पिया। आज तुम्हारे साथ मैं भी राजा का खून पीना चाहता हूँ।”
पिस्सू की यह बात सुनकर खटमल ने जवाब दिया, “पिस्सू भाई तुम प्रतीक्षा करना और मेरा पेट भर जाने तक इंतजार करना। मेरा पेट ठीक से भर जाने के बाद ही तुम्हारी बारी आएगी और तब तुम अपना पेट भर लेना।”
खटमल की इस बात पर पिस्सू सहमत हो गया। इस बीच, राजा शयनकक्ष में आ गया, राजा को वहां आया देखा बेसब्र पिस्सू अपने पर नियंत्रण नहीं कर पाया और राजा के सोने से पहले ही उसने राजा का खून चूसना शुरू कर दिया।
पिस्सू के काटने से राजा दर्द से तिलमिलाकर पलंग पर उठकर बैठ गया और उसने अपने सेवकों को बुलाया और पलंग की अच्छी तरह से जाँच-पड़ताल करने को कहा। राजा के सेवकों ने पलंग को बहुत ध्यान से देखा।
पिस्सू तो धीरे से पलंग के अंधेरे कोने में खिसककर छिप गया लेकिन खटमल राजा के सेवकों को दिख गया और सेवकों ने खटमल को मार डाला।
कहानी से शिक्षा
हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कई बार दूसरे का भला करने के चक्कर में हमारा नुकसान भी हो सकता है अतः भलाई तो करें लेकिन यह जानकर और सोच समझकर कर कि भलाई के चक्कर में आपका नुकसान न हो जाये।