चिचिण्डा के फायदे और नुकसान (chichinda ke fayde aur nuksan in hindi) : जानें चिचिण्डा के फायदे और नुकसान, भारत में पायी जाने वाली चिचिण्डा (Snake Gourd – स्नेक गॉर्ड) एक प्रकार की सब्जी है जिसके ढेरों स्वास्थ्य फायदे होते हैं। यह अधिक वर्षा वाले इलाकों में लता के रूप में उगाई जाने वाली सब्जी है। इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके सेवन से हम बहुत सी बीमारियों के खतरों से बचे रह सकते हैं। Advantages and disadvantages of Snake Gourd in hindi.
चिचिण्डा के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Snake Gourd in hindi)
चिचिण्डा के सेवन से हमारी भुख में इजाफा होता है। इसकी पत्तियां, फल, फूल एवं जड़ सभी को इस्तेमाल से लाया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से कई प्रकार की बीमारियां ठीक हो सकती हैं। परन्तु इसके अत्यधिक सेवन कुछ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी हो सकते हैं इसलिए इसका उचित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। Benefits and Losses of Snake Gourd in hindi.
चिचिण्डा के फायदे (Benefits of Snake Gourd in hindi)
- चिचिण्डा की सब्जी खाने से हमारे हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। चिचिण्डा में कुकुरबिटासिन-बी, कुकुरबिटासिन-ई, कैरोटिनॉइड एवं एस्कॉर्बिक एसिड पाया जाता है जो हमारे शरीर में किसी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है जिससे हमारे हृदय का स्वास्थ्य सकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। इसके इस्तेमाल से हमारे शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले चैन रिएक्शन को रोका जा सकता है जिससे हमारे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है। रोजाना इस सब्जी को खाने से हम हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक के खतरों से बचे रह सकते हैं।
- चिचिण्डा के सेवन से हम मधुमेह जैसी बीमारियों के खतरों से बचे रह सकते हैं। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जो हमारे रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने का कार्य करता है। इसके सेवन से मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है।
- चिचिण्डा का नियमित सेवन करने से हमारी पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इसमें सॉल्युबल एवं इनसोल्युबल डाइटरी फाइबर मौजूद होते हैं जो हमारे खाद्य पदार्थ को पचाकर मल के जरिये आसानी से बाहर निकालने का कार्य करते हैं। इसके सेवन से हमारा पाचन तंत्र बेहतर रहता है जिससे हम कब्ज, अपच एवं एसिडिटी जैसी समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
- चिचिण्डा के उपयोग से हम एलोपेशिया जैसी समस्या से बच सकते हैं। एलोपेशिया में सिर के बीच वाले हिस्से से बाल झड़ने की समस्या होने लगती है जिसके चलते हमें आगे चलकर गंजेपन का शिकार होना पड़ सकता है। चिचिण्डा हमारे स्कैल्प के रक्त के संचार में सुधार लाने का कार्य करता है जिससे हमारे बालों का स्वास्थ्य बना रहता है। इसके नियमित उपयोग से हमारे बालों का विकास होता है जिससे एलोपेशिया जैसी समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है।
- चिचिण्डा के सेवन से पीलिया जैसी समस्या में राहत मिलती है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे पीलिया के घरेलू उपचार में काफी मदद मिलती है। चिचिण्डा की 10-12 पत्तियों एवं धनिया के 10-15 बीजों को करीब आधे लीटर पानी में अलग-अलग बर्तन में उबालकर इसे ठंडा होने के बाद इसे एक साथ मिलाकर इसका सेवन करने से पीलिया जैसी समस्या में बहुत फायदा मिलता है।
- चिचिण्डा के इस्तेमाल से हम मोटापे की समस्या से बच सकते हैं। यह एक कम कैलोरी वाला खाद्य पदार्थ है जिसके सेवन से हमारे शरीर में फैट जमा नहीं होता। बेहद कम कैलोरी होने से यह हमारे शरीर के वजन को बढ़ने नहीं देता है जिससे हम मोटापे की समस्या का शिकार नहीं होते। मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए चिचिण्डा एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है।
- चिचिण्डा उन स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों में से एक है जिसमे कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं फास्फोरस जैसे एसेंशियल मिनरल्स पाए जाते हैं। यह हमारी हड्डियों एवं मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में बेहद कारगर सिद्ध होते हैं। यही नहीं इसके सेवन से हमारे हृदय एवं मस्तिष्क का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
- चिचिण्डा की पत्तियों के इस्तेमाल से बालों में डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार इसकी पत्तियों को एक हर्बल टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एक एंटी-डैंड्रफ एजेंट माना जाता है। सप्ताह में 3-4 बार चिचिण्डा की पत्तियों के रस को करीब 20-25 मिनट लगाने से डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा मिलता है और हमारे बाल भी मजबूत होते हैं।
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चिचिण्डा के नुकसान (Losses of Snake Gourd in hindi)
- चिचिण्डा के सेवन से कुछ लोगों को पेट में दर्द या पेट में गैस की समस्या हो सकती है। इसमें फाइबर की उच्च मात्रा पायी जाती है जिसके अत्यधिक सेवन से पेट संबंधी विकार पैदा हो सकते हैं।
- गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को चिचिण्डा के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
- एलर्जी की समस्या वाले लोगों को चिचिण्डा के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए अन्यथा इसके प्रभाव से उनकी एलर्जी की समस्या में वृद्धि भी हो सकती है।
- चिचिण्डा के अत्यधिक सेवन से सर्दी-जुखाम जैसी समस्या बढ़ सकती है। चिचिण्डा की तासीर ठंडी होती है जिससे इस समस्या में वृद्धि हो सकती है।
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