बांस के फायदे और नुकसान : बांस (Bamboo) घास की एक विशेष प्रजाति है जो अधिकतर जंगली इलाकों को पायी जाती है। यह लगभग 20-30 मीटर तक ऊंचे हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार बांस में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं जिसका उपयोग कई रोगों के उपचार के लिए किया जा सकता है।
बांस के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of bamboo in hindi)
बांस के कोंपलों में विटामिन A, विटामिन E, विटामिन B6, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, पोटैशियम, फॉस्फोरस एवं प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है जो हमारी सेहत के लिए अत्यंत गुणकारी होते हैं। परन्तु इसका सही ढंग से इस्तेमाल न किये जाने पर कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।
बांस के फायदे (Benefits of bamboo in hindi)
- बांस के उपयोग से हम मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसमें घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में शुगर के अवशोषण की क्रिया को धीमा कर देते हैं जिससे मधुमेह का स्तर संतुलित रहता है। यह हमारे रक्त में शुगर की मात्रा में वृद्धि नहीं होने देता जिससे मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है।
- बांस के इस्तेमाल से हमें दस्त जैसी समस्या में जल्द राहत मिलती है। इसमें ग्लूकोसाइड, बीटेन, साइनोजेन केमिकल कंपाउंड एवं एंजाइम पाए जाते हैं जो दस्त की समस्या को ठीक करने में बेहद सहायक होते हैं। इसके अलावा यह हमारे पेट के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद गुणकारी माना जाता है।
- बांस के इस्तेमाल से हम श्वास संबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। हमारे शरीर में इंफ्लेमेशन के कारण श्वास संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। बांस के कोंपलों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिससे सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। बांस के कोंपलों का काढ़ा बनाकर उसमें शहद मिलाकर पीने से हमारी श्वसन प्रणाली बेहतर रहती है।
- बांस की शाखाओं का जूस बनाकर उसका सेवन करने से हम खांसी जैसी समस्या से बच सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले प्राकृतिक गुण हमारे गले को राहत पहुंचाते हैं जिससे हमें खांसी की समस्या में राहत मिलती है।
- बांस के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से एवं बांस के कोंपलों की सब्जी बनाकर खाने से अल्सर जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। इसमें एंटी-अल्सर के गुण पाए जाते हैं जो हमें पेट के अल्सर से बचाने में बेहद मददगार माने जाते हैं। इसके अलावा यह हमें अन्य बीमारियों से बचाये रखने में भी बेहद प्रभावशाली होता है।
- बांस के उपयोग से हमें पाइल्स की समस्या को दूर करने में आसानी होती है। इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो बवासीर की लक्षणों को घटाने में बहुत सहायक होता है। यह बवासीर जैसी बीमारी के घरेलू इलाज के लिए काफी हद तक प्रभावशाली माना जाता है।
- बांस के सेवन से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसमें मौजूद एनाल्जेसिक प्रभाव (Analgesic effect) के कारण पीरियड्स के दर्द काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा बांस के कोंपलों के इस्तेमाल से महिलाओं में मासिक धर्म चक्र नियमित रहता है जिससे उन्हें बहुत फायदा मिलता है।
- बांस के नियमित सेवन से हम यूरिन संबंधी समस्याओं से बचे रह सकते हैं। एक शोध के अनुसार बांस के अर्क में यूरिनरी डिस्फंक्शन (मूत्र संबंधी समस्याओं को ठीक करने वाला) गुण पाया जाता है जिससे हम रुक-रुक कर पेशाब आना, पेशाब करने समय जलन एवं पेशाब करते समय दर्द जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
- बांस के इस्तेमाल से हमारे शरीर के बाहरी एवं अंदरूनी रूप से ठंडक मिलती है जिससे हम भीषण गर्मी के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। इसमें पाये जाने वाले इस कूलिंग इफ़ेक्ट के कारण हमारी त्वचा सुरक्षित रहती है। इसके अलावा बांस की पत्तियों का लेप बनाकर अपनी त्वचा पर लगाने से हम एरीसिपेलस (Erysipelas) नामक त्वचा संबंधी संक्रमण से बच सकते हैं।
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बांस के नुकसान (Losses of bamboo in hindi)
- बांस के अत्यधिक सेवन से थायरॉइड की समस्या में वृद्धि हो सकती है। यह हमारे शरीर में थाइरॉइड फंक्शन को प्रभावित कर सकता है जिससे यह समस्या बढ़ भी सकती है।
- बांस के अधिक सेवन से पुरुषों की प्रजनन क्षमता बुरी तरह प्रभावित हो सकती है इसीलिए पुरुषों को बांस का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।
- बांस के अत्यधिक सेवन से हमारे शरीर में हाइपरयुरिसीमिया (Hyperuricemia) की समस्या हो सकती है। इस समस्या में हमारे शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है जिससे हमारा श्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को बांस के अत्यधिक सेवन बचना चाहिए। यह गर्भ में पल रहे शिशु एवं नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
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