चिरौंजी के फायदे और नुकसान ( Chironji ke fayde aur nuksan ) : चिरौंजी को अंग्रेजी में (Charoli) कहते हैं। चिरौंजी की तासीर ठंडी होती है जो गर्मियों मौसम में अधिक खाया जाता है। आमतौर पर चिरौंजी का उपयोग सूखे मेवे की तरह किया जाता है। कई व्यंजनों एवं मिठाई बनाने में चिरौंजी का इस्तेमाल किया जाता है।
चिरौंजी के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Chironji in hindi)
चिरौंजी में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में ऊर्जा एवं यौन शक्ति को बढ़ाने का कार्य करते हैं। चिरौंजी को चिरौंजी के पेड़ से प्राप्त फलों के अंदर पायी जाने वाली गुठली से निकाला जाता है। चिरौंजी का इस्तेमाल सेहत और सौंदर्य दोनों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
अन्य भाषाओं में चिरौंजी के नाम –
चिरौंजी को संस्कृत में प्रियाल (Priyaal), तापसप्रिय (Tapspriya), चार (Char), और चारक (Charak), ओड़िया में चारकोली (Charkoli), गुजराती में चरोली (Charoli), तेलुगु में सारापपु (Sarapappu), तमिल में मुडइमा (Mudaima), बंगाली में पियाल (Piyal), पंजाबी में चिरोन्जी (Chironji) एवं मराठी में चरोली झाड (Charoli jhad) कहते हैं।
चिरौंजी का सेवन करने का तरीका –
चिरौंजी के पाउडर को दूध या गुनगुने पानी के साथ, चिरौंजी की पत्तियों, जड़ एवं छाल से तैयार काढ़े को एवं चिरौंजी के बीजों को व्यंजनों के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
चिरौंजी में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व –
चिरौंजी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, एनर्जी, फास्फोरस, जिंक, ऐश, नमी, क्रूड फैट, क्रूड फाइबर, स्ट्रोंटियम, एल्युमीनियम, बोरोन, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। Chironji Benefits and Side effects in hindi.
चिरौंजी के फायदे (Benefits of Chironji in hindi)
- चिरौंजी के बीज के अर्क का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। एक अध्ययन के अनुसार चिरौंजी के बीज के अर्क के उपयोग से श्वेत रक्त कोशिकाओं (White blood cells) को बढ़ावा मिलता है जिससे शरीर कई प्रकार की बीमारियों, संक्रमण एवं फंगी के हानिकारक प्रभाव से बचे रहता है। रोजाना नियमित रूप से चिरौंजी का सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है।
- चिरौंजी का सेवन करने से कब्ज की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। चिरौंजी में लैक्सेटिव गुण पाए जाते हैं जो पेट में मौजूद मल को मुलायम कर उसे बाहर निकालने में बेहद मददगार होते हैं। लंबे समय से कब्ज की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए चिरौंजी एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
- चिरौंजी के उपयोग से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। चिरौंजी की पत्तियों के अर्क में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जो शरीर में इन्सुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर रक्त से शुगर की मात्रा को घटाने का कार्य करते हैं। मधुमेह के रोगियों को चिरौंजी के बीज का इस्तेमाल करने से बहुत फायदा मिलता है।
- चिरौंजी के पत्तियों के अर्क के उपयोग से शरीर की सूजन को कम करने में आसानी होती है। चिरौंजी के पत्तियों के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर में सूजन की समस्या को आसानी से घटाया जा सकता है। चिरौंजी के इस्तेमाल से गठिया जैसी बीमारी के कारण जोड़ों में सूजन की समस्या के रोकथाम में भी बहुत मदद मिलती है।
- चिरौंजी के उपयोग से डायरिया जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। चिरौंजी के तेल से बनी दलीय, खिचड़ी, ओट्स आदि का सेवन करने से डायरिया जैसी समस्या में जल्द राहत मिलती है। इसके अलावा लगभग 5-10 ग्राम चिरौंजी पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है जिससे दस्त की समस्या में बहुत लाभ मिलता है।
- चिरौंजी का सेवन करने से माइग्रेन की समस्या से काफी हद तक राहत मिलती है। माइग्रेन की समस्या में सिर दर्द की शिकायत रहती है। चिरौंजी में कई औषधीय गुणों के साथ-साथ एनाल्जेसिक (Analgesic -Pain killer ) गुण भी पाया जाता है जिससे सिर दर्द की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
- चिरौंजी का इस्तेमाल करना त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। चिरौंजी के बीज को पीसकर इसके लेप को गुलाब जल के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा में निखार आता है। इस लेप को चेहरे पर लगाने से कील-मुंहासे, डार्क सर्कल्स एवं दाग-धब्बों की समस्या से जल्द छुटकारा मिलता है।
- चिरौंजी का सेवन करने से शरीर में प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकता है। चिरौंजी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। चिरौंजी का नियमित सेवन करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है। चिरौंजी को कच्चा या किसी व्यंजन में मिलाकर खाया जा सकता है।
- चिरौंजी के इस्तेमाल से बालों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। चिरौंजी के पत्तियों के अर्क के उपयोग से बाल मुलायम एवं चमकदार रहते हैं। इसके अलावा चिरौंजी के तेल के इस्तेमाल से बाल लंबे समय तक काले रहते हैं।
चिरौंजी के नुकसान (Losses of Chironji in hindi)
- चिरौंजी के अत्यधिक सेवन से दस्त लगने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसमें लैक्सेटिव (Laxative) गुण पाया जाता है जिसकी अधिक मात्रा से कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- चिरौंजी का अधिक सेवन करने से थकान, कमजोरी, उल्टी, मतली एवं चक्कर आने जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। चिरौंजी में एनाल्जेसिक (Analgesic -Pain killer) प्रभाव पाया जाता है जिसकी अधिक मात्रा से शरीर में इस तरह की शिकायत हो सकती है।
- लो शुगर की समस्या वाले लोगों को चिरौंजी के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसमें रक्त से शुगर की मात्रा को घटाने वाले गुण पाए जाते हैं। मधुमेह की दवा का सेवन कर रहे लोगों को चिरौंजी का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे रक्त में शुगर की सामान्य से घट सकती है।
- कमजोर पाचन तंत्र की समस्या वाले लोगों को चिरौंजी के अधिक सेवन से बचना चाहिए। कुछ लोगों में चिरौंजी भूख में कमी का कारण बन सकता है।
- चिरौंजी के तेल मौखिक रूप से सेवन करने से अत्यधिक पेशाब की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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