तुरई के फायदे और नुकसान ( Turai ke fayde aur nuksan ) : तुरई के फायदे और नुकसान बहुत सारे होते हैं। तुरई एक लोकप्रिय सब्जी है, जो अच्छी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। तुरई को अंग्रेजी में रिजड् गुऍर्ड (Ridged gourd) कहा जाता है और इसकी तासीर ठंडी होती है।
तुरई की खेती भारत में मुख्य रूप से बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु, उत्तर-पश्चिमी और उत्तराखंड में की जाती है। तुरई पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण, अच्छी सेहत के साथ कई शारीरिक समस्याओं को दूर कर शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होती है।
तुरई के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Ridge Gourd (Turai) in hindi)
आयुर्वेद के अनुसार, तुरई में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसलिए इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए भी किया जाता है। तुरई अच्छी सेहत के साथ कई शारीरिक समस्याओं को दूर कर, शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होती है। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से तुरई के फायदे और नुकसान के बारे में।
तुरई के अन्य भाषाओं में नाम
तुरई को हिंदी में तुरई, तोरई व काली तोरी, संस्कृत में पीतपुष्पा व जालिनी, गुजराती में तुरिया व घिसोडा, तमिल में पिरकान्कई, बंगाली में घोषा लता व झिंगा, मराठी में दोडकी और नेपाली में रामतोरई कहा जाता है।
तुरई में पाए जाने वाले पोषक तत्व
तुरई में प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मैंगनीज और कॉपर के साथ विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-के और विटामिन बी6 जैसे कई पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते हैं।
तुरई के सेवन का तरीका
तुरई की सब्जी, अचार, सूप और कढ़ी बनाकर सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा तुरई के फूल के पकौड़े बनाकर, तुरई के सूखे पत्तों का पाउडर बनाकर और तुरई के बीज में मौजूद मुलायम गुदों का सेवन किया जा सकता है। Benefits of Turai in hindi.
तुरई के फायदे (Benefits of Ridge Gourd (Turai) in hindi)
- पाचन स्वास्थ्य के लिए भी तुरई का सेवन लाभदायक होता है। तुरई में पानी और फाइबर की उच्च मात्रा पायी जाती है। फाइबर पाचन स्वास्थ्य के लिए प्रमुख घटक के रूप में कार्य करता है। जो पाचन में सुधार कर, पाचन तंत्र को मजबूत बनाये रखने में सहायक होता है। इसके अलावा फाइबर कब्ज जैसी अन्य पेट समस्याओं को भी दूर करता है।
- मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए भी तुरई का सेवन लाभदायक होता है। तुरई में लो-कार्ब डाइट (कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम) पायी जाती है। जो रक्त में मौजूद शुगर के स्तर और इंसुलिन के स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है। जिससे रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है और मधुमेह रोग से बचाव किया जा सकता है।
- आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी तुरई का सेवन लाभदायक होता है। तुरई में विटामिन-ए की उच्च मात्रा पायी जाती है। विटामिन-ए आंखों के स्वास्थ्य के लिए प्रमुख घटक के रूप में कार्य करता है। जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने से लेकर, बढ़ती उम्र में होने वाली आंखों की की समस्याओं को भी दूर करता है। इसलिए आंखों को स्वस्थ रखने के लिए तुरई को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
- वजन को कम करने के लिए तुरई का सेवन लाभदायक होता है। तुरई में कैलोरी की मात्रा बहुत कम पायी जाती है साथ ही तुरई में मौजूद फाइबर, पेट को लम्बे समय तक भरा हुआ रखने में सहायक होता है और अनियमित भूख को नियमित करने में मदद करता है, जो वजन को कम करने में सहायक हो सकता है।
- पीलिया रोग से बचाव के लिए भी तुरई का उपयोग फायदेमंद होता है। पीलिया की रोकथाम के लिए घरेलू उपचार के रूप में तुरई का उपयोग किया जा सकता है। कड़वी तुरई के रस की दो-तीन बूंद नाक में डालने से नाक से पीले रंग का पानी निकलता है, जो पीलिया की रोकथाम में मदद करता है।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए भी तुरई का सेवन लाभदायक होता है। तुरई में पोटेशियम की उच्च मात्रा पायी जाती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए प्रमुख घटक के रूप में कार्य करता है। पोटेशियम हृदय को स्वस्थ रखने के साथ हृदय से जुड़े अन्य रोगों से भी बचाव करता है। इसके अलावा तुरई में मौजूद सॉल्यूबल फाइबर, खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
- बालों के स्वास्थ्य के लिए भी तुरई का सेवन लाभदायक होता है। तुरई में मौजूद जस्ता और विटामिन-सी के साथ कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो बालों को पोषण प्रदान करने के साथ बालों के विकास और उनको मजबूत बनाये रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा तुरई में मौजूद विटामिन-सी, दो मुंहे बालों को रिपेयर कर बालों को मुलायम व चमकदार बनाए रखने में सहायक होता है।
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- बवासीर रोगियों के लिए भी तुरई का सेवन लाभदायक होता है। बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो कब्ज की समस्या के कारण होती है। इसलिए तुरई में मौजूद फाइबर, कब्ज की समस्या को दूर करने में सहायक होता। जो बवासीर रोग से बचाव करने में मदद कर सकता है। इसलिए बवासीर रोगियों के लिए तुरई का सेवन लाभदायक हो सकता है।
- मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए तुरई के काढ़े का सेवन लाभदायक होता है। तुरई के काढ़े का सेवन, मासिक धर्म में होने वाली पेट दर्द और ऐंठन को दूर करने के साथ अतिरिक्त रक्तस्राव को कम करने में सहायक होता है।
- कैंसर से बचाव के लिए भी तुरई का सेवन लाभदायक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, तुरई में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते है, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकने में मदद करते हैं और कैंसर से बचाव करने में सहायक होते है। इसलिए कहा जा सकता है कि कैंसर से बचाव के लिए तुरई का सेवन लाभदायक हो सकता है।
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तुरई के नुकसान (Losses of Ridge Gourd (Turai) in hindi)
- कुछ लोगों को तुरई से एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को तुरई के सेवन से किसी भी प्रकार की एलर्जी होती है, तो वह व्यक्ति तुरई के सेवन से बचें।
- गर्भवती व स्तनपान करने वाली महिलाओं को तुरई का सेवन करने से पहले, अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
- यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन करता है, तो वह व्यक्ति तुरई के सेवन से पहले अपने डॉक्टर से राय लें।
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