गले मे दर्द होने के कारण और उपाय ( gale mein dard hone ke karan aur upay ) : गले मे दर्द होने के कारण और उपाय यहाँ बताये गए हैं। गले में दर्द की समस्या मुख्य रूप से मौसम में बदलाव के कारण होती है। लेकिन कई बार गले में दर्द होने के कई कारण हो सकते है, जैसे बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण, एलर्जी, मांसपेशियों में खिंचाव और कई शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण गले में दर्द हो सकता है। जिसके कई लक्षण देखे जाते हैं जैसे गले में खुजली, खराश व दर्द, खाद्य पदार्थों को निगलने में तकलीफ होना, आवाज धीमी होना और गले की ग्रंथियों में सूजन व दर्द होना आदि।
गले मे दर्द होने के कारण और उपाय (Causes and remedies for throat pain in hindi)
गले और मुंह का कैंसर भी गले में दर्द का कारण बनता है। जिसका सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो, यह काफी कष्टदायी हो सकता है। सामान्य तौर पर होने वाले गले के दर्द को ठीक करने के कई आयुर्वेदिक उपाय हैं, जिनका उपयोग कर आप गले के दर्द में राहत पा सकते है। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से गले में दर्द के कारण और उपाय के बारे में।
गले में दर्द होने के कारण (causes of throat pain in hindi)
वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण के कारण
वायरल और बैक्टीरिया संक्रमण के कारण भी गले में दर्द हो सकता है। वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण आसानी से फैलने वाला संक्रमण है, जो ज्यादा भीड़-भाड़ में आसानी से फैल सकता है। इनमें शामिल है जुकाम, फ्लू , खसरा और चिकन पॉक्स आदि। इन संक्रमणों के चलते गले में दर्द होना एक आम समस्या है।
एलर्जी के कारण
एलर्जी के कारण गले में दर्द होना एक आम समस्या है। एलर्जी के कई कारण हो सकते है जैसे धूल, पराग से होने वाली एलर्जी, शुष्कता यानी ठंडे हवा के सम्पर्क में आने के कारण होने वाली एलर्जी, यह एलर्जी सुबह ठंडी हवा के कारण ज्यादा होती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण जैसे , तंबाकू, धुआं और केमिकल्स के सम्पर्क में आने के कारण होने वाली एलर्जी। इन एलर्जी के कारण गले में दर्द और जलन जैसी समस्या होती है।
गर्ड रोग के कारण
गर्ड या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स एक पाचन संबंधी रोग है। गर्ड तब होता है, जब पेट में मौजूद तत्व आपकी भोजन नली में वापस आ जाते हैं। जिस कारण आपकी भोजन नली की अंदरूनी सतह में जलन होती है, जो भोजन निगलने में कठिनाई का कारण बनती है। इसके अलावा इसमें गले में गांठ, दर्द आवाज बैठना जैसी समस्याएं होती है। इसलिए कहा जा सकता है कि यह गले में दर्द का कारण बन सकता है।
मांसपेशियों में खिंचाव के कारण
गले की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण भी गले में दर्द हो सकता है। अधिक जोर से चिल्लाने और अधिक शोर वाली जगह पर दूसरे व्यक्ति से बात करने की कोशिश करने पर मांसपेशियों में खिंचाव पड़ता है। यह खिंचाव गले में दर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा लम्बे समय तक लगातार बोलने पर भी गले में दर्द हो सकता है।
एचआईवी संक्रमण के कारण
एड्स एक बीमारी है, जो रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आप कई तरीकों से एचआईवी से संक्रमित हो सकते है जैसे यौन संबंध द्वारा, रक्त के संचरण द्वारा, सुइयों के साझे प्रयोग द्वारा और गर्भावस्था व प्रसव या स्तनपान द्वारा। अगर कोई व्यक्ति एचआईवी संक्रमण से ग्रस्त है, तो उसके किसी दूसरे संक्रमण के संपर्क में आने पर गले में दर्द हो सकता है।
गले में टॉन्सिल व ट्यूमर के कारण
यदि किसी कारणवश टॉन्सिल में संक्रमण हो जाये, तो यह गले में दर्द और सूजन का कारण बनता है। इस दर्द के कारण कभी-कभी खाना खाने या मुंह खोलने में भी काफी तकलीफ होती है। जो गले में दर्द का कारण बनती है। इसके अलावा कई बार गले में गांठ व ट्यूमर जैसे स्वास्थ्य समस्या हो जाती है, जो गले में दर्द का कारण बनती है।
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गले के दर्द को दूर करने के उपाय (remedies for throat pain in hindi)
- वायरस और बैक्टीरिया संक्रमण के कारण गले में दर्द होना सबसे सामान्य कारणों में से एक है। इससे बचाव के लिए स्वच्छता को अपना सबसे बेहतरीन रोकथाम का तरीका है। जैसे हाथ धोना, एक दूसरे के साथ साझा न करना, खांसते और छींकते समय अपने मुंह पर रुमाल रखना, एक दूसरे के स्पर्श से बचना, घर की चीज़ों की नियमित रूप से सफाई करना और घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करना आदि।
- गले में दर्द की समस्या को ठीक करने के लिए अदरक का सेवन किया जा सकता है। अदरक में सूजन को कम करने और दर्द को कम करने वाले गुण पाए जाते है, जो गले के दर्द में आराम दिला सकते है। इसके लिए आप अदरक की चाय या अदरक को हल्की आंच में पका कर सेवन कर सकते है। इसके अलावा अदरक के रस का सेवन किया जा सकता है।
- ठंडे के कारण होने वाले गले के दर्द को ठीक करने के लिए हल्दी दूध का सेवन लाभदायक होता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक और सूजन विरोधी गुण पाए जाते हैं, जो गले के दर्द को ठीक करने और संक्रमण से बचाव करने में सहायक होते है। इसके अलावा आप हल्दी का उपयोग चाय या काढ़े में भी कर सकते हैं।
- गले के दर्द को ठीक करने के लिए चिकन सूप का सेवन लाभदायक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, चिकन में सूजन और दर्द विरोधी गुण होते हैं, जो गले के दर्द को ठीक करने में सहायक हो सकते है। इसके लिए आप एक कटोरा गर्म चिकन सूप का सेवन कर सकते है, जो गले के दर्द को ठीक करने में सहायक हो सकता है।
- गले में दर्द की समस्या को ठीक करने के लिए लौंग का सेवन लाभदायक होता है। लौंग में दर्द और सूजन विरोधी गुण पाए जाते हैं, जो गले के दर्द और सूजन को दूर करने में सहायक होते है। इसके लिए आप एक कप गर्म पानी में लौंग पाउडर या लौंग को मिला लें। अब इस मिश्रण का सेवन दिन में कम से कम दो से तीन बार करें।
- शहद का सेवन, गले के दर्द को ठीक करने के लिए दवा के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा आप शहद के साथ नींबू का रस मिलाकर भी सेवन कर सकते है। यह गले के दर्द को ठीक करने के साथ गले की खराश भी दूर करता है।
- गले के दर्द को ठीक करने के लिए हर्बल टी का सेवन लाभदायक होता है। इसके लिए आप दालचीनी, तुलसी के पत्ते और अदरक को पानी में अच्छे से उबालकर सेवन कर सकते है। इन सभी में पाए जाने वाले औषधीय गुण, गले के दर्द को ठीक करने में सहायक होते है।
- नमक पानी का उपयोग कर भी गले के दर्द को ठीक किया जा सकता है। पानी को थोड़ा गर्म कर लें, इस पानी में नमक डालकर गरारे करें। ऐसा कम से कम दिन में दो से तीन बार करें, यह गले की दर्द और खराश को दूर करने में सहायक होता है।
आवश्यक सूचना
अगर किसी व्यक्ति को गले में दर्द की गंभीर समस्या है। इन घरेलू उपाय के बाद भी हफ्तों तक गले में दर्द रहता है। तो वह व्यक्ति, जल्द ही अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
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