पतंजलि अश्वगंधा के फायदे और नुकसान ( Patanjali Ashwagandha ke fayde aur nuksan ) : पतंजलि अश्वगंधा के फायदे और नुकसान कई होते हैं। पतंजलि द्वारा अश्वगंधा को पतंजलि दिव्य अश्वगंधा चूर्ण (Divya Ashwagandha Churna), पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल (Patanjali Ashvagandha Capsule), दिव्य अश्वगंधा घनवटी (Divya Ashwagandha Ghanvati) आदि के रूप में बेचा जाता है।
इन सभी के फायदे एक समान ही होते हैं क्योंकि सभी की सामग्री (Ingredients) का प्रमुख पदार्थ अश्वगंधा ही है अतः अश्वगंधा में जो भी गुण पाए जाते हैं उसके लाभ या फायदे ही आपको इनके सेवन से होंगे इसलिए यहाँ हमने अश्वगंधा के उपयोग से होने वाले विभिन्न फायदों के बारे में बताया है।
पतंजलि अश्वगंधा के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Patanjali Ashwagandha in hindi)
आयुर्वेद में अश्वगंधा को काफी गुणकारी बताया गया है जिसका उपयोग सदियों से होता आ रहा है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) होता है। अश्वगंधा को ‘इंडियन जिनसेंग’ और ‘इंडियन विंटर चेरी’ के नाम से भी जाना जाता है। अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है इसलिए अश्वगंधा का अधिक और लंबे समय तक सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
पानी, दूध, शहद और घी आदि के साथ अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। मार्केट में अश्वगंधा चूर्ण, अश्वगंधा जूस, अश्वगंधा कैप्सूल और अश्वगंधा चाय के रूप में आसानी से मिल जाता है। अश्वगंधा का संतुलित मात्रा में सेवन करना ही लाभकारी होता है अधिक मात्रा में सेवन करने से कई नुकसान भी हो सकते हैं। Benefits and side effects of Patanjali Ashwagandha in hindi.
पतंजलि अश्वगंधा के फायदे (Benefits of Patanjali Ashwagandha in hindi)
- अश्वगंधा में एंटी-स्ट्रेस, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के साथ-साथ लीवर टॉनिक तथा कई शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। साथ ही अश्वगंधा इम्यून सिस्टम एवं तंत्रिका तंत्र को स्ट्रांग करने, दिमागी क्षमता को बढ़ाने और अत्यधिक भूख लगने की समस्या को कम करने में भी लाभकारी होता है।
- अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी-स्ट्रेस गुण और अश्वगंधा की पत्तियों में पाए जाने वाले ट्राएथिलीन ग्लाइकोल यौगिक के कारण हम मानसिक अवसाद, चिंता और तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।
- एक रिसर्च के अनुसार अश्वगंधा के नियमित उपयोग से तनाव को 70 फीसदी तक कम किया जा सकता है। जिससे मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शरीर भी स्वस्थ रहता है। मानसिक तनाव कम होने से नींद भी अच्छी आती है अनिद्रा और बेचैनी में राहत मिलती है जिससे याददाश्त भी अच्छी रहती है। अतः कहा जा सकता है कि अश्वगंधा को अच्छी नींद और तेज याददाश्त के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।
- अश्वगंधा पुरुषों की यौन दुर्बलता को दूर कर सेक्स पावर को बढ़ाता है और वीर्य को गाढ़ा करता है जिससे वीर्य की गुणवत्ता में सुधार आता है और शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है। जिन पुरुषों को सेक्स इच्छा में कमी महसूस होती है, वीर्य कम बनता है या शीघ्रपतन जैसी समस्या होती है तो उन्हें अश्वगंधा का सेवन अवश्य करना चाहिए। सेक्स पावर बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग शिलाजीत के साथ भी किया जाता है।
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- अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण सामान्य फ्लू, सर्दी-जुकाम आदि सामान्य बीमारियां होने का खतरा काफी कम हो जाता है क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण हमारा इम्यून सिस्टम तंदुरुस्त रहता है और सामान्य बीमारी से शरीर ग्रस्त नहीं होता है।
- इन्हीं एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण अश्वगंधा के सेवन से हृदय की मांसपेशियां भी मजबूत रहती हैं जिससे हृदय सम्बन्धी कई बीमारियों का खतरा कम होता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है और डायबिटीज भी कंट्रोल में रहता है। अतः अश्वगंधा का सेवन हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।
- साथ ही अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स (WBC) और रेड ब्लड सेल्स (RBC) की संख्या बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिससे शरीर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारीयों से भी सुरक्षित रहता है। कई रिसर्चों के अनुसार अश्वगंधा कैंसर के नए सेल्स बनने और उन्हें बढ़ने नहीं देता है क्योंकि अश्वगंधा शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का निर्माण करता है जो कैंसर सेल्स को नष्ट करने में सक्षम है।
- रोजाना दूध के साथ अश्वगंधा के इस्तेमाल से आखों की रौशनी पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और मोतियाबिंद की समस्या में भी फायदा होता है। रात में सोने से पहले दूध के साथ अश्वगंधा का सेवन करना अतिगुणकारी माना जाता है। अश्वगंधा के सेवन से मांसपेशियाँ भी मजबूत होती हैं।
- थायराइड के लिए भी अश्वगंधा को लाभकारी माना जाता है। चूहों पर की गयी एक रिसर्च के अनुसार दवा के रूप में अश्वगंधा की जड़ के नियमित सेवन से थायराइड की समस्या में सुधार पाया गया है। अर्थराइटिस में भी अश्वगंधा की जड़ के रस के सेवन से लाभ मिलता है, इससे अर्थराइटिस के लक्षण में कमी और दर्द में आराम मिलता है।
- अश्वगंधा के प्रयोग से शरीर में मेलानिन की कमी नहीं होती है जिस कारण बाल सफ़ेद नहीं होते हैं। मेलेनिन बालों के प्राकृतिक रंग के लिए उत्तरदायी होता है।
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पतंजलि अश्वगंधा के नुकसान (Disadvantages of Patanjali Ashwagandha in hindi)
- अश्वगंधा का रोजाना और अधिक उपयोग कुछ लोगों के किये हानिकारक भी हो सकता है। जिसकी वजह से बुखार, थकान, दर्द, उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अतः आयुर्वेदिक डॉक्टर या नेचुरोपैथी एक्सपर्ट की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
- लो बीपी की समस्या से ग्रस्त लोगों को डॉक्टर के परामर्श के बाद ही अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए।
- शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन करने वालों को अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए इससे उनके नर्वस सिस्टम में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं को भी अश्वगंधा के अत्यधिक सेवन से गर्भपात जैसी समस्या हो सकती है।
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