विटामिन के की कमी से होने वाले रोग एवं विटामिन K के स्रोत : विटामिन्स में विटामिन के काफी महत्वपूर्ण है, आइये जानें विटामिन के की कमी से होने वाले रोग एवं विटामिन K के स्रोत। विटामिन के (Vitamin-K) मानव शरीर के लिए एक बहुत ही आवश्यक विटामिन है जो रक्त के थक्के बनने के रूप में जाना जाता है।
विटामिन K आंतरिक रक्तस्राव, मासिक धर्म के दर्द व अधिक मासिक धर्म के प्रवाह, बिलियरी ऑब्स्ट्रक्शन तथा ऑस्टियोपोरोसिस आदि समस्याओं को रोकने में सहायक होता है। विटामिन K दो प्रकार के होते हैं विटामिन के-1 तथा विटामिन के-2, विटामिन के-1 हरी व पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है तथा विटामिन के-2 मनुष्य में आंतरिक रूप से उनकी आंतो में पाया जाता है।
विटामिन K मानव शरीर में एक आवश्यक विटामिन के रूप में कार्य करता है जिसकी शरीर में उपस्थिति होना जरुरी होता है। शरीर में विटामिन K की उचित मात्रा का होना आवश्यक है जिसमें अनुशंसित आहार भत्ता (RDA) के अनुसार 14 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए 3.6 ग्राम (120 UG) व शिशु को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 2.7 ग्राम (90 UG) मात्रा में विटामिन K की आवश्यकता होती है। विटामिन K हड्डियों, रक्त व हृदय के लिए बहुत ही आवश्यक होता है तथा इसकी कमी होने से शरीर में बहुत से रोग उत्पन्न हो जाते है। Diseases caused by vitamin K deficiency in hindi.
विटामिन K की कमी से होने वाले रोग (Vitamin K ki kami se hone wale rog in hindi)
विटामिन के का सबसे महत्वपूर्ण कार्य रक्त का थक्का बनाना है अतः जिन महिलाओं में विटामिन के की कमी होती है उनमें मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्त बहने की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे पेट दर्द जैसी कई समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं। इसके अलावा विटामिन के की कमी से कैंसर जैसे घातक रोगों का खतरा बना रहता है, शरीर में विटामिन के की आवश्यकता से भी कम उपस्थिति शरीर में कैंसर जैसे रोगों को उत्पन्न कर देती है।
विटामिन के की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस रोग होने की संभावनाएं होती हैं, ऑस्टियोपोरोसिस रोग हड्डियों से संबंधित एक विकार है जिसके प्रभाव से हड्डियां अत्यंत कमजोर हो जाती हैं। विटामिन के हड्डियों को ऊर्जा और मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अतः विटामिन के की कमी से हड्डी टूटना या गिरना जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है।
विटामिन के की कमी से कार्डियोवैस्कुलर नामक रोग हो जाता है, कार्डियोवैस्कुलर रोग हृदय से संबंधी रोग है। विटामिन के-2 रक्त धमनियों को कठोर होने से रोकता है जिसकी वजह से कोरोनरी धमनी रोग एवं हार्ट फेलियर जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसके अलावा विटामिन के की कमी से कम उम्र में ही त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती हैं जिसकी वजह से कम उम्र का व्यक्ति भी अधिक उम्र का लगने लगता है।
विटामिन के को क्लॉटिंग विटामिन भी कहा जाता है जो लीवर में खून बहने से रोकता है इसकी कमी हो जाने पर लीवर में अत्यधिक रक्तस्राव होने लगता है। विटामिन के की कमी होने से नाक से अत्यधिक खून बहना, मल या मूत्र में खून आना या काले मल का आना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
विटामिन के की कमी से हेमोरेजिक नामक रोग उत्पन्न हो जाता है, हेमोरेजिक शिशुओं में अधिक रक्तस्राव की एक समस्या है। शिशुओं को स्तनपान के दौरान उचित मात्रा में विटामिन के प्राप्त न होने की वजह से उनमें यह रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इसके अलावा विटामिन के की कमी होने से बच्चों में जन्म दोष की समस्या भी उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है, उंगलियां छोटी रह जाना, नाक व कान का विकास पूरी तरह न होना व मुँह और मस्तिष्क संबंधी विकार होना जन्म दोष की समस्या के प्रमुख लक्षण है। Vitamin K ke srot in hindi.
विटामिन K के स्रोत (Sources of Vitamin K in hindi)
‘विटामिन के’ के प्रमुख स्रोत विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियां जैसे – पालक, मेथी, चौलाई, करेला, सरसों होते हैं। गेहूँ, जौ, लाल मिर्च, केले, अंकुरित अनाज, चुकंदर, केल, ब्रोकली, सेलेरी, मटर, मूली, पत्ता गोभी, बीन्स, खीरा आदि में विटामिन K भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा रसदार फलों, अंडा, मछली, दूध से बने खाद्य पदार्थ, सोयाबीन ऑइल, ओलिव ऑइल तथा कैनोला ऑइल इन सभी से भरपूर मात्रा में ‘विटामिन के’ प्राप्त किया जा सकता है।
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