दालचीनी के फायदे और नुकसान ( dalchini ke fayde aur nuksan ) : दालचीनी के फायदे एवं नुकसान कई सारे होते हैं। दालचीनी एक विशेष प्रकार का मसाला है जिसका पेड़ 6-16 मीटर ऊँचा व मध्यम आकार का होता है इसकी छाल पतली, पीली, सुगंधित एवं चिकनी होती है। दालचीनी की तासीर गर्म होती है इसी कारण इसका उपयोग सर्दियों में अधिक किया जाता है तथा यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होती है।
दालचीनी के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Cinnamon in hindi)
दालचीनी के पत्तों में तीखी खुशबू आती है, इसके फूल छोटे हरे व सफेद रंग के होते है। दालचीनी का उपयोग भोजन बनाने में एक मसाले के रूप में किया जाता है जिसके इस्तेमाल से खाने को अलग ही स्वाद व सुगंध मिल जाती है। इसके अलावा दालचीनी का उपयोग कई प्रकार के रोगों में भी उपयोगी होता है।
दालचीनी के अन्य भाषाओं में नाम –
दालचीनी को हिंदी भाषा में दालचीनी, दारूचीनी व दारचीनी कहा जाता है इसके अलावा अंग्रेजी में सीलोन सिनामोन (Ceylon Cinnamon), ट्रू सिनैमोन (True Cinnamon), संस्कृत में त्वक्, दारुसिता, वराङ्ग, भृङ्ग, तनुत्वक्,चोचम, उत्कट, स्वाद्वी, उर्दू में दारचीनी, उड़िया में दालोचिनी व दारूचीनी, गुजराती में दालचीनी व तज, तमिल में लवंग पत्तै, पंजाबी में दाचीनी व किरफा, मराठी में दालचीनी तथा नेपाली में दालचीनी व कुखीतगी कहा जाता है।
दालचीनी की खेती –
दालचीनी बहुत ही गुणकारी होता है जिसकी खेती जुलाई से सितम्बर के माह तक की जाती है। भारत में दालचीनी की ज्यादातर खेती दक्षिणी एवं पश्चिमी समुद्र तटीय क्षेत्रों में की जाती है। इसके अलावा भारत में दालचीनी की खेती तमिलनाडु, केरल व कर्नाटक जैसे राज्यों में भी की जाती है। Benefits and side effects of Cinnamon in hindi.
दालचीनी के फायदे (Benefits of Cinnamon in hindi)
- दालचीनी का सेवन दांत दर्द, चर्म रोग, मासिक धर्म संबंधी अनेक समस्याओं को दूर करने में बहुत ही सहायक होता है। इसके अलावा दालचीनी पाचन संबंधी समस्याओं, टीबी एवं दस्त जैसी अन्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। दालचीनी के सेवन से अधिक हिचकी आने की समस्या को भी दूर किया जा सकता है, 10-20 मिली दालचीनी का काढ़ा पीने से हिचकी की समस्या को रोका जा सकता है।
- दालचीनी का सेवन भूख बढ़ाने के लिए भी किया जाता है, 500 मिग्रा अदरक का चूर्ण यानि सौंठ, 500 मिलीग्राम इलायची में 500 मिग्रा पीसी हुई दालचीनी मिलाकर इन सभी के मिश्रण का रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से भूख न लगने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा दालचीनी के सेवन से पेट फूलने की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है, 5 ग्राम दालचीनी चूर्ण को 1 चम्मच शहद में मिलाकर दिन में 3 बार इसका सेवन करने से पेट फूलने की समस्या को कम किया जा सकता है।
- दालचीनी का सेवन नेत्र संबंधी रोगों के लिए भी फायदेमंद होता है, दालचीनी के तेल को आँखों में हल्के हाथ से मलें। इससे आँख फड़कने की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा दालचीनी का सेवन दांत दर्द के लिए भी फायदेमंद होता है, दो बूंद दालचीनी के तेल को रुई में लेने के बाद इसे संक्रमित दांत में रखने से दांत दर्द में राहत मिलेगी। इसके अलावा दालचीनी के 5-6 पत्ते के पिसे हुए मिश्रण से दांत में मंजन करने से भी दांत की समस्याओं को दूर किया जा सकता है इससे दांत साफ होकर चमक उठते हैं।
जानें दालचीनी के तेल के फायदे और नुकसान – Cinnamon Oil Benefits।
- दालचीनी का सेवन सिर में होने वाले दर्द को भी कम करने में सहायक होता है, दालचीनी के 8-10 पत्तों के पीसे हुए लेप को माथे पर लगाए और कुछ देर बाद धो लें। इससे ठण्ड और गर्मी से होने वाले सिर दर्द से आराम मिलता है। दालचीनी के तेल की सिर में मालिश करने से सिर दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा दालचीनी, तेजपत्ता और चीनी को समान मात्रा में मिलाने के बाद चावल के धोवन यानि चावल के धोए हुए पानी के साथ समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को नाक में डालें उसके बाद गाय का शुद्ध घी डालने से सिर दर्द संबंधी रोगों से छुटकारा पाया जा है।
- दालचीनी का सेवन ख़ासी व जुकाम की समस्या को दूर करने के लिए भी लाभदायक होता है, दालचीनी को पानी में घिसने के बाद गर्म कर लें और नाक में इसका लेप लगाए इससे जुकाम की समस्या कम हो जाएगी। इसके अलावा आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को 2 चम्मच शहद के साथ रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से ख़ासी में राहत मिलती है इस मिश्रण का सेवन दस्त की समस्या को दूर करने में भी सहायक होता है।
- दालचीनी का सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक होता है, 1 कप पानी में 2 चम्मच शहद व तीन चम्मच दालचीनी चूर्ण मिलाकर रोजाना 3 बार पीने से कोलेस्ट्रॉल व मोटापे को कम किया जा सकता है। दालचीनी, इलायची व तेजपत्ता को समान मात्रा में मिलाने के बाद इसका काढ़ा बनाए और इसका सेवन करें ऐसा करने से आमाशय की ऐंठन को ठीक किया जा सकता है।
- दालचीनी का सेवन करना महिलाओं को प्रसव के बाद बहुत ही फायदेमंद होता है, दालचीनी, त्रिकटु, पीपरामूल, इलायची, तेजपात व अकरकरा के 1-2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से महिलाओं में माँ बनने के बाद होने वाले रोगों से बचा जा सकता है। इसके अलावा दालचीनी का सेवन फेफड़ों व गर्भाशय से रक्तस्राव को रोकने के लिए भी किया जाता है, 10 से 20 मिली दालचीनी का काढ़ा पीने से इस समस्या को दूर किया सकता है।
- दालचीनी का सेवन टीबी व गठिया में भी फायदेमंद होता है, दालचीनी के तेल की थोड़ी मात्रा पीने से टीबी के कीटाणु ख़त्म हो जाते है। 10-20 ग्राम दालचीनी के चूर्ण को 20-30 ग्राम शहद में मिलाकर इसका मिश्रण गठिया वाले भाग में लगाने से राहत मिलती है। गुनगुने पानी में 2 ग्राम दालचीनी चूर्ण, 1 चम्मच शहद मिलाकर तीनों समय पीने से गठिया की समस्या में राहत मिलती है।
जानें दालचीनी और शहद के फायदे और नुकसान।
दालचीनी के नुकसान (Losses of Cinnamon in hindi)
- दालचीनी का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होता है, यदि इसका सेवन गर्भवती महिलाएं करती है तो यह गर्भ को गिरा देता है। दालचीनी गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है इसे गर्भाशय में रखने से भी गर्भ गिर जाता है।
- दालचीनी के आवश्यकता से अधिक सेवन करने से सिर दर्द की समस्या उत्पन्न होने की संभावनाएं रहती है इसलिए इसका आवश्यकतानुसार ही सेवन करना उचित होता है।
- किसी विशेष रोग के लिए यदि दालचीनी का सेवन करना चाहते है तो सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
जानें पेट की गैस का तुरंत इलाज – घरेलू उपचार।