छींक आने के कारण और उपाय ( cheenk aane ke karan aur upay) : छींक आना एक सामान्य बात है, लेकिन अगर छींक बार-बार आने लगे या लगातार छींक आने लगे तो यह एक परेशानी बन जाती है। बार-बार छींक आने से व्यक्ति परेशान एवं चिड़चिड़ा हो जाता है। छींक आने पर गले, नाक व शरीर के भीतर के उत्तेजक पदार्थ बाहर निकल आते है।
छींक आने की समस्या कभी भी और कहीं भी हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को बहुत जल्दी-जल्दी छींक आती है तो यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी को दर्शाता है। इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार, छींक आना कई बीमारियों का संकेत भी हो सकता हैं, इसलिए छींक आने के कारण को जानना बेहद जरुरी हैं।
आमतौर पर छींक आने की समस्या सर्दी-जुकाम के कारण होती है लेकिन इसके अलावा भी कई कारणों के चलते छींक आने की समस्या हो सकती है जैसे किसी भी प्रकार के बाहरी उत्तेजक वस्तु या तेज गंध के संपर्क में आने के कारण छींक आने लगती है और कुछ विशेष प्रकार की दवाओं के रिएक्शन के कारण भी छींक की समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा नाक में चोट लगना और नाक में कुछ चले जाना जैसी अन्य समस्याएं छींक आने का कारण बन सकती हैं।
छींक की समस्या के दौरान कई लक्षण देखने को मिलते है जैसे सिर में दर्द व भारीपन, नाक से लगातार पानी बहना, चिड़चिड़ापन, सूंघने की शक्ति का कम हो जाना, नाक में खुजली होना, आंखों से पानी आने लगना, बुखार होना, आंख लाल होना, गले में दर्द होना और बदन में हल्का दर्द होना आदि।
लेकिन क्या आप जानते हैं, लगातार छींक आने की समस्या से निजात पाने के लिए कई घरेलू उपाय हैं, जिसका उपयोग कर आप लगातार छींक आने की समस्या को दूर कर सकते है। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से छींक आने के कारण और उपाय के बारे में।
छींक आने के कारण (causes of sneezing in hindi)
- सर्दी-जुकाम के कारण नाक के अन्दर की म्यूकस झिल्ली में सूजन आने लगती है, जिस कारण छींक आने लगती है।
- एलर्जी से ग्रस्त रोगियों में पराग कणों के संपर्क में आने के कारण, छींक आने की समस्या हो सकती है।
- कुछ विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन और उनका साइड इफेक्ट, छींक आने का कारण बन सकता है।
- धूल, धुंआ एवं तेज गंध के संपर्क में आने से नाक के भीतर की म्यूकस झिल्ली उत्तेजित हो जाती है, जिस कारण छींक आने लगती है।
- कई बार ठंडी हवा में श्वास या सांस लेने पर भी छींक आने के समस्या पैदा हो सकती है।
- अत्यधिक मसालेदार भोजन का सेवन भी कई बार लगातार छींक आने का कारण बनता है।
- नाक का मांस बढ़ने लगना और नाक में चोट लग जाना दोनों ही छींक आने का कारण बनते है।
- सिगरेट के धुंए के कारण भी नाक के भीतर की म्यूकस झिल्ली उत्तेजित हो जाती है, जिस कारण छींक आने लगती है।
- नाक में कुछ चले जाने पर खुजली की समस्या होने लगती है, जिसे कारण छींक आने लगती है ।
- कई बार वायु प्रदूषण के प्रभाव के कारण भी लगातार छींक आने की समस्या पैदा हो सकती है।
- कुछ लोगों को ठंड से एलर्जी होती है, जैसे ही वे लोग ठंडी तासीर वाली चीज़ों का सेवन करते है तो उनको छींक आने लगती है।
- कुछ विशेष प्रकार के स्प्रे व पाउडर आदि का इस्तेमाल करना भी छींक आने का कारण बन सकता है।
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छींक आने से बचाव के लिए इन विशेष बातों का ध्यान दें –
- भोजन करने से पहले और कहीं बाहर से आने पर सबसे पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें।
- अगर किसी व्यक्ति को अपने एलर्जी की पहचान नहीं हो पा रही है तो वह व्यक्ति सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।
- जुकाम होने पर सिरदर्द या बदन दर्द की समस्या होने पर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कर सकते है।
- घर से बहार निकलने से पहले मास्क का इस्तेमाल करें और तीव्र गंध वाले परफ्यूम एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करने से बचें।
- एलर्जी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं रखें और जंक फूड का सेवन करने से बचें।
- ठंडी व गर्म तासीर वाली चीजों का एक साथ सेवन करने से बचें।
- बाहर की गर्मी वाले वातावरण से आकर एकदम से पंखे या कूलर के सामने न बैठे और ठंडे पानी से नहाने से बचें।
- सुबह नियमित रूप से प्राणायाम करें। विशेषकर अनुलोम-विलोम एवं कपालभाति रोजाना 30 मिनट करें। इस करने से एलर्जिक अवस्थाओं में विशेष लाभ मिलता है।
- नाक के अंदर की सूजन को कम करने के लिए नेजल स्प्रे का उपयोग कर सकते है। यह नाक के अंदर की सूजन को कम करता है और छींक आने से बचता है।
छींक आने की समस्या से निजात पाने के घरेलू उपाय
हल्दी
हल्दी में एलर्जी से राहत दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं इसलिए भोजन में हल्दी का उपयोग करें। इसके अलावा हल्दी में पाए जाने वाला करक्यूमिन नामक तत्व, नाक के नसों की सूजन को कम करता है और छींक आने की समस्या को दूर करता है। छींक आने की समस्या से राहत पाने के लिए आप हल्दी दूध का सेवन कर सकते हैं। जानें हल्दी के फायदे और नुकसान।
अदरक
अदरक में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो छींक आने की समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आप एक चम्मच अदरक का रस लें और इसमें आधा चम्मच गुड़ मिलाकर इसका दिन में दो बार सेवन करें। यह छींक की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है। जानें अदरक के फायदे और नुकसान।
हींग
हींग में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो लगातार आने वाली छींक को रोकने में मदद करते हैं। लगातार छींके आने की समस्या में थोड़ी-सी हींग लें और इसकी गंध को सूंघे। यह घरेलू उपचार बार बार आने वाली छींक की समस्या से राहत पहुंचाता है। जानें हींग के फायदे और नुकसान।
पुदीना
पुदीने में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल छींक की समस्या को दूर करता है। इसके लिए आप उबलते हुए पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें डाल दें और फिर इस पानी से भाप लें। इस प्रक्रिया को करने से छींक आना बंद हो जायेगा। जानें पुदीना के फायदे और नुकसान।
नींबू
नींबू में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल जैसे कई गुण पाए जाते हैं, जो छींक से राहत दिलाने में मदद करते है। लगातार छींक आने के दौरान एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और आधा नींबू का रस मिलाकर सेवन करें। जानें नींबू के फायदे और नुकसान।
सरसों तेल
सरसों तेल में एलर्जी से राहत दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल एलर्जी के कारण आने वाली छींकों की समस्या से राहत दिलाने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए आप सरसों तेल की 2-3 बूंद नाक में डालें और इस तेल को ऊपर की ओर खींचें। ऐसा करने से छींक आना बन्द हो जाता है। जानें सरसों तेल के फायदे और नुकसान।
संतरा
संतरे में विटामिन-सी होता है, जो रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इसके लिए आप रोजाना दिन के भोजन के बाद एक गिलास संतरे के जूस का सेवन कर सकते है। यह रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करेगा और सर्दी-जुकाम से दूर रखेगा। जानें संतरा खाने के फायदे और नुकसान।
कैमोमाइल चाय
कैमोमाइल चाय का सेवन छींक आने की समस्या को दूर करता है क्योंकि कैमोमाइल चाय में एंटीएलर्जिक गुण पाए जाते है। जो एलर्जी के कारण हो रही छींकों की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। इसलिए कहा जा सकता है कि कैमोमाइल चाय का सेवन लगातार आने वाली छींकों की समस्या को दूर कर सकता है। जानें कैमोमाइल चाय के फायदे और नुकसान।
आवश्यक सूचना
अगर किसी व्यक्ति को छींक आने की गंभीर समस्या है, इन घरेलू उपाय के बाद भी हफ़्तों तक छींक आने की समस्या लगी रहती है तो वह व्यक्ति जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें।
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