टिंडा खाने के फायदे और नुकसान ( tinda khane ke fayde aur nuksan ) : टिंडा खाने के फायदे और नुकसान कई है। टिंडा (Apple Gourd) एक प्रकार की सब्जी है जो बेल या लताओं में उगती है। टिंडा (Tinda) का रंग हल्के हरे रंग का होता है जिसका आकार गोल या अंडाकार का होता है। टिंडा की खेती वसंत ऋतु में की जाती है जिसका उपयोग अधिकांशतः सब्जी, अचार और जूस बनाने के लिए किया जाता है। टिंडे को अंग्रजी में Round gourd (राउन्ड गॉर्ड), Indian round gourd (इण्डियन राउन्ड गॉर्ड) के नाम से जाना जाता है।
टिंडा खाने के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of eating Round Gourd in hindi)
टिंडा खाना शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। टिंडा में कई पोषक तत्व मौजूद होते है जो विभिन्न रोगों से लड़ने और ठीक करने में मदद करते है। टिंडा का वैज्ञानिक नाम प्रेसिट्रुलस फिस्टुलोसस (praecitrullus fistulosus) है। टिंडा में बहुत अधिक मात्रा में पानी मौजूद होता है और इसलिए टिंडा की तासीर ठंडी होती है।
टिंडा में पाए जाने वाले पोषक तत्व
टिंडा में पानी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, कोलेस्ट्रॉल, कैलोरी, फैट जैसे पोषक तत्व पाए जाते है। इसके अलावा टिंडा में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी12 व एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण भी मौजूद होते है।
टिंडा की खेती
टिंडा की खेती मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में की जाती है। टिंडा की खेती पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व मुंबई में की जाती है। इसके अलावा अफ़्रीकी देशों में भी टिंडा की खेती की जाती है।
टिंडा का अन्य भाषाओं में नाम
टिंडा को हिंदी भाषा में टिंडा और अंग्रेजी भाषा में एप्पल गार्ड कहा जाता है। इसके अलावा टिंडा को संस्कृत भाषा में डिण्डिश, रोमशफल व मुनिनिर्मित आदि, पंजाबी में टंडस, टेण्डू व टिंडा, मराठी में ढेमसे, राजस्थानी में टींडसी और मलयालम में देडसे कहा जाता है।
टिंडा खाने के फायदे (Benefits of eating Round Gourd in hindi)
- टिंडा खाने से कब्ज की समस्या को ठीक किया जा सकता है। टिंडा में मौजूद फाइबर और जल की उचित मात्रा कब्ज में होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करते है। टिंडा खाने से यह कोलन कैंसर के खतरे को कम करने के साथ पेट में दर्द, पेट फूलना एवं पेट में ऐंठन जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है जो लोग बहुत अधिक कब्ज की समस्या से पीड़ित है वे रोजाना आहार में टिंडा की सब्जी या इससे बने अन्य खाद्य पदार्थों को शामिल करें इससे पेट में कब्ज की समस्या को लगभग 60 प्रतिशत तक ठीक किया जा सकता है।
- टिंडा खाना ह्रदय के लिए बेहद फायदेमंद होता है। टिंडा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुण मौजूद होते है जो शरीर से बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते है। भोजन में टिंडा से बने खाद्य पदार्थों को शामिल करने से यह ह्रदय संबंधी कई समस्याओं जैसे – स्ट्रोक और हार्ट अटैक आदि से बचा जा सकता है।
- टिंडा खाना वजन को कम करने में बेहद फायदेमंद होता है। टिंडा में कैलोरी की मात्रा कम और जल व फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिसे खाने से वजन बढ़ने की समस्या उत्पन्न नहीं होती और वजन नियंत्रित रहता है। टिंडा खाने से अधिक समय तक ऊर्जा बनी रहने के साथ पेट भरा रहता है जिससे अधिक या बार- बार खाना खाने की इच्छा नहीं होती यही कारण है कि टिंडा खाने से वजन कम किया जा सकता है।
- टिंडा खाना त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है। टिंडा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-फ़्लगल गुण मौजूद होते है जो त्वचा को बैक्टीरिया और कई संक्रमणों से सुरक्षित करने में मदद करता है। त्वचा में प्रदूषण आदि के कारणों से एलर्जी और टैनिंग की समस्या को दूर करने के लिए टिंडा खाना बेहद फायदेमंद होता है। टिंडा में जल और विटामिन ई की उचित मात्रा होती है जो त्वचा को प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करने में मदद करते है।
- टिंडा खाना बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। टिंडा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है जो बालों एवं खोपड़ी को बहुत से संक्रमणों से सुरक्षित रखने में मदद करता है। टिंडा खाने से यह डैंड्रफ की समस्या को खत्म करके बालों को मजबूत, घना, चमकदार और खूबसूरत बनाने में मदद करता है।
- टिंडा खाना किडनी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में बेहद फायदेमंद होता है। टिंडा में मौजूद पानी शरीर और किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने व शरीर के भीतरी अंगों को साफ करने में मदद करते है। इसके अलावा टिंडा खाने से इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाया जा सकता है। टिंडा में ऐसे बहुत से पोषक तत्व होते है जो शरीर को उचित स्तर पर इम्युनिटी प्रदान करने में बेहद लाभदायक होते है।
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टिंडा खाने के नुकसान (Harms of eating Round Gourd in hindi)
- टिंडा का अधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इसमें पानी और फाइबर की बहुत अधिक मात्रा होती है जो पेट में दर्द, पेट में ऐंठन और डायरिया जैसी समस्याएं उत्पन्न कर देते है।
- टिंडा का सेवन करने से यह बुखार से पीड़ित व्यक्ति के लिए नुकसानदायक हो सकता है। टिंडा की तासीर ठंडी होती है इसीलिए यह बुखार को और अधिक बढ़ा सकता है।
- गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टिंडा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इसके अलावा किसी रोग के इलाज के दौरान टिंडा का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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