सिंघाड़े के आटे का हलवा खाने के फायदे ( singhade ke aate ka halva khane ke fayde ) : सिंघाड़ा एक फल है, जिसका पौधा जलीय स्थानों में पाया जाता है। सिंघाड़े की खेती कीचड़ व पानी वाले स्थान में की जाती है। यह तिकोने आकार का फल होता है जो पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और खाने में स्वादिष्ट होने के साथ अच्छी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
सिंघाड़े को अंग्रेजी में वॉटर चेस्टनट (Water chestnut) कहा जाता है और सिंघाड़े की तासीर ठंडी होती है। भारत में मुख्य रूप से सिंघाड़े की खेती बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में की जाती है।
इसके अलावा बात करें सिंघाड़े के आटे कि तो, सिंघाड़े फल को सुखाकर, उसका पाउडर बनाकर, आटे के रूप में प्रयोग किया जाता है। सिंघाड़े के आटे से हलवा, रोटी और नमकीन आदि जैसे कई प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं। सिंघाड़े के आटे से बने खाद्य पदार्थों का प्रयोग मुख्य रूप से व्रत आदि में किया जाता है। सिंघाड़े फल का आटा अत्यन्त पौष्टिक एवं मधुर होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, भैंस के दूध की तुलना में सिंघाड़े के आटे में 22 प्रतिशत अधिक लवण व क्षार तत्व पाए जाते हैं इसलिए सिंघाड़े के आटे को पौष्टिक तत्वों का खजाना कहा जाता है। इसके अलावा सिंघाड़े के आटे में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह रोग, हृदय रोग, अल्सर तथा गठिया जैसे रोगों से बचाव करते हैं। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं, सिंघाड़े के आटे का हलवा खाने के फायदे के बारे में।
सिंघाड़े के आटे में पाए जाने वाले पोषक तत्व
सिंघाड़े के आटे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैंगनीज, फाइबर, सोडियम, विटामिन-ए, सिट्रिक एसिड, फास्फोरस, विटामिन-सी, सोडियम, आयोडीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक और आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाने की विधि
कड़ाही में एक से दो चम्मच घी गर्म करें, उसके बाद इसमें सिंघाड़े का आटा डालकर धीमी आंच पर लगातार भूनें। वहीं दूसरी तरफ एक दूसरे बर्तन में पानी और चीनी को सामान्य आंच पर रख दें। जब आटा पूरी तरह भून जाए तो इसमें तैयार की गई चाशनी व एक चम्मच इलायची पाउडर डालें और इसे धीमी आंच पर तब पकाएं जब तक पानी पूरी तर सूख न जाएं, इस दौरान हलवे को लगातार करची से चलाते रहें। जब घी कड़ाही के किनारों में आने लगे तो, समझ जाएं कि हलवा पूरी तरह तैयार हो गया है। हलवे को और ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए बादाम को गार्निश करके गर्मा-गर्म हलवे में डालें।
सिंघाड़े के आटे का हलवा खाने के फायदे
- गर्भावस्था के दौरान सिंघाड़े के आटे का हलवा खाना गर्भवती महिला और उसके होने वाले शिशु के लिए फायदेमंद होता है। सिंघाड़े के आटे से बना हलवा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा गर्भपात का खतरा भी कम होता है।
- सिंघाड़े के आटे में कुछ ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो रक्त संबंधी विकारों को दूर करते हैं। अगर आप नियमित रूप से सिंघाड़े के आटे से बने हलवे का सेवन करते हैं तो यह रक्त संबंधी सभी समस्याओं को दूर करता है।
- सिंघाड़े के आटे का हलवा यौन दुर्बलता को दूर करता है। अगर कोई स्पर्म काउन्ट को बढ़ाना चाहते हैं तो आप सिंघाड़े के आटे से बने हलवे का सेवन करें क्योंकि सिंघाड़े के आटे में पाए जाने वाले पोषक तत्व, स्पर्म काउन्ट को बढ़ाने में लाभदायक होते है, साथ ही यह सेक्स करने के दौरान सेक्सुअल स्टैमिना को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- सिंघाड़े के आटे में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है इसलिए सिंघाड़े के आटे से बने हलवे का सेवन करने से हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत रहते हैं।
- पेशाब से जुड़ी सभी समस्याओं जैसे पेशाब करते समय दर्द व जलन होना, रोक-रोक के पेशाब आना और बार-बार पेशाब आना जैसी अन्य पेशाब संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में सिंघाड़े के आटे से बने हलवे का सेवन करना फायदेमंद होता है।
- सिंघाड़े के आटे से बने हलवे का सेवन, शारीरिक कमजोरी को दूर कर, शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। दरअसल सिंघाड़े के आटे में मधुर एवं गुरु गुण पाए जाते हैं इसलिए यह देर से पचता है और शरीर को लम्बे समय तक ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होता है।
- अस्थमा के रोगी यानी जिन्हें सांस से जुड़ी तकलीफ ज्यादा होती है, उन लोगों के लिए सिंघाड़ा बेहद फायदेमंद होता है। नियमित रूप से सिंघाड़ा या सिंघाड़े के आटे से बने हलवे का सेवन करने से सांस से जुड़ी सभी समस्याओं में आराम मिलता है।
- प्रसव होने के बाद महिलाओं में कमजोरी आ जाती है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए महिलाओं को सिंघाड़े के आटे से बने हलवे का सेवन करना चाहिए यह प्रसव के बाद होने वाली शरीर में कमजोरी को दूर करता है।
जानें सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान और शुगर में सिंघाड़ा खाने के फायदे और नुकसान – Water chestnut