संतरे के छिलके के फायदे ( santare ke chilke ke fayde ) : संतरे के छिलके के फायदे कई होते हैं, संतरा एक प्रकार का रसीला फल है, संतरा नारंगी रंग का होता है जिसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है इसलिए इसे नारंगी भी कहा जाता है। संतरा (Orange) स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है क्योंकि इसमें बहुत से औषधीय गुण मौजूद होते हैं। संतरे के ही समान उसके छिलकों में भी बहुत से औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखकर विभिन्न रोगों से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं।
संतरा चार प्रकार का होता है – गोल संतरा, नेवल संतरा, ब्लड संतरा और एसिड लैस संतरा। संतरे का वैज्ञानिक नाम साइट्रस रेटिकुलाटा (Citrus reticulata) है। संतरे की तासीर गर्म होती है और यह ज्यादातर सर्दियों के दिनों में खाया जाने वाला फल है।
संतरे के छिलके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में संतरे के छिलकों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता रहा है क्योंकि यह विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद करता है। संतरे के छिलकों का स्वाद कड़वा होता है जिसका उपयोग सुखाकर, इसका चूर्ण बनाकर और कच्चे रूप में किया जाता है। संतरे के छिलके के फायदों की विस्तृत जानकारी आगे दी गयी है।
संतरे में पाए जाने वाले पोषक तत्व
संतरे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते है। इसके अलावा संतरे में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई और लिपिड एसिड भी पाया जाता है।
संतरे के अन्य भाषाओं में नाम
संतरे को हिंदी में संतरा व नारंगी और अंग्रेजी में ऑरेंज कहा जाता है। इसके अलावा संतरे को संस्कृत में नारङ्ग, ऐरावत, नागरङ्ग व त्वक्सुगन्ध, उड़िया में कमाला, उर्दू में गुलेबहार, कन्नड़ में हेराले, कोंकणी में अनेनेस, तमिल में कमाला व कूडागु, गुजराती में नारङ्गा, संतरा व नारंगी, पंजाबी में संतरा, मराठी में नारंग, बंगाली में कमलानेंबु और नेपाली में सुन्तला कहा जाता है।
संतरे की खेती
संतरे की खेती शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है क्योंकि इसके पौधे को अधिक वर्षा की आवश्यकता नहीं होती है। भारत में संतरे की खेती राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में की जाती है।
संतरे के छिलके के फायदे (Benefits of Orange peel in hindi)
- संतरे के छिलके त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं, संतरे के छिलकों में पाए जाने वाले पोषक तत्व त्वचा को साफ़ रखने और त्वचा का कालापन दूर करने में मदद करता है। संतरे के छिलकों का उपयोग प्राकृतिक ब्लीच के रूप में भी किया जाता है जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारने और स्वस्थ्य रखने में मदद करते है।
- संतरे के छिलकों में विटामिन सी और बहुत से पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो सूर्य की रोशनी से आने वाली हानिकारक किरणों से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं। दो चम्मच संतरे के छिलके के पाउडर में एक चम्मच शहद और दो चम्मच दही मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाना बेहद फायदेमंद होता है।
- संतरे के छिलके पाचन तंत्र के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं, संतरे के छिलकों का सेवन करने से यह पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। संतरे के छिलके शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में सहायक होते हैं और शरीर के मोटापे को कम करने में मदद करते हैं।
- संतरे के छिलके का उपयोग त्वचा में कील-मुहांसों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। संतरे के छिलकों को पीसकर इसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को नियमित रूप से चेहरे पर मास्क लगाने से कील-मुहांसों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। संतरे के छिलकों में एंटी-बैक्टीरिया और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं जो त्वचा में होने वाली गंदगी को साफ़ करके त्वचा को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं।
- संतरे के छिलके में ऐसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर जैसे घातक रोगों से सुरक्षा करने में मदद करते हैं। संतरे के छिलकों में फ्लेवोनॉयड्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कोलन कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा संतरे के छिलकों का सेवन करने से यह एसिडिटी, हार्टबर्न, उल्टी, मतली आदि समस्याओं को ठीक करने में भी मदद करते हैं।
- संतरे का छिलका रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी कारगर होता है। संतरे में विटामिन सी मौजूद होता है जो शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा करके विभिन्न रोगों से लड़ने में मदद करती है। शरीर में विटामिन सी की कमी से होने वाले रोगों से बचने के लिए संतरे के छिलकों का सेवन बेहद लाभदायक होता है।
- संतरे के छिलके का उपयोग त्वचा से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स से छुटकारा पाया जा सकता है। संतरे के छिलकों का पाउडर और दही को समान मात्रा में मिलाकर मिश्रण बना लें। अब इस मिश्रण से चेहरे और गर्दन की 15 से 20 मिनट तक गीले हाथों से मालिश करें। इस प्रक्रिया को हर दूसरे दिन करने से ब्लैकहेड्स और वाइटहेड्स खत्म हो जाते है। इसके अलावा संतरे के छिलकों में पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट गुण बढ़ती उम्र के कारण झुर्रियों की समस्या को कम करने में भी मदद करता है।
जानें संतरे के फायदे और नुकसान।