हाथ में पसीना आने का कारण और उपाय / हथेली में पसीना आने का कारण ( hath mein pasina aane ke karan aur upay ) : हाथ में पसीना आने का कारण और उपाय या हथेली में पसीना आने का कारण कई होते हैं और यह एक आम समस्या है। शरीर से पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसके द्वारा शरीर की गंदगी और टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। पसीना आना शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है।
अगर किसी व्यक्ति को पसीना नहीं आता है तो उसके शरीर के ओवरहीट होने का खतरा बढ़ जाता है लेकिन जरूर से ज्यादा पसीना आना भी कई शारीरिक समस्या का कारण बन जाता है। अधिक पसीना आने से शारीरिक नुकसान से अधिक मनोवैज्ञानिक तौर पर भी नुकसान हो सकता है।
सामान्यतः सभी लोगों को शरीर के कुछ खास अंगों में अधिक पसीना आता है लेकिन हथेली और तलवों में हर किसी को पसीना नहीं आता हैं। अगर यही पसीना हथेली में आने लगे तो यह कई गंभीर समस्याएं का कारण बन जाता है। सामान्य तापमान पर भी हथेली और तलवों में पसीना आना बिल्कुल सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से हाथ या हथेली में पसीना आने के कारण और उपाय के बारे में। Causes and remedies for sweating in hands in hindi.
हथेली में पसीना आने के कारण
सामान्य या कम तापमान पर भी हाथ और तलवों में पसीना आना हाइपरहाइड्रोसिस नामक बीमारी का संकेत हो सकता है लेकिन कई बार हथेली से पसीना आना सामान्य भी हो सकता है। अक्सर हथेली और तलवों में ज्यादा पसीना आना या पूरे शरीर में ज्यादा पसीना आना हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी को दर्शाता है।
दरअसल हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हथेलियों और तलवों में अधिक पसीना आता है। सामान्यतः शरीर से पसीना आने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति हाइपरहाइड्रोसिस नामक बीमारी से ग्रस्त है तो उस व्यक्ति को सर्दियों में भी हथेलियों और तलवों में अत्यधिक पसीना आएगा जोकि एक सर्दियों में एक सामान्य बात नहीं है।
हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी के लक्षण
अगर किसी व्यक्ति को हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी हो जाती है तो उस व्यक्ति को बिना किसी तनाव या घबराहट के भी बहुत ज़्यादा पसीना निकलता है। गर्मी न होने पर भी ऐसा महसूस होता है कि बहुत गर्मी हो रही है, जिस कारण अधिक पसीना निकलता है। हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इतना ज़्यादा पसीना आने लगता है कि उस व्यक्ति के कपड़े तर होकर गीले दिखाई देने लगते हैं। हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी में सबसे ज़्यादा पसीना अंडरआर्म, माथा, हथेलियां, पांव और प्राइवेट पार्ट से निकलता है।
हथेलियों में पसीने आने की समस्या को दूर करने के उपाय
- जिन लोगों को हाथों में ज्यादा पसीना आने की समस्या है, उन लोगों को विशेष रूप से साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। हाथों को एक अंतराल के बाद पानी से जरूर धोये और हाथों को धोने के बाद ड्राई करना ना भूले।
- हाथ धोने के लिए अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इसके इस्तेमाल से आपके हाथों में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे साथ ही कुछ देर के लिए हाथ भी सूखे रहेंगे।
- हाथों को ठंडा रखें और अपने हाथों पर ग्लव्स का इस्तेमाल ना करें। जितनी देर हो सके हाथों को खुला रखने की कोशिश करें।
- रोजाना नियमित रूप से नहाये और नहाने के लिए एंटी-बैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करें। इससे पसीने के कारण शरीर में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे।
- पसीना सुखाने के लिए हाथों को पंखे या एयर कंडीशनर के आगे रखें ताकि कम पसीना आये। इसके अलावा अपने हाथों पर समय समय पर पाउडर का इस्तेमाल करें। इसके प्रयोग से आपके हाथों का पसीना पाउडर सोख लेगा।
- अपने भोजन में मसालों का इस्तेमाल कम करें। भोजन में लहसुन, प्याज और अदरक को भी कम ही शामिल करें, यह सब खाद्य पदार्थ पसीने के कारक होते है इसलिए ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन करें। जैसे टमाटर का रस पिएं, यह आपके शरीर को ठंडा रखेगा।
- अपने साथ एक रुमाल या पेपर टॉवल रखें ताकि ज़रूरत पड़ने पर आप अपने हाथों को उनसे पोंछ सकें। जब आपको किसी से हाथ मिलाना हो तो पहले रुमाल या पेपर टॉवल का इस्तेमाल करें।
- योग करें, योग करने से आपके कई शारीरिक व मानसिक रोग दूर हो सकते हैं। कई बार अत्यधिक पसीना तभी निकलता है जब आप स्ट्रेस या तनाव में हों लेकिन आप योग और ध्यान से अपने तनाव के स्तर को कम कर, पसीने को रोक सकते हैं।
हथेली में पसीने आने का उपचार
यदि आपको अत्यधिक पसीना आने की गंभीर समस्या है, तो आप जल्द ही अपने डॉक्टर से मिलें ताकि पसीने आने के कारणों की जांच की जा सकें। डॉक्टर आमतौर पर शुरुआत में पसीना रोधी दवाइयों से उपचार करते हैं। यदि यह दवाइयां काम नहीं करती है तो डॉक्टर आपकी पसीने की ग्रंथियों को ब्लॉक करके और सर्जरी द्वारा उपचार करते हैं।
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