कस्तूरी क्या काम आती है ? कस्तूरी क्या है ? ( kasturi kya kaam aati hai, kasturi kya hai ) : कस्तूरी, कस्तूरी मृग जो एक विशेष प्रकार का हिरण होता है उसके निस्त्राव वाही कोष यानि अंडकोषों का सूखा हुआ रस होता है। कस्तूरी मृग उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में, चीन, आसाम, नेपाल, दार्जिलिंग तथा हिमालय के अन्य क्षेत्रों में पाए जाते है।
कस्तूरी एक बहुत ही सुगन्धित पदार्थ होता है जो वयस्क नर हिरण में तब इकठ्ठा होने लगता है जब वह धीरे-धीरे जवान हो जाता है। कस्तूरी मृग से प्राप्त कस्तूरी का उपयोग पूजा करने और कई प्रकार की औषधियां बनाने के लिए किया जाता है।
कस्तूरी बेहद सुगन्धित होती है और इसलिए कहा जाता है कि कस्तूरी मृग को भी यह खुशबू बहुत आकर्षित करती है जिस कारण वह हमेशा इस खुशबू वाले पदार्थ की तलाश में रहता है लेकिन कस्तूरी मृग इस बात से अनजान होता की जिस खुशबू की तलाश वह कर रहा वह उसके शरीर में ही मौजूद है।
कस्तूरी में पाए जाने वाले पोषक तत्व
कस्तूरी में पोटैशियम, कैल्शियम, सोडियम, क्लोराइड, अमोनिया, फैट, एलेइन जैसे पोषक तत्व पाए जाते है। इसके अलावा कस्तूरी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुण भी मौजूद होते है।
कस्तूरी के अन्य भाषाओं में
कस्तूरी को हिंदी में कस्तूरी और अंग्रेजी में मस्क कहा जाता है। इसके अलावा कस्तूरी को संस्कृत में मृगनाम व कस्तूरी, बंगाली में मृगनाभि, गुजराती में कस्तूरी, मराठी में कस्तूरी, फ़ारसी में मुश्क और अरबी में मिस्क कहा जाता है।
कस्तूरी के प्रकार (Types of Kasturi in hindi)
कस्तूरी को उसकी उत्पत्ति के क्षेत्रों को देखते हुए मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है –
- नेपाली कस्तूरी (Nepali Kasturi) – नेपाल के क्षेत्रों में पाए जाने वाले कस्तूरी मृगों से नीले रंग की कस्तूरी प्राप्त की जाती है।
- कामरूपी कस्तूरी (Kaamrupi Kasturi) – यह कस्तूरी असम के क्षेत्रों में पाए जाने वाले कस्तूरी मृग से प्राप्त की जाती है जिसका रंग काला होता है। इस प्रकार की कस्तूरी को कामरूपी कस्तूरी कहा जाता है। कामरूपी कस्तूरी गुणात्मक दृष्टि से सबसे अच्छी कस्तूरी मानी जाती है।
- कश्मीरी कस्तूरी (Kashmiri Kasturi) – यह कस्तूरी भारत में कश्मीरी क्षेत्रों में पाए जाने वाले कस्तूरी मृगों से प्राप्त की जाती है। इस प्रकार की कस्तूरी का रंग अन्य की अपेक्षा अलग होता है।
कस्तूरी के सेवन का सही तरीका ( kasturi ke sevan ka sahi tarika )
किसी भी शारीरिक या मानसिक समस्या को ठीक करने के लिए कस्तूरी का आधी रत्ती से एक रत्ती तक सेवन करना चाहिए। कस्तूरी से बनाई जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि का नाम मृगनाभ्यादि वटी (Mrignabhyadi vati) होता है इसका इस्तेमाल भी कस्तूरी के स्थान पर किया जा सकता है। कस्तूरी की औषधि का सेवन दूध या मलाई के साथ करने की सलाह दी जा सकती है। कस्तूरी की तासीर बहुत गर्म होती है इसलिए इसका अधिक इस्तेमाल करने से बचें।
कस्तूरी के फायदे (Benefits of Kasturi in hindi)
- कस्तूरी सर्दी-जुकाम को ठीक करने में बेहद मददगार होती है। सर्दी या जुकाम होने पर कस्तूरी की खुशबू सूंघने से यह समस्या ठीक हो जाती है। इसके अलावा कस्तूरी को सूंघने से सिरदर्द की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
- कस्तूरी का इस्तेमाल काली खांसी की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को काली खांसी की समस्या है वे लोग कस्तूरी का उपयोग कर सकते है, कस्तूरी में ऐसे गुण मौजूद होते है जो खांसी से राहत दिलाने में मदद करते हैं। काली खांसी से छुटकारा पाने के लिए कस्तूरी को मक्खन में मिलाकर इसका सेवन करने से खांसी तुरंत ठीक हो जाती है।
- कस्तूरी के फायदे महिलाओं के लिए :- कस्तूरी गर्भाशय से संबंधित रोगों को ठीक करने में भी मदद करता है। जिन महिलाओं का गर्भाशय अपने स्थान से अलग हो जाता है वे महिलाएं कस्तूरी के साथ केसर की समान मात्रा लेकर इसकी छोटी-छोटी गोलिया बना लें। इन गोलियों मासिक धर्म के आने से पहले योनि के मुख में रखने से गर्भाशय अपने स्थान पर आ जाता है और गर्भाशय संबंधी समस्या ठीक हो जाती है। इसके अलावा पुरुषों में वीर्य की कमी को पूरा करने के लिए भी कस्तूरी का उपयोग किया जा सकता है।
- कस्तूरी का उपयोग दांत दर्द की समस्या को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। दांत दर्द की समस्या होने पर कस्तूरी को कुठ के साथ मिलाकर दांतों में मलें क्योंकि कस्तूरी में ऐसे तत्व पाए जाते है जो दांतों में लगे कीड़े को नष्ट करते है और दांत दर्द में राहत दिलाने में मदद करते हैं।
- कस्तूरी का इस्तेमाल नेत्र रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है। नेत्रों में धुंध व पुतली में जाला लगने की समस्या होने पर कस्तूरी का इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद होता है। कस्तूरी में ऐसे तत्व पाए जाते है जो नेत्र से धुंध और जाले को हटाकर नेत्र साफ़ करने में मदद करते है। इसके अलावा कस्तूरी का इस्तेमाल करने से नेत्रों की रोशनी को भी बढ़ाया जा सकता है।
- कस्तूरी का उपयोग हृदय के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। हृदय संबंधी किसी भी समस्या को ठीक करने के लिए कस्तूरी का इस्तेमाल करना लाभदायक होता है। कस्तूरी में पोटैशियम और मैग्नीशियम की उचित मात्रा पाई जाती है जो हृदय को स्वस्थ रखकर कई रोगों से सुरक्षा करने में मदद करते हैं।
- कस्तूरी कफ, वात, मूर्छा, कामेन्द्रिय और तृष्ठा की समस्या को ठीक करने में मदद करता है। कस्तूरी का उपयोग त्वचा रोग, कील मुहासों और पसीने की बदबू को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा कस्तूरी का इस्तेमाल करने से कुष्ठ रोग की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
- कस्तूरी के इस्तेमाल से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। कस्तूरी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते है जो शरीर को स्वस्थ्य रखकर शरीर को कई रोगों से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है। कस्तूरी का सेवन करने से यह बीमारियां उत्पन्न करने वाले कीटाणुओं को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके अलावा कस्तूरी सास के रोगियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। कस्तूरी में पाए जाने तत्व सास को फूलने से रोकने में मदद करते है।
- कस्तूरी शरीर से जहर के प्रभाव को कम करने में बेहद मददगार होता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल कर लिया जाता है तो उनको तुरंत कस्तूरी का सेवन करना चाहिए ऐसा करने से शरीर से जहर का प्रभाव जल्द ही कम होने लगता है।
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