नीलगिरी तेल के फायदे ( nilgiri tel ke fayde ) : नीलगिरी तेल के फायदे कई होते है। नीलगिरी एक प्रकार का पौधा होता है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए किया जाता है। नीलगिरी तेल में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते है जिनका इस्तेमाल कई शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। नीलगिरी अंग्रजी में eucalyptus बोला जाता है।
नीलगिरी की खेती
नीलगिरी की खेती कई देशों में की जाती है। नीलगिरी की खेती भारत, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिणी यूरोप के कई क्षेत्रों में की जाती है।
नीलगिरी तेल के फायदे ( Benefits of Nilgiri oil (eucalyptus) in hindi )
- नीलगिरी तेल मांसपेशियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है, नीलगिरी तेल की मालिश करने से मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। नीलगिरी तेल का इस्तेमाल गठिया के रोगियों के लिए भी बेहद लाभदायक होता है। मोच, कठोर मांसपेशियों, फाइब्रोसिस और तंत्रिका दर्द से पीड़ित रोगियों के लिए नीलगिरी तेल बेहद फायदेमंद होता है। शरीर के जिस भाग में दर्द हो रहा हो वहां नीलगिरी तेल से गोलाकार गति में मालिश करना बेहद फायदेमंद होता है।
- नीलगिरी तेल मस्तिष्क के लिए भी बहुत लाभकारी होता है, नीलगिरी तेल में बहुत से पोषक तत्वों के साथ ठंडक देने वाला गुण भी होता है जिसकी सिर पर मसाज करने से कई मानसिक समस्याओं से बचा जा सकता है। तनाव और अवसाद की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बालों एवं स्कैल्प पर नीलगिरी तेल की हल्के हाथों से मालिश करें यह बेहद लाभदायक होता है।
- नीलगिरी तेल दांतों के लिए भी लाभकारी है, नीलगिरी तेल में रोगाणुरोधी गुण पाए जाते है जिसका इस्तेमाल दांतों पर करने से दांतों से संबंधित कई रोगों से बचा जा सकता है। दांतों में कैविटी, संक्रमण और गंदगी की समस्या को ठीक करने के लिए नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करना बेहद लाभदायक होता है। दांतों के अलावा मसूड़ों के लिए भी नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद होता है। मसूड़ों में सूजन, खून निकलना आदि समस्याओं को ठीक करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है।
जानें ब्राह्मी तेल के फायदे और नुकसान – Brahmi Oil।
- नीलगिरी तेल पेट के लिए भी हितकारी होता है, पेट में कीड़े होने की समस्या को दूर करने के लिए नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करना अच्छा होता है। नीलगिरी तेल में बहुत से गुण मौजूद होते हैं जिसका सेवन करने से यह शरीर से कई विषाक्त पदार्थों को बहार निकालने में मदद करता है।
- नीलगिरी तेल मधुमेह के रोगियों के लिए भी लाभदायक होता है, नीलगिरी तेल में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। मधुमेह के रोगियों में रक्त परिसंचरण सुचारु रूप से नहीं हो पता है जिसकी वजह से उनकी समस्या और अधिक बढ़ जाती है। नीलगिरी तेल में ऐसे गुण पाए जाते है जो रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
- नीलगिरी तेल से त्वचा को भी फायदा पहुंचता है, नीलगिरी तेल में एंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो त्वचा को संक्रमित होने से रोकने में मदद करते हैं। दाद, खाज, छाले, मुहांसे और चिकन पॉक्स आदि की समस्या को दूर करने के लिए नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करना काफी लाभदायक है।
जानें कुसुम तेल के फायदे और नुकसान – Kusum oil।
- नीलगिरी तेल बालों को भी कई लाभ पहुँचाता है, बालों को स्वस्थ्य और सुंदर रखने के लिए नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करना गुणकारी होता है। नीलगिरी तेल में मौजूद पोषक तत्व बालों को घना, लंबा, मजबूत और प्राकृतिक रूप से ख़ूबसूरत रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा बालों में नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करने से जुओं की समस्या से भी बचा जा सकता है।
- नीलगिरी तेल गुर्दे की पथरी के रोगियों के लिए भी हितकारी है, गुर्दे में पथरी होने पर रोजाना नीलगिरी तेल की एक से दो बूंद लेकर उस स्थान पर हल्के हाथ से मालिश उस भाग में करें जहां दर्द हो रहा हो, इस प्रक्रिया को प्रतिदिन तीन बार उपयोग करें। ऐसा करने से पथरी के दर्द और अन्य समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
- नीलगिरी तेल का प्रयोग बुखार के इलाज के लिए किया जा सकता है, नीलगिरी तेल के उपयोग से बुखार में तुरंत राहत मिलती हैं जिस वजह से नीलगिरी के तेल को फीवर आयल भी कहा जाता है। नीलगिरी तेल के साथ पिपरमिंट का तेल मिलाकर शरीर में इसका स्प्रे करने से बुखार के साथ-साथ शरीर की दुर्गंध से छुटकारा पाया जा सकता है।
जानें शीतलचीनी तेल के फायदे – Benefits of Shitalchini oil।
- नीलगिरी तेल निमोनिया के रोगियों के लिए भी बहुत गुणकारी होता है, नीलगिरी तेल में एंटीसेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो निमोनिया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। नीलगिरी के तेल की छाती में मालिश करने से सूजन को कम और फेफड़ों को साफ़ किया जा सकता है। इसके अलावा नीलगिरी तेल के इस्तेमाल से क्षय रोग के लक्षणों से भी बचा जा सकता है।
- नीलगिरी तेल का इस्तेमाल रूम फ्रेशनर के रूप में भी किया जा सकता है। नीलगिरी तेल में दुर्गन्ध नाशक गुण पाए जाते हैं जो हवा में मौजूद कीटाणुओं को मारने में मदद करता है। इसके अलावा नीलगिरी तेल का उपयोग साबुन, डिटर्जेंट, घरेलू क्लीनर और माउथवॉश के रूप में भी किया जाता है। नीलगिरी तेल में ऐसे गुण मौजूद होते है जिसकी वजह से इसका उपयोग माउथवॉश के अलावा टूथपेस्ट के रूप में भी किया जाता है।
- नीलगिरी तेल का इस्तेमाल छोटे-बड़े घावों के उपचार के लिए किया जाता है, नीलगिरी तेल में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो घाव के उपचार के अलावा कटे, अल्सर, जलन, फोड़े और खरोच के इलाज के लिए बेहद मददगार होता है। नीलगिरी तेल में एंटीसेप्टिक गुणों के साथ ही रोगाणुरोधक गुण भी पाए जाते हैं जिसका इस्तेमाल कीड़ों के काटने पर भी किया जा सकता है।
- नीलगिरी तेल का इस्तेमाल सर्दी, जुकाम, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, बंद नाक, नाक में कफ, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस के इलाज के लिए भी किया जाता है। नीलगिरी तेल में एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी वायरल जैसे गुण पाए जाते है जो इन सभी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
जानें सरसों का तेल नाक में डालने के फायदे और नुकसान – Mustard Oil।