बलगम का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment for Mucus

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बलगम का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Treatment for Mucus

बलगम का आयुर्वेदिक उपचार ( balgham ka ayurvedic upchar ) : बलगम का आयुर्वेदिक उपचार कई होते है। बलगम यानि कफ जो एलर्जी, संक्रमण, धूम्रपान और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के कारण उत्पन्न होता है। आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष के खराब होने पर बलगम जैसी समस्या उत्पन्न होती है जिनके निवारण के लिए कई आयुर्वेदिक उपचार अपनाएं जाते है। बलगम का आयुर्वेदिक उपचार की जानकारी आगे दी गयी है –

बलगम जमने के कारण

बलगम का आयुर्वेदिक उपचार को जानने से पहले यह जानना आवश्यक है कि बलगम जमने के कारण क्या-क्या हो सकते है। बलगम बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ दूध, दही, घी, वसा युक्त पदार्थ, ठंडे पेय पदार्थ, अधिक नमकीन व मीठे पदार्थ हो सकते है। ओवरईटिंग और ठंडे के सम्पर्क में आने से भी बलगम जमने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसके अलावा जो लोग शारीरिक गतिविधियों में संलग्न नहीं रहते है उनमें भी बलगम जमने की परेशानी देखी जा सकती है।

बलगम से सुरक्षित रहने के उपाय –

जिन लोगों को बलगम की परेशानी बहुत अधिक होती है उन लोगों को अपने आहार में अनाज जैसे- गेंहू, जौं, पुराने चावल, दालें जैसे – मूंग, सब्जियां जैसे – बैंगन, तोराई और रसदार फल को शामिल करना चाहिए। शाष्टिक चावल, बकरी का दूध, सूखी अदरक, काली मिर्च, गुड़, लहसुन, मूली, इलायची, कुलथी, शहद और सहजन जैसे खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा बलगम की शिकायत को दूर रहने के लिए ठंडे से बचे और नियमित रूप से व्यायाम भी करें।

बलगम का आयुर्वेदिक उपचार ( Ayurvedic Treatment for Mucus in hindi )

  • बलगम की समस्या को खत्म करने के लिए वच का इस्तेमाल किया जा सकता है, वच एक तीखी जड़ी बूटी है जिसके उपयोग से यह जमे हुए बलगम को निकालने और मस्तिष्क को शांत रखने में मदद करता है परन्तु इसके अधिक इस्तेमाल से बचे यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • खदिरा भी बलगम के उपचार के लिए उपयोग में लाया जा सकता है, खदिरा तीखा और कषाय गुण का होता है जो बलगम जमाने वाले संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक होता है। खदिरा का उपयोग आमतौर पर सर्दी, जुकाम और खांसी के लिए किया जाता है परन्तु यह बलगम को साफ़ करने में बेहद कारगर होती है।
  • बलगम से परेशान रोगियों के लिए हल्दी काफी उपयोगी मानी जाती है, हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है जो बलगम को जमने से रोकने में मदद करती है। हल्दी की तासीर गर्म होती है जिसकी चाय पीने से भी बलगम ठीक हो जाता है।
  • बलगम का आयुर्वेदिक उपचार में पिप्पली को शामिल किया जा सकता है, पिप्पली में कफ निवारक गुण मौजूद होते है जो टीबी, अस्थमा व ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों के दौरान जमने वाले बलगम को खत्म करने में मददगार होती है। पिप्पली के तेल, पाउडर और उसके अर्क के उपयोग से बलगम की समस्या खत्म हो जाती है।
  • अदरक के उपयोग से बलगम की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है, अदरक का उपयोग सुगंधित, कफ निवारक, उत्तेजक, पाचक और दर्द निवारक के रूप में किया जाता है। कफ दोष के बिगड़ जाने पर अदरक से बने पेय पदार्थों एवं अदरक को पकाकर इसका सेवन करें इससे बगलम के रोगियों को लाभ होगा।
  • बलगम के रोगियों को मुलेठी का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि मुलेठी में ऐसे गुण पाए जाते है जो बलगम रोकने में सहायक होते है। मुलेठी की तासीर गर्म होती है जो ठंड से जमने वाले बलगम को जड़ से खत्म करने में मदद करती है।
  • बलगम की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए वसा का उपयोग करना भी लाभकारी माना जाता है। वासा में एंटी ऑक्सीडेंट और रोग प्रतिरोधक जैसे गुण पाए जाते है जो शरीर में ठंड, संक्रमण और एलर्जी से होने वाली बीमारियों से सुरक्षा करने में सहायक होता है।
  • सरसों के सेवन से बलगम वाली खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है, रात में सरसों को एक गिलास पानी में भिगोने डाल दें। सुबह उठकर भीगे हुए सरसों के पानी को पी लें इससे बलगम और खांसी में राहत मिलती है।

बलगम के रोगियों के लिए परहेज

  • आलू, शकरकंद जैसी कंद वाली सब्जियों का सेवन न करें।
  • भैंस का दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ दही, मक्खन आदि न खाएं।
  • बेसन और सरसों की पत्तियों का सेवन न करें।
  • बारिश में भीगने से बचे और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करें।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचे।
  • काले चने न खाएं।
  • दिन में और ठंडे में न सोए।
  • प्राकृतिक इच्छा जैसे- भूख, प्यास, पेशाब, मल त्याग आदि को अधिक देर तक रोकने से बचे।

बलगम के आयुर्वेदिक उपचार के नुकसान –

  • बलगम का आयुर्वेदिक उपचार को गलत तरीके से उपयोग करने से इनके कुछ नुकसान हो सकते है।
  • बलगम के आयुर्वेदिक उपचार में जिन भी जड़ी बूंटियों को इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है उनका उपयोग नियमित रूप से ही करें। अधिक मात्रा में इन सामग्रियों का उपयोग करने से खून की उल्टी, ह्रदय रोग, बेहोशी, दस्त, मल खून, सिरदर्द जैसी बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
  • इन आयुर्वेदिक उपचारों उपयोग के पश्चात भी बलगम की समस्या ठीक नहीं हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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