कंधे का दर्द का आयुर्वेदिक उपचार ( kandhe ka dard ka ayurvedic upchar ) : कंधे का दर्द का आयुर्वेदिक उपचार ढेरों हैं, कंधा शरीर का महत्वपूर्ण और सबसे सक्रिय अंग माना जाता है जो हाथों की लगभग सभी क्रियाओं से संबंध रखता है। कंधे में होने वाला दर्द कई तरह और कई कारणों से हो सकता है।
कंधों में दर्द की परेशानी वर्तमान में लगभग सभी को परेशान करती है। कंधों में दर्द के इलाज के लिए कई आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाया जाता है जिसके इस्तेमाल से इस समस्या को खत्म किया जा सकता है। कंधे के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार के बारे में नीचे विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी है-
कंधे में दर्द के कारण
कंधे में होने वाले दर्द के सामान्य कारण भी हो सकते है और कुछ गंभीर कारणों की वजह से भी कंधों में दर्द होता है। कंधे का दर्द एक ऐसी शारीरिक समस्या है जो आमतौर पर किसी भी आयु और लिंग के व्यक्ति के लोगों को हो सकता है। कंधे में दर्द के कारण है –
- कंधे में चोट लगना
- कंधे की हड्डी टूटना
- रूमेटाइड गठिया
- टेंडिनाइटिस
- मोच व तनाव
- ठंड से जमे हुए कंधे
- आंक्यलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस
- रोटेटर कफ की चोट
- बर्साइटिस
- सेप्टिक गठिया
- टेंडिनाइटिस
- एवास्क्यूलर नेक्रोसिस
कंधे के दर्द के लक्षण
कंधे के दर्द के लक्षण निम्नलिखित है –
- कंधों के आसपास जकड़न
- कंधों के जोड़ो में दर्द और सूजन
- कमजोर कंधा
- तेज दर्द की अवस्था में तेज झुनझुनी
- कंधा जाम हो जाता जिसकी वजह से कोई भी कार्य न कर पाना
- भारी वजह और लिखने में परेशानी होना
- कंधों में दर्द के कारण हाथों में दर्द
कंधे का दर्द का आयुर्वेदिक उपचार ( ayurvedic treatment for shoulder pain in hindi )
- कंधे में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए हल्दी बेहतर उपायों में से एक है, हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम और दर्द निवारक गुण पाए जाते है जिसके सेवन से हड्डियों से जुड़े विकारों से बचा जा सकता है। कंधे में दर्द होने पर हल्दी वाला दूध या हल्दी का पानी पीने से दर्द में राहत मिलती है। यह अर्थराइटिस में होने वाले कंधों के दर्द को तुरंत दूर करने में सहायक होती है।
- अदरक का इस्तेमाल कंधे के दर्द के निवारण के लिए किया जाता है, अदरक एक बहुत ही कारगर जड़ी बूटी है जिसके पेय पदार्थ व पकाकर खाने से कंधे के दर्द के साथ-साथ सूजन से भी छुटकारा पाया जा सकता है। शरीर में जकड़न और ठंड के कारण होने वाले कंधों के दर्द को ठीक करने के लिए अदरक का नियमित रूप से सेवन करें।
- कंधे के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार के लिए अरंडी का उपयोग किया जा सकता है, अरंडी में वात एवं पित्त दोष को दूर करने के गुण मौजूद होते है। अरंडी की पत्तियों को कंधे में दर्द से प्रभावित हिस्से पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा अरंडी के तेल से कंधों की मालिश करने से भी दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है।
- कंधे के दर्द को दूर करने के लिए बाला चूर्ण का उपयोग करना फायदेमंद होता है, बाला में सूजन रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो शरीर में किसी भी प्रकार के दर्द को दूर करने में मददगार होता है। कंधे में दर्द होने पर बाला चूर्ण का सेवन करना चाहिए इससे दर्द कम होने में मदद मिलती है।
- रसोगन का इस्तेमाल कंधे के दर्द के उपचार के लिए किया जाता है, रसोगन में मौजूद पोषक तत्व शरीर की ऐंठन के कारण जोड़ो के दर्द को कम करने में मददगार होते है। रसोगन के उपयोग से कंधे के दर्द को ठीक किया जा सकता है।
- कंधे के दर्द में योगराज गुग्गुल का सेवन करना लाभकारी होता है, योगराज गुग्गुल कई प्राकृतिक घटकों से मिलकर बना होता है जो दर्द निवारक और वात को शांत करने में सहायक होता है। कंधे में दर्द होने पर योगराज गुग्गुल का नियमित रूप से सेवन करें इससे लाभ होगा।
- कंधे के दर्द में दशमूल कषाय का उपयोग किया जाना चाहिए, दशमूल कषाय एक काढ़ा है जो बहुत सी जड़ी बूटियों से निर्मित होता है। दशमूल कषाय वात दोष की समस्याओं को दूर करके दर्द जैसी समस्या को ठीक करने में मददगार होता है। कंधे में दर्द के दौरान नियमित रूप से दशमूल कषाय का सेवन करने से फायदा होता है।
- अश्वगंधा को कंधे में दर्द के आयुर्वेदिक उपचार में शामिल किया जा सकता है, कंधे के दर्द से परेशान रोगियों को अश्वगंधा के चूर्ण का सेवन घी और शहद के साथ करना चाहिए इससे कंधे के दर्द में राहत मिलती है।
- कंधे के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार में चक्रमर्द का उपयोग करना हितकारी माना जाता है, चक्रमर्द एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसकी पत्तियों, जड़ और बीजों का इस्तेमाल दर्द और सूजन जैसे रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। चक्रमर्द की पत्तियों को अरंडी के तेल में उबालकर इसे प्रभावित भाग पर लगाने से दर्द और सूजन कम होती है।
सावधानियां –
डॉक्टरी इलाज के दौरान आयुर्वेदिक उपचारों को न अपनाये इससे शरीर को नुकसान हो सकता है। आयुर्वेदिक उपचारों के लिए नियमित और सही खुराक लेनी आवश्यक होती है। कंधों में दर्द के दौरान ठंडे से बचे, देर रात तक न बैठे, पेशाब रोकने से बचे, अपाचक खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचे इसके अलावा मछली, दही और गुड़ भी न खाए।