त्रिदोषनाशक त्रिफला के फायदे और नुकसान ( triphala ke fayde or nuksan ) : प्रिय पाठकगणों नमस्कार जैसा की नाम से स्पष्ट है त्रिदोषनाशक त्रिफला, मतलब ये हमारे शरीर के तीनों दोषों का नाश करता है। आप कहेंगे कि ये तीन दोष क्या-क्या हैं ? तो मैं आपको बता दूँ कि हर व्यक्ति के शरीर में प्राकृतिक रूप से तीन दोष विद्यमान रहते हैं जिन्हें हम वात, पित्त और कफ के नाम से जानते हैं।
जब तक ये तीनों दोष बैलेंस रहते हैं तब तक कोई समस्या नहीं होती लेकिन किसी वजह से हमारे शरीर में तीनों या फिर किसी दो का या केवल एक दोष का भी बैलेंस बिगड़ जाता है तो हमारे स्वास्थ्य कि स्थिति बिगड़ जाती है।
इन दोषों के बिगड़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे प्रकृति के खिलाफ रहन-सहन (देर रात तक जागना या रात भर जागना), देर रात को भर पेट भोजन करना, रात को ठंडे पदार्थों का सेवन, अपने शरीर की प्रवृत्ति के खिलाफ जाकर भोजन करना आदि।
इन तीनों दोषो का सम रहना जरूरी होता है क्योंकि अकेले वात के बिगड़ने से करीब 80 बीमारियां होती हैं, पित्त के बिगड़ने से लगभग 40 बीमारियां होती हैं और कफ के बिगड़ने से 20 बीमारियां होती हैं इसलिए हमें प्रयत्न पूर्वक इन तीनों दोषों को सम रखना चाहिए। इनको सम रखने के कई तरीके हैं लेकिन उनमे से सबसे ख़ास उपाय है त्रिदोषनाशक त्रिफला का नियमित सेवन।
त्रिदोषनाशक त्रिफला क्या है?
हम सबने कभी न कभी त्रिफला चूर्ण का नाम तो जरूर सुना होगा। आजकल त्रिफला चूर्ण के साथ ही जूस के रूप में भी उपलब्ध है। त्रिफला वास्तव में आंवला, हरड़, और बहेड़ा का मिश्रण होता है। आंवला, हरड़ और बहेड़ा तीनों ही लगभग त्रिदोषनाशक प्रवृत्ति रखते हैं और इन्हे यदि मिला दिया जाये तो इनकी ताकत कई गुना बढ़ जाती है। सामान्यतया बाजार में त्रिफला सम रेश्यो में उपलब्ध होता है मतलब 100 में 33.33 ग्राम आंवला, 33.33 ग्राम हरड़े और 33.33 ग्राम बहेड़ा।
किन्तु यह अपेक्षाकृत कम लाभकारी होता है। इसलिए वाग्भट्ट आयुर्वेदा पेश करते हैं हजारों साल पुराने आयुर्वेदा का प्रूवन फार्मूला 1:2:3 का त्रिफला चूर्ण और त्रिफला जूस। इसमें (1 भाग हरड, 2 भाग बहेड़ा, 3 भाग आंवला) का रेशियो रहता है। इसलिए यह ज्यादा इफेक्टिव काम करता है। यदि सयंमित आहार, विहार के साथ त्रिफला का सेवन किया जाय तो वात, पित्त और कफ तीनों नियंत्रण में रहते हैं और हम 140 बीमारियों से बचे रहते हैं।
त्रिदोषनाशक त्रिफला के फायदे
triphala ke fayde – त्रिफला को यदि लाइफस्टाइल के रुप में लिया जाये तो तीनों दोषों को सम करता है। नियंत्रण में रखता है और हमें बीमार होने से बचता है। किन्तु त्रिफला तो यदि औषधि के रूप में लिया जाये तो यह कई बीमारियों को ठीक करता है जैसे रात को सोते वक्त 5 ग्राम (एक चम्मच भर) त्रिफला चूर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है, नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। त्रिफला चूर्ण को मिट्टी या कांच के बर्तन में भिगो कर रख दें, इस पानी से आँखें भी धो ले और कुल्ला करते हुआ इसे पी लें तो इससे मुँह के छाले व आँखों की जलन कुछ ही समय में ठीक हो जायेंगे।
गौमूत्र के साथ त्रिफला के चूर्ण को लेने से अफारा, उदर शूल, प्लीहा वृद्धि आदि अनेकों तरह के पेट के रोग दूर हो जाते हैं। त्रिफला, तिल का तेल और शहद की समान मात्रा को लगभग 10 ग्राम मात्रा में हर रोज गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट, मासिक धर्म और दमे की तकलीफे दूर होती हैं, शरीर का शुद्धिकरण हो जाता है और यदि 3 महीने तक नियमित सेवन करने से चेहरे पर कांती आ जाती है। इस तरह त्रिफला के और भी कई फायदे हैं जिनका आयुर्वेदा की पुस्तकों में विस्तृत विवरण मिलता है।
जानें – त्रिफला गुग्गुल के फायदे और नुकसान – Triphala Guggul।
त्रिदोषनाशक त्रिफला के नुकसान
triphala ke nuksan – सामान्य रूप से त्रिफला का कोई साइड इफेक्ट किसी पर भी देखा नहीं गया है क्योंकि यह पूर्णतः सुरक्षित आयुर्वेदिक फॉर्मूला है। फिर भी यदि किसी को कोई साइड इफेक्ट हो तो इसका मतलब उस त्रिफला की शुद्धता में संदेह किया जा सकता है साथ ही किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क किया जा सकता है।