अमलतास की फली के फायदे बताइए ( amaltas ki fali ke fayde bataiye ) : अमलतास की फली के फायदे कई होते हैं, अमलतास खूबसूरत एवं औषधीय गुणों से भरपूर एक वृक्ष हैं, जो पूरे भारतवर्ष में सड़क के किनारे या बाग-बगीचे में पाया जाता है। अमलतास के फूल चमकीले पीले रंग के होते हैं और अमलतास की पत्तियां आकार में बड़ी, गहरे हरे रंग की होती हैं।
अमलतास फली लम्बी गोल और नुकीली होती है, जो वर्ष भर लटकी रहती है। अमलतास के फूल खूबसूरत एवं मनमोहक होते हैं इसलिए अमलतास के फूलों को घरों में सजावट के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही अमलतास के पेड़ की शाखा, फल और पत्तियों का इस्तेमाल औषधीय के रूप में किया जा रहा है। अमलतास पेड़ की पत्तियां त्वचा की जलन, सूजन और दर्द का इलाज करने के लिए बहुत लाभकारी होती है।
दरअसल अमलतास के वृक्ष का हर हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर को कई शारीरिक बीमारियों से बचाता है और बीमारी की अवस्था में बीमारी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। आइए विस्तार जाने हमारे इस आर्टिकल से अमलतास की फली के फायदे के बारे में।
अमलतास के अन्य भाषाओं में नाम
अमलतास को हिंदी में अमलतास व सोनहाली, संस्कृत में आरग्वध, राजवृक्ष व स्वर्णफल, गुजराती में गर्मालो, तमिल में कोन्डरो व कावानी, बंगाली में सोनाली व सोनूलु, नेपाली में अमलतास, मराठी में बाहवा और पंजाबी में अमलतास व कनियार कहा जाता है।
अमलतास में पाए जाने वाले औषधीय गुण
अमलतास में हेपेटोप्रोटेक्टिव (hepatoprotective), एंटी-इंफ्लामेटरी (anti-inflammatory), एंटीट्यूसिव (antitussive), एंटीफंगल (antifungal) और एंटी-बैक्टीरियल (antibacterial ) जैसे कई औषधीय गुण पाए जाते हैं।
अमलतास के सेवन का तरीका
- काढ़ा का सेवन 20-40 मिली मात्रा में करना चाहिए।
- फलमज्जा का सेवन 15-20 ग्राम की मात्रा में करना चाहिए।
अमलतास की फली के फायदे ( benefits of amaltas in hindi )
- अमलतास के पौधे में पाए जाने वाले औषधीय गुण, बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं, इसके लिए आप अमलतास की फली, पिप्पली की जड़, हरीतकी, कुटकी एवं मोथा को बराबर मात्रा में लें और इसका काढ़ा बनाकर पिएं। इसे पीने से बुखार उतर जाता है।
- मुंह के छाले की समस्या को दूर करने के लिए भी अमलतास का उपयोग लाभकारी होता है, इसके लिए आप अमलतास के फल को धनिया के साथ पीस लें और इसमें थोड़ा कत्था मिलाकर चूसें, इसे चूसने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा अमलतास के गूदे को मुंह में रखकर चूसने से भी मुंह के छाले ठीक होते हैं।
- अमलतास फली में पाए जाने वाले औषधीय गुण, पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं, जो पाचन क्रिया में सुधार कर, पाचन तंत्र को स्वस्थ व मजबूत बनाये रखने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप अमलतास फल के 10 से 20 ग्राम गूदे को रात में 500 मिली पानी में भिगो दें। इसे सुबह मसलकर छानकर पीने से पेट साफ होता है और पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं भी ठीक होती है। इसके अलावा अमलतास फल की मज्जा को पीसकर बच्चों की नाभि के चारों ओर लेप करने से पेट के दर्द से आराम मिलता है।
- शरीर के अंगों जैसे नाक, कान आदि से खून के बहने पर अमलतास का सेवन लाभकारी होता है, इसके लिए आप 25-50 ग्राम अमलतास फल के गूदा में 20 ग्राम शहद मिलाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण का सुबह-शाम सेवन करने से नाक-कान से खून का बहना रुक जाता है।
- अमलतास के तने और फल में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का कार्य करते हैं और शरीर को सामान्य मौसमी बुखार जैसे सर्दी-खांसी और जुकाम आदि से बचाते हैं। इसके लिए आप अमलतास फल और तने का सेवन करें यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
- मधुमेह रोगियों के लिए भी अमलतास की फली और पत्तों का सेवन करना लाभकारी होता है, दरअसल अमलतास में एंटी-डायबिटीज प्रभाव पाया जाता है, जो रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर, मधुमेह को सामान्य रखने में मदद करता है और मधुमेह रोग से बचाव करने में सहायक होता है।
- अमलतास में पाए जाने वाले औषधीय गुण, पेशाब संबंधित परेशानियों जैसे पेशाब करते समय दर्द, जलन और रुक-रुक के पेशाब आना जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते है। इसके लिए आप अमलतास रूट को रात भर पानी में भिगोकर रखें और इसका सुबह पेस्ट बना लें और इस पेस्ट में घी मिलाकर रोजाना सुबह सेवन करें, यह पेशाब से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
- अमलतास घावों का इलाज करने के लिए एक घरेलू उपाय है। अमलतास के औषधीय गुण, घाव को भरने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप अमलतास पत्तियों से निकाले गए रस का उपयोग घावों को भरने के लिए कर सकते हैं।
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