अरारोट के फायदे और नुकसान (ararot ke fayde aur nuksan) : अरारोट के फायदे और नुकसान, लाभ-हानि बहुत से हैं। अरारोट एक प्रकार का कंद है, इसे जड़ी बूटी भी कहा जा सकता है। इस कंद में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए हैं, जो हमारी हेल्थ को स्वस्थ रखने के लिए लाभदायक होते हैं। अरारोट के कंद और तने को अच्छी तरह सुखाकर पीसा जाता है, जिससे अरारोट पाउडर तैयार किया जाता है। अरारोट का वैज्ञानिक नाम मैरेंटा अरुंडिनेशी (Maranta Arundinacea) है। Advantages and disadvantages of arrowroot in hindi.
अरारोट के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Arrowroot in hindi)
अरारोट का इस्तेमाल कई प्रकार के पकवानों में किया जाता है। अरारोट की खेती मुख्य रूप से इसके कंद और तने के लिए ही की जाती है। Benefits and losses of arrowroot in hindi.
अरारोट के फायदे (Benefits of arrowroot in hindi)
- त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए – अरारोट में पाए जाने वाला विटामिन-सी हमारी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। विटामिन-सी हमारी त्वचा को नमी प्रदान कर, उसे बेजान होने से बचा सकता है। साथ ही बढ़ती उम्र में, चेहरे पर होने वाली झुर्रियों और काले दाग-धब्बों को कम करने में भी मदद करता है। विटामिन-सी, सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाने में सहायक हो सकता है। इसलिए कहा जा सकता है, अरारोट त्वचा के लिए फायदेमंद है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए – अरारोट में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते है। एनसीबीआई वेबसाइड पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, अरारोट पाउडर में पाया जाने वाला स्टार्च शरीर में फाइबर के समान ही कार्य करता है। इसलिए अरारोट हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान कर, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है।
- पाचन को स्वस्थ रखने के लिए – अरारोट का उपयोग करने से पाचन से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है। अरारोट में पाए जाने वाला फाइबर हमारे पेट के दर्द और कब्ज की परेशानी को कम करने में सहायक होता है। साथ ही अरारोट में पाया जाने वाला प्रोबायोटिक बैक्टीरिया जो हमारे पाचन को नियंत्रित करके आंतों को स्वस्थ रखने का कार्य करता है, जिससे पेट दर्द और पेट की समस्याओं में राहत मिल सकती है।
- वजन को कम करने के लिए – अरारोट में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो हमारे वजन को कम करने में सहायक होता है। फाइबर से युक्त भोजन का सेवन करने पर, पेट लंबे समय भरा हुआ महसूस होता है। जिससे अनियंत्रित भूख को नियंत्रित किया जा सकता है और मोटापे को कम कर,वजह को बढ़ने से रोकता है।
- मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए – अरारोट के उपयोग से मधुमेह को नियंत्रित रखा जा सकता है। क्योंकि अरारोट पाउडर में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट को तेज़ी से ग्लूकोज में नहीं बदलता, इसलिए कहा जा सकता है कि अरारोट का उपयोग, मधुमेह रोग से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है।
- दस्त की समस्या दूर करने के लिए – अरारोट का उपयोग डायरिया यानी दस्त की समस्याओं को कम करने में लाभदायक होता है। एक शोध के अनुसार, अरारोट के पाउडर का सेवन लम्बे समय तक करते रहने से, दस्त की समस्या में राहत मिल सकती है। माना जाता है कि, अरारोट में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है, जो एंटी डायरिया होते हैं। यही तत्व दस्त की समस्या को दूर करने में सहायक होते है।
- हृदय स्वास्थ्य के लिए – अरारोट का उपयोग हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। अरारोट में पाया जाना वाला फ्लेवोनॉयड जो एक प्रकार का प्राकृतिक तत्व है। यह प्राकृतिक तत्व हमें, हृदय से जुड़ी समस्याओं से बचाने में सहायक होता है। साथ ही अरारोट में पोटेशियम की मात्रा भी पायी जाती है। जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर, हृदय के रोगों जैसे हार्ट अटैक और धमनियों से जुड़ी हृदय की समस्याओं की खपत को कम कर, बचाव करने में सहायक होता है।
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अरारोट के नुकसान (Losses of arrowroot in hindi)
- अरारोट का उपयोग दूध, नींबू, चीन, फलों के रस और शराब आदि के साथ न करें। इनके साथ सेवन करने से यह हानिकारक हो सकता है।
- यदि कोई व्यक्ति किसी विशेष बीमारी से पीड़ित है और वह उस बीमारी के लिए दवा लें रहा है, तो उस व्यक्ति को अरारोट का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय लेनी चाहिए।
- अरारोट के उपयोग से कुछ लोगों को एलर्जी भी हो सकती है, जैसे उल्टी, खांसी, मलती आदि। ऐसे में अरारोट के सेवन से बचें।
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