अर्जुनारिष्ट के फायदे और नुकसान ( Arjunarishta ke fayde aur nuksan ) : अर्जुनारिष्ट के फायदे और नुकसान कई होते हैं, अर्जुनारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल कई शारीरिक एवं मानसिक रोगों के उपचारों के लिए किया जाता है। अर्जुनारिष्ट का उपयोग मुख्यतः ह्रदय और फुफ्फुस संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।
अर्जुनारिष्ट को कई आयुर्वेदिक घटकों से मिलाकर बनाया जाता है जो बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर होता है। बाजार में कई ब्रांड्स के अर्जुनारिष्ट उपलब्ध हैं पर आप चाहें तो अर्जुनारिष्ट घर में भी तैयार कर सकते हैं।
अर्जुनारिष्ट के घटक द्रव्य
- अर्जुन वृक्ष की छाल 4 किलो
- द्राक्षा 2 किलो
- महुए के फूल 800 ग्राम
- गुड़ 4 किलो
- धाय के फूल 800 ग्राम
- जल 40 लीटर
अर्जुनारिष्ट बनाने की विधि
अर्जुनारिष्ट बनाने के लिए ऊपर दिए गए घटकों को ले लें, इन घटकों की मात्रा अपने अनुसार अधिक या कम कर सकते हैं। सबसे पहले अर्जुनारिष्ट की छाल, मुनक्का व महुए के फूल तीनों को मोटा-मोटा कूटकर 40 लीटर पानी में डालकर उबाल लें। इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक पानी एक चौथाई न रह जाए और इसका काढ़ा न बन जाए। अब इस काढ़े को छान लें और ठंडा होने पर इसमें गुड़ व धाय के फूलों को मिला लें। अब इसे मिट्टी के बर्तन में भरकर ढक्कन लगाकर लगभग एक माह तक रहने दें। एक माह की अवधि पूरी हो जाने के बाद इसे छानकर शीशी में भर लें, अर्जुनारिष्ट तैयार है।
अर्जुनारिष्ट का सेवन करने का तरीका
अर्जुनारिष्ट का सेवन भोजन के बाद करना चाहिए। सुबह और शाम भोजन करने के बाद अर्जुनारिष्ट की लगभग 2-2 चम्मच मात्रा लेकर एक कप पानी में घोलकर पीना चाहिए। Advantages and disadvantages of Arjunarishta in hindi.
अर्जुनारिष्ट के फायदे ( Benefits of Arjunarishta in hindi )
- अर्जुनारिष्ट का सेवन करना ह्रदय के बेहद फायदेमंद होता है, हृदय की निर्बलता, ह्रदय दर्द, ह्रदय की धड़कन आदि समस्याओं को दूर करने के लिए अर्जुनारिष्ट का सेवन करना लाभदायक होता है। अर्जुनारिष्ट में ऐसे तत्व पाए जाते है जो ह्रदय की कार्यक्षमता में वृद्धि करके हृदय को स्वस्थ्य रखने में मदद करते है। इसके अलावा अर्जुनारिष्ट का सेवन करने से फेफड़ों में सूजन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
- अर्जुनारिष्ट का सेवन धमनियों के लिए बहुत अच्छा होता है, अर्जुनारिष्ट में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो धमनियों के कार्य को सुचारू बनाने में मदद करते हैं। रक्त वाहिकाओं की शिथिलता को दूर करने और उनमें होने वाली सूजन को दूर करने के लिए अर्जुनारिष्ट का सेवन करना लाभदायक होता है।
- अर्जुनारिष्ट के सेवन से छाती में दर्द की समस्या को ठीक किया का सकता है, शारीरिक श्रम, दौड़ने या साइकिल चलाते समय छाती में होने वाले दर्द को अर्जुनारिष्ट के सेवन से ठीक किया जा सकता है। अर्जुनारिष्ट का नियमित रूप से सेवन करने से छाती के दर्द को कम समय में ही ठीक किया जा सकता है।
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- अर्जुनारिष्ट अस्थमा के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है, अर्जुनारिष्ट में पाए जाने वाले तत्व एंटी एलर्जी प्रतिक्रिया को पैदा करके अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से अर्जुनारिष्ट का सेवन करने से यह धूम्रपान, धूल और अन्य विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है जिससे अस्थमा में होने वाली समस्याएं कम हो सकती हैं।
- अर्जुनारिष्ट प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में हितकारी है, पुरुषों में वीर्य की कमी की समस्या और अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए अर्जुनारिष्ट का सेवन करना काफी लाभदायक होता है। इसके अलावा मूत्र संबंधी रोगों से छुटकारा पाने के अर्जुनारिष्ट का सेवन करना फायदेमंद है।
- अर्जुनारिष्ट का सेवन उच्च एवं निम्न रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है, अर्जुनारिष्ट में ऐसे तत्व पाए जाते है जो रक्तचाप को सामान्य स्तर में लाकर रक्तचाप से होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
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अर्जुनारिष्ट के नुकसान ( Harms of Arjunarishta in hindi)
- अर्जुनारिष्ट का आवश्यकता से अधिक सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- अर्जुनारिष्ट का सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार सही मात्रा और सही समय पर ही इसका सेवन करें।
- अर्जुनारिष्ट का सेवन करना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नुकसानदायक होता है।
- डायबिटीज के रोगियों को अर्जुनारिष्ट का सेवन करने से बचना चाहिए, यह डायबिटीज के रोगियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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