अश्वगंधा के फायदे कई हैं, अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे भारत में कई वर्षों से प्रयोग किया जाता रहा है। अश्वगंधा अपने अनेकों स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, जिनमें शामिल हैं: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना, तनाव और चिंता को कम करना और यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं। अश्वगंधा मांसपेशियों में प्रोटीन संश्लेषण को बढ़ावा देता है जो शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए काफी फायदेमंद होता है। अश्वगंधा एक सुरक्षित और प्रभावी जड़ी-बूटी है जिसके ढेरों स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
अश्वगंधा के फायदे (Benefits of Ashwagandha) – अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए और महिलाओं के लिए
मानसिक चिंता और तनाव को कम करना
अश्वगंधा एक शक्तिशाली एंटी-स्ट्रेस घटक है। यह तनाव हार्मोन ‘कोर्टिसोल’ के स्तर को कम करने में मदद करता है और व्यक्ति की एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करता है। एक अध्ययन के अनुसार 8 सप्ताह तक अश्वगंधा का सेवन करने से चिंता के लक्षणों में काफी कमी आती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना
अश्वगंधा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। अश्वगंधा श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाकर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है क्योंकि श्वेत रक्त कोशिकाएं ही शरीर की संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाएं होती हैं।
ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देना
अश्वगंधा थकान को कम करता है और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है। कोर्टिसोल हार्मोन के कारण तनाव होता है और तनाव के कारण थकान भी होती है, अश्वगंधा कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को कम करके थकान और तनाव को कम कर शरीर को ऊर्जावान बनाता है। साथ ही अश्वगंधा मांसपेशियों की मजबूती और सहनशक्ति को बढ़ाता है जिससे शरीर अधिक सक्रिय और ऊर्जावान होता है।
हृदय स्वास्थ्य और मानसिक कार्यप्रदर्शन में सुधार
अश्वगंधा एकाग्रता को बढ़ाता है और याददाश्त में सुधार करने में सक्षम होता है। अश्वगंधा मस्तिष्क में ग्लूकोज के उपयोग को बढ़ावा देता है जिससे शरीर काफी ऊर्जावान महसूस करता है और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना
अश्वगंधा यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन स्वास्थ्य में लाभ होता है। अश्वगंधा पुरुषों और महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाता है, यह जननांग क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है जिससे जननांग स्वस्थ रहता है और मजबूत बनता है। अश्वगंधा शुक्राणु गुणवत्ता को बढाकर प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है, इससे शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और जीवन शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
कैंसर के जोखिम को कम करना
अश्वगंधा कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है जिससे कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। अश्वगंधा कैंसर कोशिकाओं को मारता भी है जिसे एपोप्टोसिस कहा जाता है और इसमें अश्वगंधा कैंसर कोशिकाओं को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करता है।
मधुमेह को नियंत्रित करना
अश्वगंधा मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है क्योंकि अश्वगंधा शरीर में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देता है जो शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि अश्वगंधा के सेवन से टाइप 2 डायबटीज वाले लोगों में रक्त शर्करा, इंसुलिन और HbA1c के स्तर में काफी कमी आती हुई देखी गयी है। अश्वगंधा इंसुलिन की संवेदनशीलता में सुधार करता है।
आर्थराइटिस के लक्षणों को कम करना
अश्वगंधा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढाकर गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। अश्वगंधा सूजन को कम करता है जिससे आर्थराइटिस के लक्षणों में कमी आती है।
अश्वगंधा का सेवन कई रूपों में किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
पाउडर: अश्वगंधा पाउडर का सेवन दूध, पानी, या जूस में मिलाकर किया जा सकता है।
कैप्सूल: अश्वगंधा को कैप्सूल के रुप में भी ले सकते हैं यह आमतौर पर 500 मिलीग्राम या 1000 मिलीग्राम की खुराक में उपलब्ध होते हैं। खुराक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, और लक्षणों के आधार पर भिन्न-भिन्न होती है।
अर्क: अश्वगंधा अर्क को पानी या जूस में मिलाकर लिया जा सकता है।
चाय: अश्वगंधा का सेवन चाय में किया जा सकता है।
अश्वगंधा आमतौर पर एक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है, लेकिन कुछ लोगों को अश्वगंधा के सेवन से मतली, उल्टी, या दस्त जैसी समस्या हो सकता है। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अश्वगंधा के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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