अश्वगंधारिष्ट के फायदे ( Ashwagandharishta ke fayde ) : अश्वगंधारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों में किया जाता है। अश्वगंधा के पौधे की पैदावार हमारे भारत देश में ही होती है। अश्वगंधारिष्ट को अश्वगंधा, हरीतकी (हरड़), सफ़ेद मूसली, हल्दी, मंजिष्ठा आदि की मदद से तैयार किया जाता है।
अश्वगंधारिष्ट एक आयुर्वेदिक तरल मिश्रण है जिसके इस्तेमाल से शरीर में कमजोरी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में अश्वगंधारिष्ट को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अश्वगंधारिष्ट के उपयोग से पुरुषों में नपुंसकता एवं बांझपन की समस्या को दूर करने में बहुत मदद मिलती है।
अश्वगंधारिष्ट में मिलायी जाने वाली जड़ी-बूटियां
अश्वगंधारिष्ट में मुख्य रूप से अश्वगंधा, दारुहल्दी, नागर मोथा, अनंतमूल सफेद, हल्दी, हरीतकी (हरड़), मंजिष्ठा आदि जैसी जड़ी-बूटियां मिलायी जाती हैं।
अश्वगंधारिष्ट में पाए जाने वाले पोषक तत्व
अश्वगंधारिष्ट में मुख्य रूप से ऐश, प्रोटीन, फैट, ऊर्जा, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, कैरोटीन, कैल्शियम, विटामिन C, अल्कलॉइड, सैपोनिन्स आदि जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं।
अश्वगंधारिष्ट के उपयोग का तरीका
दो चम्मच अश्वगंधारिष्ट को खाना खाने के बाद गुनगुने पानी में दिन में दो बार लिया जा सकता है।
अश्वगंधारिष्ट के फायदे ( Benefits of Ashwagandharishta )
- अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरों से बचा जा सकता है। अश्वगंधारिष्ट में एंटी-कैंसर के गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोका जा सकता है। अश्वगंधारिष्ट के इस्तेमाल से प्रोस्टेट कैंसर एवं ब्रेस्ट कैंसर के खतरों से बचाव किया जा सकता है।
- अश्वगंधारिष्ट का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की लंबाई को तेजी बढ़ाया जा सकता है। दरअसल, अश्वगंधारिष्ट के इस्तेमाल से शरीर का विकास बेहतर ढंग से होता है जिससे शरीर की लंबाई को बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है।
- अश्वगंधारिष्ट के उपयोग से अवसाद एवं तनाव की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से मस्तिष्क की कार्य प्रणाली बेहतर ढंग से कार्य करती है जिससे डिप्रेशन की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा अश्वगंधारिष्ट मूड स्विंग के लिए भी बेहद प्रभावशाली माना जाता है जिससे तनाव की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
- अश्वगंधारिष्ट का नियमित रूप से सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। अश्वगंधारिष्ट में अश्वगंधा के साथ-साथ हरीतकी (हरड़) की भी मात्रा मिलाई जाती है जो पेट के स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है। अश्वगंधारिष्ट के इस्तेमाल से कब्ज, अपच, एसिडिटी एवं पेट में ऐंठन की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
- अश्वगंधारिष्ट के उपयोग से चोट के कारण होने वाली सूजन को कम किया जा सकता है। दरअसल, अश्वगंधारिष्ट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से शरीर की सूजन को कम करने में आसानी होती है। इसके अलावा अश्वगंधारिष्ट के नियमित उपयोग से शरीर की पुरानी सूजन की समस्या से भी राहत मिलती है।
- अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से बचाव करने में मदद मिलती है। अश्वगंधारिष्ट में सफेद मूसली का प्रयोग किया जाता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डालते है और प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्य प्रणाली सुचारु रूप से कार्य करती है।
- अश्वगंधारिष्ट के इस्तेमाल से मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलता है। अश्वगंधारिष्ट का उपयोग करने से शरीर में अतिरिक्त चर्बी के स्तर को कम करने में मदद मिलती है जिससे वजन घटाने में आसानी होती है। मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
- अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से कमजोर याददाश्त की समस्या से छुटकारा मिलता है। अश्वगंधारिष्ट में मिलाए जाने वाली जड़ी बूटियों की मदद से याददाश्त में आश्चर्यजनक सुधार होता है जिससे मस्तिष्क की क्षमता में भी वृद्धि होती है। इसके अलावा अश्वगंधारिष्ट का नियमित रूप से सेवन करने से दिमाग की नसों में रक्त का प्रभाव बेहतर होता है जिससे दिमागी बीमारियों के खतरों से बचाव किया जा सकता है।
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अश्वगंधारिष्ट लेने में बरती जाने वाली सावधानियां
- अधिकतर लोग अश्वगंधारिष्ट को खाने से पूर्व लेते हैं जिसके कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। हर किसी की रोग प्रतिरोधक क्षमता अलग-अलग होती है इसलिए अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
- अश्वगंधारिष्ट एक नियंत्रित पदार्थ है इसलिए इसका निर्धारित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
- अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से पूर्व एवं सेवन रोकने से बाद की स्थिति को डॉक्टर से अवश्य अवगत करना चाहिए।
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