आयुर्वेद में लौंग के फायदे और नुकसान ( ayurved mein laung ke fayde aur nuksan ) : आयुर्वेद में लौंग के फायदे और नुकसान बहुत से बताये गए हैं। लौंग एक प्रकार का मसाला है, जिसका उपयोग खाने के स्वाद को बढ़ाने से लेकर अच्छी सेहत के लिए लाभदायक होता है। लौंग को अंग्रेजी में clove कहा जाता है और लौंग की तासीर गर्म होती है।
लौंग की तासीर गर्म होने के कारण, लौंग का उपयोग सर्दियों में सर्दी-खांसी को दूर करने के लिए किया जाता है। भारत में लौंग की खेती मुख्य रूप से केरल और तमिलनाडु में की जाती है। इसके अलावा भारतवर्ष में लौंग का अधिकांश आयात सिंगापुर से किया जाता है।
आयुर्वेद में लौंग के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Cloves in Ayurveda in hindi)
बात करें आयुर्वेद में लौंग के फायदे कि तो, आयुर्वेद में लौंग का उपयोग भूख बढ़ाने, उल्टी रोकने, पेट की गैस को दूर करने, अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक करने और कफ-पित्त दोष को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा लौंग में पाए जाने वाले औषधीय गुण, कई शारीरिक बीमारियों के लक्षणों को कम करने व उनसे बचाव करने में मदद करते है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से आयुर्वेद में लौंग के फायदे के बारे में।
लौंग के अन्य भाषाओं में नाम
लौंग को हिंदी में लौंग व लवंग, संस्कृत में लवङ्ग, देवकुसुम व श्रीप्रसून, तमिल में किरांबू व किराम्पु ,बंगाली में लवंग, गुजराती में लवींग, मराठी में लवंग और नेपाली में लवांग कहा जाता है।
लौंग में पाए जाने वाले पोषक तत्व
लौंग में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, ग्लूकोज, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, जिंक, मैंगनीज और सेलेनियम के साथ विटामिन-ए, विटामिन-ई, विटामिन-के जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
लौंग के उपयोग व सेवन का तरीका
- लौंग को सीधे मुंह में डालकर चबा सकते हैं।
- भारतीय व्यंजनों में मसाले के रूप में डालकर सेवन कर सकते है।
- ब्लैक-टी में लौंग का इस्तेमाल कर सेवन किया जा सकता है।
- अचार में लौंग को डालकर सेवन किया जा सकता है।
- लौंग का चूर्ण या पाउडर बनाकर, इसका सेवन पानी या खाने में मिलाकर किया जा सकता है।
- लौंग तेल का उपयोग दांतों के दर्द, कान दर्द, सिर दर्द और गठिया आदि समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
आयुर्वेद में लौंग के फायदे ( Benefits of Cloves in Ayurveda in hindi )
पाचन स्वास्थ्य के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, लौंग में दीपन और पाचन यानी (पेट के विकारों को दूर करने वाले) गुण पाए जाते हैं। जो पाचन में सुधार कर, पाचन तंत्र को मजबूत बनाये रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा लौंग का सेवन गैस, अपच और मतली जैसी अन्य समस्याओं को भी दूर करता है।
तनाव को दूर करने के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, लौंग में एंटी-स्ट्रेस (तनाव के प्रभाव को कम करने वाले) गुण पाए जाते हैं, जो तनाव को दूर करने में सहायक होते हैं। तनाव के दौरान आप लौंग से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं।
मधुमेह से बचाव के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, मधुमेह रोगियों के लिए लौंग का सेवन अच्छा होता है, क्योंकि लौंग में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर, मधुमेह को सामान्य रखने में मदद करते है और मधुमेह से बचाव करने में सहायक होते हैं।
गठिया रोग के लिए
लौंग तेल में एनाल्जेसिक (दर्द को कम करने वाले) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाले) गुण पाए जाते हैं। जो गठिया के दौरान होने वाले जोड़ों के दर्द व सूजन को कम करने में मदद करते है। जोड़ों की दर्द व सूजन को कम करने के लिए आप लौंग तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जानें लौंग तेल के फायदे और नुकसान – Clove oil।
मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, मुंह की दुर्गंध या सांस से आने वाली बदबू को दूर के लिए लौंग का उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में कार्य करता है जो मुंह में दुर्गंध को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने के साथ मुंह की दुर्गंध को दूर करता है। इसके लिए आप 1-2 लौंग को मुंह में रखकर कुछ देर चबाएं, इसे चबाने से मुंह से आने वाली दुर्गंध गायब हो जाएगी।
कैंसर से बचाव के लिए
आयुर्वेद के अनुसार, कैंसर के लक्षणों को कम करने व कैंसर से बचाव करने के लिए लौंग का सेवन फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि लौंग में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकने में मदद करते हैं और कैंसर से बचाव करने में सहायक होते हैं।
अस्थमा रोग से बचाव के लिए
आयुर्वेद के अनुसार लौंग में कफ से राहत दिलाने वाला गुण होता है। इसके अलावा इसमें एंटी-अस्थमैटिक प्रभाव पाया जाता है। जो अस्थमा में होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करता है। अस्थमा में राहत पाने के लिए आप लौंग में शहद और लहसुन मिलाकर, इस मिश्रण का सेवन कर सकते हैं।
गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान उल्टी और मतली की समस्या को दूर करने लिए घरेलू उपचार के रूप में लौंग के चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से उल्टी और मतली में राहत मिलती है। इसके अलावा आप दो-तीन लौंग को चबाकर भी खा सकते है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान लौंग का सेवन करने से पहले, डॉक्टर से सलाह लें।
जानें एप्पल और लौंग के फायदे।
आयुर्वेद में लौंग के अन्य फायदे
- गर्म पानी में लौंग तेल की कुछ बूंदों को मिलाकर गरारे करने से पायरिया रोग नष्ट हो जाता है।
- खांसी होने पर, लौंग को भूनकर मुंह में दबा लें यह खांसी को दूर करने में सहायक होता है।
- लौंग तेल से बालों पर मसाज करने से बालों का झड़ना कम होता है और बाल काले, लम्बे व मुलायम होते है।
- लौंग में दर्द को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं, इसलिए लौंग के तेल को सिर पर लगाने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
- लौंग को तांबे के बर्तन में पीस लें, पीसने के बाद इसमें शहद मिलाकर आंखों पर लगाने से आंखों के रोगों में लाभ मिलता है।
- लौंग के 2 ग्राम कूटे हुए चूर्ण को 125 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई रह जाए तो छानकर थोड़ा गर्म कर पी लें। यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
- लौंग व जायफल को घिसकर नाभि पर लेप करने से पुरुष की संभोग करने की क्षमता बढ़ जाती है।
- त्वचा के दाग-धब्बों, मुंहासों व पिंपल्स को दूर करने के लिए 1 चम्मच नारियल तेल में 1-2 बूँदें लौंग तेल की मिला लें और इसे कॉटन की मदद से चेहरे पर दिन में 2 बार लगायें।
जानें लौंग और शहद के फायदे और नुकसान।
आयुर्वेद में लौंग के नुकसान (Harms of cloves in Ayurveda in hindi)
- कुछ लोगों को लौंग के सेवन से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को लौंग के सेवन से किसी भी प्रकार की एलर्जी होती है तो वह व्यक्ति लौंग के सेवन से बचें।
- लौंग का अधिक मात्रा में सेवन, शरीर में हल्की जलन का कारण बन सकता है।
- गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लौंग का सेवन करने से पहले, डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी है।
- लौंग की तासीर गर्म होने के कारण इसका अधिक मात्रा में सेवन, गुर्दे और आंतों को नुकसान पहुँचा सकता है।
- अगर कोई व्यक्ति कसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन करता है, तो वह व्यक्ति लौंग का सेवन करने से पहले, डॉक्टर से सलाह लें।
- लौंग का अधिक मात्रा में सेवन रक्त को पतला करता है, जिससे ब्लीडिंग ज्यादा होने की संभावना होती है।
जानें लौंग के फायदे और नुकसान।