आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका क्या है

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आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका क्या है

आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका क्या है ( ayurveda ke anusar pani pine ka sahi tarika kya hai ) : आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका बैठ कर बताया गया है अर्थात पानी हमेशा बैठ कर पीना चाहिए खड़े होकर नहीं। बैठने के तरीके में पालती मार कर बैठने को सबसे अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन भी बैठ कर ही ग्रहण करना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार पानी एक दम से गट-गट करके नहीं पीना चाहिए, पानी को हल्के-हल्के गर्म चाय कि भांति ही घूंट-घूंट करके पीना चाहिए। ऐसा इसलिए करना चाहिए ताकि पानी का टेम्परेचर आपके शरीर के टेम्परेचर के समान हो जाये और पानी शरीर के अंदरूनी अंगों को किसी प्रकार की हानि न पहुँचाये।

असल में एक दम से गट-गट करके पानी पीने से उसका टेम्परेचर हमारे शरीर के टेम्परेचर से अधिक या कम होता है जिससे शरीर के अंदरूनी अंगों के टेम्परेचर पर प्रभाव पड़ता है जिससे उन अंगों के ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है जिस कारण अंगों के कार्यक्षमता प्रभावित होती है और कई तरह की बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। कब्ज, गैस, एसिडिटी भी पानी गलत तरीके से पिने के कारण हो सकती है।

कभी भी –

  • चाहे कितनी ही गर्मी क्यों न हो फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।
  • न ही ज्यादा गर्म पानी पीना चाहिए।
  • पानी प्लास्टिक के बर्तन में न ही रखना चाहिए न पीना चाहिए।
  • कभी भी जल्दी-जल्दी में पानी नहीं पीना चाहिए।
  • शाम के समय या रात में कभी-भी ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।

कितने लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए या 1 दिन में कितना पानी पीना चाहिए

कितने लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए या 1 दिन में कितना पानी पीना चाहिए तो इसका जवाब है कि मनुष्य को अपने शरीर के वजन के 10 वें भाग में से 2 कम करके जो संख्या प्राप्त हो उतना लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए। अर्थात अगर किसी का वजन 60 किलो है तो उसका 10 वां भाग 6 हुआ उसमें से 2 घटा दें यानि कि 4 लीटर पानी पीना चाहिए।

क्या अधिक पानी पीना हानिकारक होता है

हाँ, अधिक पानी पीना हानिकारक होता है, निर्धारित मात्रा से अधिक पानी पीना शरीर को नुकसान पहुंचाता है क्योंकि अधिक पानी पिने से किडनी पर प्रभाव पड़ता है। अधिक पानी पिने पर किडनी को अपनी क्षमता से अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे शरीर व खासकर किडनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है अतः पानी उचित मात्रा में ही पीना चाहिए।

खाना खाने से कितनी देर पहले पानी पीना चाहिए

खाना खाने से कम से कम 30 मिनट या 1 घंटे पहले ही पानी पीना चाहिए। ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि खाने को पचाने के लिए हमारे शरीर में पाचक अग्नि जिसे जठराग्नि के नाम से जाना जाता है कि आवश्यकता होती है। अगर हम खाने के साथ ही पानी पी लेते हैं तो यह आग (पाचक अग्नि) ठंडी पड़ जाती है और खाने को पचने में काफी समय लगता है। अतः खाने के कम से कम 30 मिनट पहले और बाद में ही पानी पीना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ होगा कि खाना खाने के कम से कम 1 घंटे पहले या 1 घंटे बाद ही पानी पिया जाये।

खाना खाने के कितनी देर बाद पानी पीना चाहिए

खाना खाने के कम से कम 30 मिनट या 1 घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए। खाना पचाने के लिए शरीर में पाचक अग्नि (जठराग्नि) की आवश्यकता होती है जिसे पानी ठंडा कर देता है जिस कारण खाना पचा नहीं पता है या देर से पचता है जिससे शरीर में अपच, गैस, खट्टी डकारें और कब्ज आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं जोकि कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।

तांबे के बर्तन में पानी पीने के नियम

तांबे के बर्तन में पानी पीने के नियम में पहला नियम है कि तांबे के बर्तन में रात भर रखा हुआ पानी ही, सुबह-सुबह खाली पेट पियें उसी पानी में ताम्बे के गुण विद्यमान होते हैं, तुरंत ताम्बे के बर्तन में पानी डालकर पीना लाभकारी नहीं होता है। दूसरा नियम पानी धीरे-धीरे चाय की तरह घूंट ले-ले कर और आलती-पालती मार कर, जमीन पर बैठ कर ही करना चाहिए। तीसरा नियम है कि सामान्य तापमान वाला पानी ही तांबे के बर्तन में रखना चाहिए न गर्म न ठंडा।

पानी पीने का सही समय क्या है

पानी पीने का सही समय सुबह खाली पेट है, साथ ही खाना खाने से 1 घंटा पहले और 1 घंटा बाद है। दिन में ज्यादा और दिन ढलते-ढलते पानी पीना कम करते रहना चाहिए ताकि रात में अच्छी नींद आये। रात में सोने से पहले 2-3 घूंट पानी ही पीना चाहिए ताकि रात में उठकर टॉयलेट न जाना पड़े और नींद ख़राब न हो। घर से बाहर जाते समय भी 2-4 घूंट पानी पीके जाना चाहिए ताकि शरीर में कमजोरी न महसूस हो।

पानी कब नहीं पीना चाहिए

आयुर्वेद के अनुसार खाना खाने के तुरंत पहले, खाना खाने के साथ और खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पिने के समान माना गया है। ऐसा करने से पेट सम्बन्धी कई विकार उत्पन्न होते हैं। गर्म (चाय, कॉफी, दूध, मूंगफली आदि) या ठंडी (तरबूज, खीरा आदि) तासीर वाले खाद्य पदार्थ खाने के तुरंत पहले और बाद में पानी नहीं पीना चाहिए। धुप से आते ही, एक्सरसाइज या शारीरिक मेहनत वाला काम करते ही, तली-भुनी और मसाले वाले खाद्य पदार्थ खाते ही पानी नहीं पीना चाहिए। यहाँ तक की पेशाब और शौच के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

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