भुनी अलसी के फायदे ( bhuni alsi ke fayde in hindi ) : अलसी को अंग्रेजी में (Flaxseeds) के नाम से जाना जाता है। अलसी की तासीर गर्म होती है परन्तु इसे किसी भी मौसम में उपयोग किया जा सकता है। अलसी का सेवन करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं संक्रमण के खतरों से सुरक्षा मिलती है जिससे शरीर को निरोगी रहने में मदद मिलती है।
अलसी में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर को स्वस्थ रखने में आसानी होती है। हमने आपको अपने पिछले आर्टिकल में अलसी के फायदे एवं उस से होने वाले नुकसान की जानकारी दी थी। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको भुनी हुई अलसी के फायदों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
अन्य भाषाओं में अलसी के नाम
अलसी को संस्कृत में अतसी (Atasi), नीलपुष्पिका (Neelpushpika), क्षुमा (Kshuma) एवं पार्वती (Parvati) तमिल में अलिविराई (Alivirai), तेलुगु में अविसि (Avisi), मराठी में अलशी (Alashi) एवं पंजाबी में अलीश (Alish) के नाम से जाना जाता है।
भुनी अलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व
भुनी हुई अलसी में प्रोटीन, ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, शुगर, पोटैशियम, फॉस्फोरस, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम, सोडियम, सेलेनियम, मैंगनीज, विटामिन C, नियासिन, विटामिन B6, फोलेट, विटामिन K, विटामिन E आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
भुनी अलसी के उपयोग का तरीका
अलसी को गर्म तवे पर लगभग 5-7 मिनट तक भूनकर इसे पीसकर पाउडर बना लें। फिर इस पाउडर को एक ग्लास हलके गुनगुने पानी में मिलाकर इसका सेवन करें।
भुनी अलसी के फायदे (Benefits of Roasted Flaxseed in hindi)
- भुनी हुई अलसी का सेवन करने से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है जिससे हृदय संबंधी बीमारियों के खतरों को कम किया जा सकता है। भुनी हुई अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा पायी जाती है जिससे हृदय की धमनियों में जमे हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहने से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक की संभावना कम होती है जिससे शरीर को बहुत फायदा मिलता है।
- भुनी अलसी का इस्तेमाल करने से कई प्रकार के कैंसर के खतरों से भी बचा जा सकता है। अलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट की भारी मात्रा पायी जाती है जिससे प्रोस्टेट कैंसर, स्किन कैंसर एवं ब्रेस्ट कैंसर के खतरों को कम करने में आसानी होती है। इसके अलावा अलसी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट फ्री रेडिक्लस से लड़कर त्वचा के कैंसर के खतरे को भी कम करने का कार्य करते हैं जिससे कैंसर के खतरे से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
- भुनी हुई अलसी का सेवन करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है जिससे पेट संबंधी समस्याओं से बचाव होता है। अलसी में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जिससे पेट संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। एक शोध के अनुसार, अलसी में पाए जाने वाले सॉल्युबल फाइबर की मदद से पाचन तंत्र बेहतर होता है जिससे कब्ज, अपच एवं एसिडिटी के साथ-साथ डायरिया जैसी बीमारी की समस्या से भी बचा जा सकता है।
- भुनी हुई अलसी के उपयोग से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को कम करने में आसानी होती है। अलसी में एंटी-डायबिटिक के गुण पाए जाते हैं जिससे रक्त शर्करा को कम करने में बहुत मदद मिलती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, रोजाना 1 महीने तक नियमित रूप से भुनी हुई अलसी का सेवन करने से रक्त में शुगर की मात्रा कम होती है जिससे मधुमेह के खतरे से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
- रोजाना नियमित रूप से भुनी हुई अलसी का सेवन करने से महिलाओं को मासिक धर्म में अनियमितता की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। भुनी हुई अलसी के इस्तेमाल से शरीर में हार्मोन का संतुलन बेहतर होता है जिससे महिलाओं में होने वाले मेनोपॉज की समस्या में कमी आती है। भुनी हुई अलसी के इस्तेमाल से मासिक धर्म चक्र की प्रक्रिया सुचारू रूप से कार्य करती है जिससे महिलाओं को बहुत फायदा मिलता है।
- भुनी अलसी का सेवन करने से यौन संबंधी विकारों से छुटकारा मिलता है जिससे पुरुषों को बहुत फायदा मिल सकता है। अलसी के इस्तेमाल से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) नामक हार्मोन की मात्रा को बढ़ाने में मदद मिलती है जिससे सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा भुनी हुई अलसी का नियमित रूप से सेवन करने से सेक्स करने की अवधि को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
- भुनी हुई अलसी के इस्तेमाल से आंखों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है जिससे आँख संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। अलसी में ओमेगा फैटी एसिड की मात्रा पायी जाती है जिससे आंखों में सूखेपन की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा भुनी हुई अलसी का सेवन करने से आंखों की रोशनी में भी वृद्धि होती है जिससे कमजोर आंखों की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
- भुनी हुई अलसी का नियमित रूप से सेवन करने से सर्दी-जुकाम एवं खांसी की समस्या से राहत मिलती है। अलसी की तासीर गर्म होती है जिससे गले एवं श्वास की नलियों में जमा हुए कफ को बाहर निकालने में बहुत मदद मिलती है। भुनी हुई अलसी को किसी पेय पदार्थ में मिलाकर उपयोग करने से सर्दी-जुकाम एवं खांसी की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
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