बुखार का घरेलू उपचार ( bukhar ka gharelu upchar ) : बुखार का घरेलू उपचार बहुत ही आसान हैं। शरीर के सामान्य तापमान में वृद्धि होने की स्थिति को बुखार कहते हैं। बुखार एक सामान्य समस्या है जो मुख्यतः मौसम में बदलाव और संक्रमण के कारण आता है।
बुखार ठीक होने में 6 से 7 दिन लग जाते है परन्तु बुखार अधिक समय तक रहे तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते है। बुखार का डॉक्टरी इलाज होने के साथ कई घरेलू इलाज भी संभव है जिसकी सहायता से बुखार को दूर किया जा सकता है। बुखार का घरेलू उपचार की जानकारी नीचे दी गयी है –
बुखार के लक्षण
बुखार के लक्षण निम्नलिखित है –
- शरीर का तापमान अधिक होना
- बदन दर्द
- खांसी
- जोड़ो में दर्द
- गले में दर्द
- सिरदर्द
- सर्दी लगना
- कमजोरी
- थकान
- आँखों में जलन
- उल्टी-दस्त
बुखार के कारण
बुखार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण हो सकता है। इसके अलावा अन्य भी कारण होते है जिसकी वजह से बुखार आ सकते है। बुखार के कारण है –
- वायरल बुखार से पीड़ित रोगी के संपर्क में आना।
- दूषित वायु या जल का शरीर के अंदर प्रवेश करना।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होना।
- असंतुलित भोजन का सेवन करना तथा शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना।
बुखार से बचने के उपाय
- हरी सब्जियों का सेवन करना।
- उबली हुई सब्जी खाना।
- बासी और दूषित भोजन का सेवन न करना।
- वायरल बुखार से ग्रसित व्यक्ति से दूर रहना।
- मौसम में बदलाव के दौरान अपना ध्यान रखें तथा मौसम के अनुकूल ही खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- थोड़ा भी ठंड लगने पर गुनगुना पानी ही पीएं।
- ठंड में अधिक देर तक न रहे।
बुखार का घरेलू उपचार ( home remedies for fever in hindi )
- बुखार का घरेलू उपचार में गिलोय बेहद हितकारी मानी जाती है, बुखार को दूर करने के लिए गिलोय की बेल लेकर इसका काढ़ा बनाए। अब इस काढ़े को पिएँ इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे बुखार उतरने में सहायता मिलती है। इसके अलावा बुखार के शुरुआती लक्षण जैसे गले में दर्द या कमजोरी आने पर गिलोय घनवटी का सेवन करने से बुखार तुंरत ठीक हो जाता है।
- धनिया बुखार को दूर करने में काफी मददगार होता है, धनिया के बीज में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में सहायक होते है। बुखार को उतारने के लिए एक गिलास पानी में धनिया के बीज मिलाकर इसका काढ़ा बना लें अब इस काढ़े के गुनगुना हो जाने के बाद इसे पी लें ऐसा करने से बुखार ठीक हो जाता है।
- बुखार से पीड़ित रोगियों के लिए किशमिश फायदेमंद होता है, थोड़ा पानी लेकर उसमे किशमिश भिगोने डाल दें और जब किशमिश अच्छी तरह से फूल जाए तो किशमिश को इसी पानी में पीस लें। पीस लेने के बाद इसे छान लें और इसमें नींबू का रस मिलाकर पी लें यह बुखार उतारने में काफी असरदार होता है।
- बुखार में मेथी का उपयोग किया जा सकता है, मेथी दाने को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठने के बाद इसे छान लें और समय-समय पर इसका सेवन करते रहे। ऐसा करने से बुखार में राहत मिलती है।
- दालचीनी बुखार को दूर करने में सहायक होती है, दालचीनी में एंटी वायरस, एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है जो शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से आने वाले बुखार को ठीक करने में मददगार होता है। दालचीनी पाउडर में इलायची डालकर इसे उबाले और हल्का गर्म करके पियें इससे बुखार में राहत मिलेगी।
- बुखार को दूर करने के लिए अदरक अत्यधिक असरदार होता है। बुखार होने पर अदरक को पकाकर इसका सेवन करें इससे लाभ होगा। इसके अलावा अदरक के पेस्ट में थोड़ा शहद मिलाकर इसका सेवन करने से भी बुखार उतरने में मदद मिलती है।
- बुखार में तुलसी का इस्तेमाल करना लाभकारी होता है। तुलसी की बनी चाय या तुलसी का काढ़ा पीने से बुखार को कम किया जा सकता है। तुलसी की 4 से 5 पत्तियों को चबाने से तुलसी में बुखार दूर किया जा सकता है। इसके अलावा लौंग के पाउडर में शहद मिलाकर इसका सेवन करने से भी बुखार में राहत मिलती है।
- बुखार से पीड़ित रोगियों के लिए नींबू हितकारी माना जाता है। नींबू के रस में शहद मिलाकर इसका दिन में तीन से चार बार सेवन करें। नींबू और शहद में पाए जाने वाले पोषक तत्व इम्युनिटी को बढ़ाने में मददगार होते है जिससे बुखार जल्द उतरने में मदद मिलती है।
- बुखार में लहसुन फायदेमंद होता है। लहसुन की तीन-चार कलियों को सरसों के तेल में पकाएं अब इस तेल से शरीर की मालिश करें इससे बुखार में होने वाले बदन दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा हल्दी और सोंठ पाउडर का सेवन करने से भी बुखार में राहत मिलती है।
सावधानियां –
बुखार के डॉक्टरी इलाज के दौरान घरेलू या आयुर्वेदिक उपचारों की अपनाने से बचें। इसके अलावा बुखार में अधिक गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचे इससे बुखार और अधिक बढ़ सकता है। अधिक गर्म पदार्थों का सेवन करने या गर्म स्थान पर रहने से बुखार के दौरान नाक से खून निकलना या बुखार सिर पर चढ़ जाने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।