चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार ( chakkar aane ke ayurvedic upchar ) : चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार कई होते है। चक्कर को सामान्य भाषा में सिर घूमना कहा जाता है जिसमें व्यक्ति बेहोश, कमजोरी और अस्थिरता महसूस करता है। चक्कर आने का मुख्य कारण मस्तिष्क तक रक्त का प्रवाह न होना है तथा इसके लक्षण हल्का सिरदर्द और कमजोरी आना है।
चक्कर की परेशानी को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक में कई उपचारों को अपनाया जाता है, चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार की विस्तृत जानकारी आगे दी गयी है –
चक्कर आने के कारण
चक्कर आने के कारण गंभीर और सामान्य हो सकते है जिनमें से कुछ कारण है –
- तनाव व चिंता
- संतुलित आहार में कमी
- लो ब्लड प्रेशर
- हाई ब्लड प्रेशर
- निर्जलीकरण या गर्मी से थकान
- अचानक शारीरिक व मानसिक परिवर्तन
- कान के संक्रमण
- सिर में चोट लगना
- हृदय संबंधी समस्याएं
- अधिक दवाइयों का इस्तेमाल करना
- एनीमिया
- गैस
चक्कर के लक्षण
चक्कर आने के लक्षण कई हो सकते है जिनमें से कुछ निम्नलिखित है –
- सिर का एक तरफ झुक जाना।
- हल्का सिरदर्द
- खड़े होने या बैठने पर नियंत्रण न होना
- बेहोश हो जाना
- खुद को आगे व पीछे की ओर गिरता हुआ महसूस करना
- अचानक से उठने या बैठने में सिर में तेज झनझनाहट
- आसपास की वस्तुएं घूमती नजर आना
- दौड़ने या तेज चलने में परेशानी होना
- किसी भी प्रकार की वास्तु को देखते समय नियंत्रण में न रहना
चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार ( Ayurvedic treatment for Dizziness in hindi )
- चक्कर आने की समस्या को दूर करने के लिए दूध में पीसी मिश्री, थोड़ा देसी घी और तुलसी की पत्तियों को डालकर नियमित रूप से पिए इससे बार-बार चक्कर आने की परेशानी ठीक हो जाएगी।
- शुद्ध और पौष्टिक दूध का प्रतिदिन सेवन करने से चक्कर के रोगियों को राहत मिलती है, इसके अलावा दूध में काली मिर्च पाउडर, घी और थोड़ा शक़्कर मिलाकर पीने से भी चक्कर आना बंद हो जाता है।
- चक्कर के रोगियों के लिए तुलसी, काली मिर्च और जौ से बने काढ़े का सेवन करना फायदेमंद होता है। इससे चक्कर की वजह से होने वाले सिरदर्द और बेहोशी की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
- नींबू पानी पीने से भी चक्कर के रोगियों को राहत मिलती है, पेट में गैस के कारण आने वाले चक्कर को दूर करने के लिए गुनगुने पानी में नींबू और थोड़ा नमक मिलाकर इसका जूस बना लें। अब इस जूस को समय-समय पर पीते रहे इससे लाभ होगा।
- चक्कर के आयुर्वेदिक उपचार में सौंठ और घी का एक साथ सेवन करने से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। 10 ग्राम सौंठ में थोड़ा सा घी मिलाकर इसका नियमित रूप से सेवन करने से चक्कर आने के लक्षणों से छुटकारा पाया जा सकता है।
- हल्दी चक्कर की समस्या को दूर करने में बेहद कारगर साबित होती है, हल्दी में एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट और कई मिनिरल्स मौजूद होते है जो मस्तिष्क से जुड़े रोगों को ठीक करके चक्कर आने से रोकने में मददगार होती है। हल्दी वाला दूध या गुनगुने पानी में हल्दी मिलाकर पीने से फायदा होता है।
- चक्कर आने की समस्या को दूर करने के लिए मुनक्के खाना लाभकारी होता है, कुछ मुनक्के के दानों को लेकर तवे में सेके और इसमें नमक मिलाकर खाए प्रतिदिन नियमित रूप से मुनक्के खाने से चक्कर आना दूर हो जाता है।
- सौंफ खाने से चक्कर के रोगियों को लाभ होता है, सौंफ के चूर्ण में थोड़ा खाड़ मिलाकर रखे और इसे पानी के साथ सेवन करें। ऐसा करने से बेहोशी, सिर घूमना और अन्य चक्कर के लक्षणों को दूर किया जा सकता है।
- चक्कर आने के आयुर्वेदिक उपचार में खरबूजे के बीजों को शामिल किया जा सकता है। खरबूजे के बीज को गाय के घी में भूनकर इसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट का रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से चक्कर खत्म हो जाते है।
- दूध में बादाम, इलायची और पिस्ता को मिलाकर इसका प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करने से चक्कर की समस्या दूर हो जाती है। शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं के कारण चक्कर आने की परेशानी को दूर करने के लिए इस दूध को पीना फायदेमंद होता है।