चक्कर आने के कारण / चक्कर आने के क्या कारण है और उपाय ( chakkar aane ke karan / chakkar aane ke kya karan aur upay ) : आजकल की भागदौड़ व तनावपूर्ण जिंदगी में चक्कर आना (Dizziness) या सिर घूमने की समस्या आम होती जा रही हैं। चक्कर आने के पीछे का कारण आपका खान-पान और रहन-सहन भी जिम्मेदार होता हैं।
आमतौर पर चक्कर शारीरिक कमजोरी और मानसिक तनाव के कारण आते हैं। लेकिन अगर आपको बार-बार चक्कर आते हैं, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता हैं, जैसे एनीमिया, लो ब्लड प्रेशर, दिल का कमजोर होना, ब्रेन ट्यूमर और कान का संक्रमण आदि। ऐसे में आप जल्द ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
चक्कर आने की समस्या के दौरान व्यक्ति को घबराहट, जी मिचलाना, दिल की गति का तेज़ होना, अपने आस-पास का वातावरण घूमता नजर आना और कानों में सीटी बजने जैसी आवाज का लगातार सुनाई देना जैसी दिक्कतें भी होती हैं। इस दौरान कुछ लोगों में कुछ क्षणों के लिए सुनने की क्षमता भी चली जाती है या कानों में भारीपन का अहसास होने लगता है। चक्कर आने की इस समस्या को बिनाइनपैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो (benign paroxysmal positional vertigo) कहा जाता है, जिसे शॉर्ट में BPPV कहते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं, आमतौर पर चक्कर आने की समस्या को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय हैं, जिनका उपयोग कर आप चक्कर आने की समस्या में राहत पा सकते हैं। आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से चक्कर आने के कारण, उपाय और इलाज के बारे में।
चक्कर आने के कारण ( Causes of Dizziness in hindi )
- कान का संक्रमण भी चक्कर आने का कारण बनता है। दरअसल कान का संक्रमण, आपके सुनने और संतुलन को बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करता है और ऐसा होने पर लगातार चक्कर आ सकते हैं।
- ज्यादा गर्मी के दौरान या पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने के कारण शरीर में निर्जलीकरण हो सकता है। इसके अलावा उल्टी एवं दस्त होने पर भी शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिस कारण कई बार चक्कर आने लगते हैं।
- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी का कमजोर होना और शरीर में खून की कमी होना, चक्कर आने का कारण बनता हैं। इसके अलावा शरीर में विटामिन-बी और विटामिन-डी की कमी होने के कारण भी चक्कर आने लगते हैं।
- निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लड प्रेशर के कारण भी कई बार चक्कर आने लगते हैं। दरअसल रक्तचाप के कम होने पर आपका रक्त मस्तिष्क में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं भेज पाता है, जिस कारण चक्कर आने लगते हैं।
- दीर्घकालीन तनाव यानी लम्बे समय से चल रहा तनाव या चिंता आपको शारीरिक व मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं, जो कई बार चक्कर आने का कारण बनते हैं।
- कुछ विशेष प्रकार की दवाओं जैसे रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दवाओं का सेवन और उसके साइड इफेक्ट, चक्कर आने का कारण बन सकता हैं।
- लंबे समय तक बिना आराम किए खड़े रहना और लम्बे समय तक कंप्यूटर में काम करना इसके अलावा ज्यादा देर तक टीवी देखना और तेज रोशनी के संपर्क में आना यह सभी कारणों के चलते, चक्कर आ सकते हैं।
- माइग्रेन और वर्टिगो की स्थिति में भी व्यक्ति का सिर चकराता है और उसे अपने आसपास का वातावरण घूमता नजर दिखाई देता है।
चक्कर आने के लक्षण ( Symptoms of Dizziness in hindi )
- खड़े होने या बैठने पर नियंत्रण खो देना।
- सिर का एक तरफ झुक जाना।
- दिल की धड़कन का अनियमित हो जाना।
- संतुलन खो बैठना और भ्रम की स्थिति पैदा होना।
- हल्का सिर दर्द व बेहोशी महसूस करना।
- किसी एक स्थिति में बैठने या खड़े होने में मुश्किल होना।
- खुद को आगे और पीछे की ओर गिरता हुआ महसूस करना।
- बैठे या खड़े होने पर किसी चीज को पकड़कर रखने की आदत होना ।
- आपके स्थिर होने पर भी आस-पास की सभी चीजें घूमती हुई लगना।
चक्कर आने से बचाव के लिए इन विशेष बातों का ध्यान दें –
- पौष्टिक आहार का सेवन करें एवं पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं साथ ही इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले पेय और खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों से दूर रहें।
- किसी भी काम को लगातार करने से बचें और काम के बीच बीच में आराम करें। इसके अलावा सिर को तेजी से घूमने से बचें।
- शरीर के परिसंचरण पर बुरा असर डालने वाले उत्पाद, जैसे तंबाकू, शराब, कैफीन और नमक का अधिक प्रयोग करने से बचें।
- चक्कर आने का मुख्य कारण ज्यादा सोचना और लंबे समय तक तनाव में रहना है। यदि आप इसे रोकना चाहते हैं तो आप सकारात्मक चीजों को देखें और नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम करने से आप शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे।
- शरीर की किसी भी मुद्रा यानी उठने, बैठने, चलने व लेटने में अचानक परिवर्तन करने से बचें।
- यदि आपको निर्जलीकरण एवं ज्यादा गर्मी के कारण चक्कर आ रहे हैं, तो आप किसी ठंडे स्थान या जगह पर आराम करें व जरूरत के अनुसार पानी पीएं।
- लेटने या सोने की स्थिति से धीरे-धीरे उठें और खड़े होने से पहले कुछ क्षणों के लिए बैठे। इसके अलावा चक्कर के लक्षण महसूस होने पर आप स्थिर रहें व कुछ देर आराम करें।
- ज्यादा देर तक कंप्यूटर में काम करने से बचें। इसके अलावा तेज रोशनी एवं टीवी से दूरी बनाएं और वर्टिगो की समस्या होने पर पढ़ने से बचें, क्योंकि यह चक्कर के लक्षणों को और भी गंभीर बना सकती हैं।
- यात्रा के पहले और यात्रा के दौरान तेज गंध व मसालेदार खाना न खाएं। यात्रा करते समय पिछली सीट में बैठकर यात्रा न करें। इसके अलावा यात्रा करते समय किताबें पढ़ने और मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचें।
- कान का संक्रमण, सर्दी होना, माइग्रेन और अन्य सांस से जुड़ी समस्याओं के चलते समय से इलाज करवाएं।
- यदि आपको किसी विशेष प्रकार की दवाओं के सेवन के कारण चक्कर आ रहा है तो आप सीधे अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
जानें कुसुम तेल के फायदे और नुकसान – Kusum oil।
चक्कर आने की समस्या को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies for Dizziness)
आंवला
चक्कर आने पर एक बेहतरीन घरेलू उपचार के रूप में आंवले का सेवन किया जा सकता है। आंवले में विटामिन-सी की उच्च मात्रा पायी जाती हैं, जो रोग- प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने एवं रक्त परिसंचरण को ठीक करने का कार्य करती है और चक्कर आने से बचाती है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच आंवला चूर्ण मिलाकर, इसका सेवन करें। जानें आंवला खाने के फायदे और नुकसान – Amla।
शहद
शहद में प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई रोगों से बचाते है और साथ ही चक्कर की समस्या को ठीक करते है। शहद का सेवन, शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और चक्कर को आने से रोकता है। इसके लिए आप एक चम्मच शहद में नींबू के रस की कुछ बूंदों को गर्म पानी में मिलाकर पीएं। जानें 10 शहद के आयुर्वेदिक उपयोग – स्फूर्तिवान एवं सुंदर काया।
अदरक
अदरक में एंटीबैक्टीरियल व एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण से बचाव कर, चक्कर की समस्या को ठीक करते हैं। अदरक मस्तिष्क को नियंत्रित करता है और रक्त प्रवाह में सुधार करता है। चक्कर आने पर आप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं। अदरक की चाय का सेवन मस्तिष्क को चुस्त कर, चक्कर को रोकता है। जानें अदरक के फायदे और नुकसान।
नींबू
नींबू में एंटी-ऑक्सीडेंट एवं विटामिन-सी की उच्च मात्रा पायी जाती हैं, जो शारीरिक कमजोरी को दूर कर, रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती हैं और चक्कर आने से रोकती है। इसके लिए आप नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं। जानें नींबू के फायदे और नुकसान।
चक्कर आने का उपचार (Dizziness Treatment)
चक्कर आने का उपचार, चक्कर आने के कारणों पर निर्भर करता हैं। ज्यादातर मामलों में, चक्कर आना सामान्य होता हैं, जिनका घरेलू उपचार कर, चक्कर आने के कारणों को नियंत्रित किया जा सकता हैं। लेकिन अगर आपको बार बार चक्कर आते हैं, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है, ऐसे में आप जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपके संतुलन, न्यूरोलॉजिकल स्टेटस, सुनने की समस्या और ब्लड प्रेशर की जांच कर, चक्कर आने की समस्या का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा बेहतर निदान के लिए डॉक्टर द्वारा कुछ परीक्षण जैसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी, इकोकार्डियोग्राफी, मस्तिष्क इमेजिंग, सीटी/ एमआरआई ( CT/MRI) मस्तिष्क के डॉपलर, सुनने से संबंधित ऑडीओमेट्री और इलेक्ट्रोलाइट्स की जांच आदि किए जा सकते हैं।
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