क्लोरेला के फायदे और नुकसान ( chlorella ke fayde aur nuksan ) : क्लोरेला के कई फायदे और नुकसान होते हैं, क्लोरेला एक प्रकार का शैवाल है जो जलीय वनस्पति के अंतर्गत आता है। क्लोरेला को आम भाषा में काई कहा जाता है जिसका उपयोग कई तरह के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। क्लोरेला को जापान एवं ताइवान का मूल निवासी माना जाता है और वर्तमान में इसका उपयोग लगभग सभी देशों में किया जाता है।
क्लोरेला के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Chlorella in hindi)
क्लोरेला में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। क्लोरेला मीठे पानी का शैवाल है जिसकी बढ़ने की गति बहुत तेज होती है। क्लोरेला में प्रोटीन, विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते है जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
क्लोरेला में पाए जाने वाले पोषक तत्व
क्लोरेला एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है जिसमें प्रोटीन, विटामिन बी-12, विटामिन सी, विटामिन के, आयरन, खनिज, फाइबर ओमेगा-3 एस जैसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं।
क्लोरेला के फायदे (Benefits of Chlorella in hindi)
क्लोरेला मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है, क्लोरेला के सेवन से मधुमेह की समस्या को ख़त्म किया जा सकता है क्योंकि इसमें क्लोरोफिल पाया जाता है जो रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा क्लोरेला में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न समस्याओं जैसे कोरोनरी हार्ट डिजीज, एजिंग, मोतियाबिंद, सूजन आदि से लड़ने में मदद करता है।
क्लोरेला हृदय के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्लोरेला में अमीनो एसिड, फाइबर, एन-3, अनसैचुरेटेड फैटी एसिड और कई विटामिन्स व मिनिरल्स मौजूद होते हैं जिन्हें हृदय के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह हृदय संबंधी विभिन्न रोगों को ठीक करने में मदद करता है और साथ ही रक्त परिसंचरण को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। इसके अलावा क्लोरेला में अमीनो एसिड पाया जाता है जो सामान्य ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित करने में मदद करता है। उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी क्लोरेला अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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क्लोरेला का उपयोग वजन घटाने के लिए भी किया जा सकता है, क्लोरेला में फाइबर मौजूद होता है जो मोटाबॉलिज्म को नियंत्रित करके वजन को घटाने में मदद करता है। इसके अलावा क्लोरेला कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है क्योंकि क्लोरेला में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके इनसे होने वाले रोगों को ठीक करने में भी मदद करते हैं।
क्लोरेला ऐसे बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो कैंसर जैसे रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। क्लोरेला में एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं जो लंग्स कैंसर, कोलन कैंसर, प्रोटेस्ट कैंसर से सुरक्षा करता है। इसके अलावा क्लोरेला इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में भी मदद करता है इसीलिए इम्मुनिटी बढ़ाने और प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए क्लोरेला का सेवन किया जाता है।
क्लोरेला लिवर से संबंधी समस्याओं को ठीक करने में भी बहुत फायदेमंद होता है। क्लोरेला में विटामिन-ई व मेटफोर्मिन जैसे गुण मौजूद होते हैं जो नॉन अल्काहॉल फैटी लीवर विकार को ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा क्लोरेला में एंटी बैक्टीरिया और एंटी माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं जो शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को ख़त्म करके शरीर से आने वाली दुर्गंध यानि बदबू को दूर करने में मदद करते हैं।
क्लोरेला त्वचा के लिए फायदेमंद होता है, क्लोरेला में एंटी बैक्टीरियल और एंटी एक्ने गुण मौजूद होते हैं जो त्वचा में होने वाले कील-मुहांसों को ठीक करने में मदद करते हैं। जो लोग कील-मुहांसों की समस्या से परेशान है वे क्लोरेला का इस्तेमाल नियमित रूप से कर सकते हैं।
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क्लोरेला के नुकसान (Losses of Chlorella in hindi)
- क्लोरेला का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है, गर्भावस्था में इसका सेवन करने से उल्टी, मतली, दस्त, पेट में ऐंठन एवं पेट फूलना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- क्लोरेला के सेवन से ऐसे लोग बचें जिन्हें अस्थमा और एनाफिलेक्सिस (एलर्जी) हो इससे ये समस्याएं और अधिक बढ़ सकती है। इसके अलावा क्लोरेला में विटामिन के पाया जाता है अतः वे लोग इसका सेवन न करें जो वार्फरिन का सेवन कर रहे हो।
- क्लोरेला का सही तरीके से सेवन नहीं करने पर फोटोसेंसिटिविटी रिएक्शन हो सकता है जिससे त्वचा पर लाल निशान उत्पन्न हो सकते है। इसके अलावा किसी रोग से पीड़ित व्यक्ति जिसका इलाज चल रहा हो वह क्लोरेला का सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें।
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