दालचीनी दूध के फायदे और नुकसान ( dalchini dudh ke fayde aur nuksan ) : दालचीनी दूध के फायदे और नुकसान कई होते हैं। दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है और यदि इसमें दालचीनी पाउडर को मिलाकर इसका सेवन किया जाए तो यह और अधिक पौष्टिक हो जाता है। दालचीनी दूध स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है और अधिकांशतः इसका सेवन रात में सोने से पहले किया जाना चाहिए।
दालचीनी दूध के फायदे और नुकसान (Benefits and harms of Cinnamon milk in hindi)
दालचीनी दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते है। दालचीनी दूध का सेवन करने से शरीर को दालचीनी और दूध में मौजूद पोषक तत्व प्राप्त हो जाते है जो बेहद फायदेमंद होता है।
दालचीनी दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व
दालचीनी – दालचीनी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, मैंगनीज, विटामिन-ए, फोलेट, विटामिन-सी और विटामिन ई जैसे पोषक तत्व पाए जाते है।
दूध – दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, आयरन, कॉपर, सैलेनियम, विटामिन-ए, विटामिन-डी, विटामिन-के और विटामिन-बी12 जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
दालचीनी दूध के अन्य भाषाओं में नाम
दालचीनी – दालचीनी को हिंदी में दालचीनी, संस्कृत में त्वक्, स्वाद्वी व तनुत्वक्, गुजराती में दालचीनी व तज, तमिल में लवंग पत्तै, बंगाली में दारुचीनी, मराठी में दालचीनी व तेज, पंजाबी में दालचीनी व किरफा और नेपाली में दालचीनी व कुखीतगी कहा जाता है।
दूध – दूध को हिंदी में दूध, अंग्रेजी में मिल्क, संस्कृत में सिंहतुण्ड, वज्री, वज्रद्रुम व सुधा आदि, उर्दू में जाकूम, उड़िया में सीजु, कोंकणी में निवालकांति, कन्नड़ में इल्लैकल्लि, गुजराती में थोर, कांटलो व कंटालो तुएरीया, तेलुगु में आकुजेमुडु, बंगाली में मानसासिज, नेपाली में सिउंदी और पंजाबी में गांगीचु कहा जाता है।
दालचीनी दूध बनाने का तरीका
दालचीनी दूध बनाने के लिए एक पैन में दूध लें और इसे मीडियम आंच में उबाल लें। उबल जाने के बाद इस दूध को एक गिलास में निकाल लें और इसमें एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर अच्छी तरह मिलाएं। दालचीनी दूध बन चुका है, इस दूध को शक़्कर मिलाकर और बिना शक्कर के भी पिया जा सकता है।
दालचीनी दूध के फायदे (Benefits of Cinnamon milk in hindi)
दालचीनी दूध गैस की समस्या को दूर करने के लिए बेहद फायदेमंद होता है। जिन लोगों को गैस से संबंधित समस्या है वे रोजाना दालचीनी दूध का सेवन करें इससे गैस की समस्या ठीक हो जाने के साथ पाचन तंत्र भी स्वस्थ्य रहता है।
दालचीनी दूध डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने के साथ-साथ नियंत्रित भी करता है। दालचीनी दूध का सेवन डायबिटीज टाइप-2 के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
दालचीनी दूध नींद न आने की समस्या को ठीक करने में बेहद फायदेमंद होता है। जिन लोगों को रात के समय नींद आने में बहुत परेशानी होती है वे सोने से पहले दालचीनी दूध अवश्य पिएं क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को आराम और एक अच्छी नींद लाने में मदद करते है।
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दालचीनी दूध का सेवन तनाव की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है। अधिक समय तक तनाव की समस्या होने पर रोजाना रात को सोने पहले दालचीनी दूध पिएं ऐसा करने से तनाव की समस्या और उससे होने वाली परेशानियां दूर हो जाएंगी।
दालचीनी दूध गठिया के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। गठिया में होने वाली समस्याओं को ठीक करने के लिए रोजाना दालचीनी दूध पिएं इससे बहुत अच्छे परिणाम दिखाई देंगे। इसके अलावा दालचीनी दूध हड्डियों से संबंधित रोगों को ठीक करने में भी मदद करता है। दालचीनी दूध पीने से यह हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ्य बनाने में मदद करता है।
दालचीनी दूध त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। रोजाना दालचीनी दूध पीने से यह त्वचा को स्वस्थ्य, साफ़ और सुंदर बनाने में मदद करता है। दालचीनी दूध पीने से त्वचा को प्राकृतिक सौंदर्य प्राप्त होता है और त्वचा से संबंधित रोगों से सुरक्षा मिलती है।
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दालचीनी दूध के नुकसान (Harms of Cinnamon milk in hindi)
- दालचीनी दूध का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक होता है। दालचीनी की तासीर गर्म होती है इसीलिए इसका सेवन गर्भावस्था और सर्जरी से हुई डिलीवरी के दौरान नहीं करना चाहिए।
- दालचीनी दूध का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए नुकसानदायक होता है। दालचीनी रक्त में शर्करा की मात्रा को बहुत कम कर देता है जो डायबिटीज टाइप-1 के रोगियों के लिए हानिकारक होता है।
- दालचीनी दूध का सेवन लिवर रोग से पीड़ित लोगों को नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे इनकी समस्या और अधिक बढ़ सकती है। दालचीनी में मौजूद कुमेरिन लिवर में कई समस्याओं को बढ़ा देता है इसीलिए लिवर के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी रोग के इलाज के दौरान दालचीनी दूध का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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