दालचीनी के तेल के फायदे और नुकसान (dalchini ke tel ke fayde aur nuksan) : दालचीनी के तेल के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं। दालचीनी को अंग्रेजी में (Cinnamon) कहते हैं। दालचीनी की तासीर गर्म होती है जिसके कारण इसका उपयोग सर्दियों के मौसम में अधिक किया जाता है। दालचीनी उन चुनिंदा मसालों में से एक है जिसका इस्तेमाल खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
दालचीनी के तेल के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Cinnamon oil in hindi)
दालचीनी का उपयोग सेहत के लिए अत्यंत गुणकारी माना जाता है। दालचीनी के उपयोग से कई शारीरिक समस्याओं से बचा जा सकता है। दालचीनी की ही तरह दालचीनी के तेल के भी बहुत फायदे होते हैं। दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से कई शारीरिक बीमारियों का खतरा कम होता है।
अन्य भाषाओं में दालचीनी के नाम –
दालचीनी को संस्कृत में स्वाद्वी (Swadvi), चोचम (Chocham) और त्वक् (Tvakka), तमिल में लवंग पत्तै (Lavang pattai), पंजाबी में दाचीनी (Dachini) और किरफा (Kirfa), उर्दू में दारचीनी (Darchini), कन्नड़ में तेजदालचीनी (TejaDalchini) एवं मलयालम में एरिकोलम (Erikkolam) कहते हैं।
दालचीनी के तेल के फायदे (Benefits of Cinnamon oil in hindi)
- दालचीनी के तेल के उपयोग से कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे को घटाया जा सकता है। दालचीनी के तेल में एंटी-कैंसर प्रभाव पाए जाते हैं जिससे कैंसर से बचाव में बहुत मदद मिलती है। दालचीनी का तेल शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने का कार्य करता है जिससे कैंसर का खतरा कम होता है।
- दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाया जा सकता है जिससे हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। दालचीनी के तेल से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। दालचीनी के तेल से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक के खतरे को घटाया जा सकता है।
- दालचीनी के तेल का उपयोग करने से यौन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। एक अध्ययन के अनुसार दालचीनी के तेल से शुक्राणुओं की गुणवत्ता एवं गतिशीलता में सुधार आता है। दालचीनी के तेल में कामोत्तेजक (Aphorodisiac) गुण पाए जाते हैं जिससे यौन संबंधी गतिविधियों में बहुत फायदा मिलता है।
- दालचीनी के तेल के उपयोग से पेप्टिक अल्सर (Stomach Ulser- पेट का अल्सर) जैसी समस्याओं में बहुत फायदा मिलता है। दालचीनी के तेल में अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने वाले गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर में अल्सर की समस्या उत्पन्न नहीं होती। अल्सर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए दालचीनी के तेल का सेवन करना एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
- दालचीनी के तेल के उपयोग से तनाव की समस्या में राहत मिलती है। दालचीनी के तेल की सुगंध को सांस द्वारा लेने से तनावमुक्त रहने में मदद मिलती है। दालचीनी के तेल को सूंघने से मूड ठीक होता है जिससे निराशा एवं तनाव की स्थिति से निकलने में आसानी होती है। यही नहीं दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में भी सुधार आता है जिससे मस्तिष्क की गतिविधि में वृद्धि होती है।
- दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से फंगल संक्रमण की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दालचीनी के तेल में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं जिससे फंगल संक्रमण की समस्या में राहत मिलती है। फंगल इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी के तेल को सबसे प्रभावशाली तेल के रूप में भी जाना जाता है।
- दालचीनी के तेल का उपयोग करने से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार दालचीनी के तेल में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने का कार्य करते हैं। दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से रक्त में शुगर की मात्रा में वृद्धि नहीं होती जिससे मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है। दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से टाइप-2 मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है।
- दालचीनी के तेल के उपयोग से कील-मुहांसों, डार्क सर्कल्स एवं दाग-धब्बों की समस्या से छुटकारा मिलता है। दालचीनी के तेल युक्त उत्पादों के इस्तेमाल से चेहरा साफ एवं ग्लोइंग रहता है। शहद में दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें डालकर इस मिश्रण को दाग-धब्बों वाले स्थान पर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।
- दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से अस्थमा जैसी बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। दालचीनी के तेल की कुछ बूंदों का सेवन करने से श्वसन संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। इस तेल के इस्तेमाल से खांसी, सर्दी-जुकाम, गले में खराश एवं फ्लू की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से दस्त, उल्टी, एसिडिटी एवं अपच जैसी पेट की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल के उपयोग से पेट में गैस की समस्या से भी राहत मिलती है।
- दालचीनी के तेल के उपयोग से गठिया जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। गठिया की बीमारी में शरीर के जोड़ों में अत्यधिक दर्द एवं सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। दालचीनी के तेल को सरसों या नारियल के तेल में मिलाकर गर्म करके दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से जोड़ों के दर्द एवं सूजन दोनों में राहत मिलती है।
- दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से दांत दर्द की समस्या में राहत मिलती है। दालचीनी के तेल में युजेनॉल (Eugenol) की मात्रा पायी जाती है जिससे दांत दर्द एवं मसूड़ों से संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। दालचीनी के तेल की कुछ बूंदों को रूई पर डालकर दांतों के बीच रखने से दांत दर्द कम होता है।
- दालचीनी के तेल के उपयोग से मोटापे की समस्या से राहत मिलता है। दालचीनी का तेल शरीर से वसा को घटाने का कार्य करता है जिससे शरीर का वजन तेजी से कम होता है। रोजाना नियमित रूप से इस तेल का इस्तेमाल करने से मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
- दालचीनी के तेल के इस्तेमाल से बालों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। दालचीनी के तेल की कुछ बूंदों को सिर पर लगाने से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है जिससे बालों को मजबूती है। इस तेल को बालों में लगाने से बाल लंबे होते हैं।
दालचीनी के तेल में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व –
दालचीनी के तेल में कैल्शियम (Calcium), मैग्नीशियम (Magnesium) यूजेनॉल (Eugenol), सिनामलडिहाइड (Cinnamaldehyde), सिनेमिक एसिड (Cinemic acid), सिनेमाइल एसीटेट (Cinnamyl acetate), अल्फा-टरपिनॉल (Alpha-terpineol), बीटा कैरोटीन (Beta-carotene) एवं टेरपिनोलीन (terpinolene) जैसे यौगिक पाए जाते हैं।
दालचीनी के तेल का उपयोग –
दालचीनी के तेल का क्रीम बनाने, हर्बल साबुन बनाने, परफ्यूम बनाने में, अरोमाथेरेपी के लिए, जोड़ों के दर्द के लिए एवं स्वस्थ दांत एवं मसूड़े के लिए उपयोग किया जा सकता है। एक गिलास हलके गुनगुने पानी में दालचीनी के तेल की कुछ बूंदे डालकर इस पानी से माउथवाश करने से बहुत फायदा मिलता है।
दालचीनी के तेल के नुकसान (Losses of Cinnamon oil in hindi)
- दालचीनी के तेल के अत्यधिक सेवन से रक्त में शुगर की मात्रा सामान्य से घट सकती है। ऐसे में लो शुगर की समस्या वाले लोगों को दालचीनी के तेल का अधिक सेवन से बचना चाहिए।
- दालचीनी के तेल के साथ किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा इसके कुछ दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।
- लिवर संबंधी बीमारी का पीड़ित व्यक्ति को दालचीनी के तेल के सेवन से बचना चाहिए।
- दालचीनी के तेल के अधिक उपयोग से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र अवसाद (Central Nervous System Depression) की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- दालचीनी के तेल का अत्यधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- दालचीनी के तेल का अधिक इस्तेमाल करने से जी घबराना, हृदय की धड़कन का अनियंत्रित होना एवं चक्कर आना जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- मुंह में अल्सर की समस्या से जूझ रहे लोगों को दालचीनी के तेल उपयोग करते समय जलन एवं दर्द महसूस हो सकता है।
जानें दालचीनी और शहद के फायदे और नुकसान – Cinnamon and Honey।