धनिया के बीज के फायदे और नुकसान ( dhaniya ke beej ke fayde aur nuksan ) : धनिया के बीज के फायदे और नुकसान कई होते हैं। भारतीय व्यंजनों में धनिया का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। धनिया के पत्तों के साथ-साथ धनिया के बीज का उपयोग भी खाना बनाने में बेहद खास है। धनिया की खेती करना बहुत आसान होता है। धनिया की खेती मुख्य रूप से साल के अक्टूबर-नवंबर के माह में की जाती है।
धनिया के बीज के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of coriander seeds in hindi)
धनिया के बीज की तासीर गर्म होती है जिसके कारण सर्दियों में इसका अधिक उपयोग किया जाता है। धनिया के बीज का उपयोग करने से शरीर को स्वस्थ रखने में आसानी होती है। धनिया के बीज का लगभग हर घर में एक मसाले के रूप में किया जाता है।
अन्य भाषाओं में धनिया के नाम-
धनिया को संस्कृत में धान्यक (Dhanyaka), कुस्तुम्बुरु (Kustumburoo), छत्रा (Chatraa) एवं शाकयोग्य (Shaakyogya), कन्नड़ में हविज (Havija), गुजराती में धाना (Dhana), तमिल में कोटमल्लि (Kotamalli), बंगाली में धाने (Dhane) एवं तेलुगु में धनियलु (Daniyalu) के नाम से जाना जाता है।
धनिया के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व-
धनिया के बीज में एनर्जी, प्रोटीन, फैट, कार्बोहायड्रेट, फाइबर, आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, पोटैशियम, सोडियम, विटामिन C, नियासिन, राइबोफ्लेविन, थायमिन, लिनोलिक एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, सैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
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धनिया के बीज के उपयोग का तरीका-
धनिया के बीज को खड़े मसाले के रूप में, हल्का-हल्का भूनकर सूप में डालकर, सब्जी एवं समोसे में तड़का लगाने के लिए, भूने हुए धनिया के बीजों को मसाले में मिलाकर, धनिया के बीज को पानी में भिगोकर उस पानी को त्वचा पर, धनिया के बीज को उबालकर चाय में डालकर एवं पिज़्जा या अन्य स्नैक्स बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। Benefits and Side effects of Coriander Seeds in hindi.
धनिया के बीज के फायदे (Benefits of Coriander Seeds in hindi)
- धनिया के बीज का सेवन करने से गठिया जैसी बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है। धनिया के बीज में लिनोलिक एसिड की मात्रा पायी जाती है जो शरीर में एंटी-अर्थराइटिस की तरह कार्य करता है जिससे जोड़ों के दर्द की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा धनिया के बीज में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं जिससे गठिया के रोगियों को बहुत फायदा मिलता है।
- धनिया के बीज का नियमित रूप से उपयोग करने से मधुमेह जैसी बीमारी से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। धनिया के बीज में पॉलीफेनोल (Polyphenol), फ्लेवोनॉइड (Flavonoid) एवं बीटा-कैरोटिनॉइड (Beta-carotenoid) जैसे यौगिक पाए जाते हैं जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को संतुलित रखने में बहुत मददगार होते हैं। इसके अलावा धनिया के बीज का सेवन करने से टाइप-2 डाइबिटीज के रोगियों को भी बहुत फायदा मिलता है।
- धनिया के बीज का सेवन करने से अनीमिया जैसी बीमारी से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। अनीमिया आयरन की कमी से होने वाली बीमारी के कारण होता है जिसमें शरीर में रक्त की कमी हो जाती है। धनिया के बीज में विटामिन C की मात्रा भी पायी जाती है जो शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं। इसके अलावा धनिया के बीज में आयरन की मात्रा पाई जाती है जिससे शरीर में रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है।
- धनिया के बीज के इस्तेमाल से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है जिससे पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने में आसानी होती है। धनिया के बीज में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ फाइबर की भी पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जिससे पेट में कब्ज, अपच, एसिडिटी एवं ऐंठन की समस्या नहीं होती। पेट की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को धनिया के बीज का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
- धनिया के बीज का नियमित रूप से सेवन करने से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। धनिया का बीज शरीर के कोलस्ट्रोल एवं फैट के स्तर को घटाने का कार्य करते हैं जिससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम होता है। धनिया के बीज में हाइपोलिपिडेमिक (Hypolipidemic) गुण पाया जाता है जिससे हृदय को स्वस्थ रखने में आसानी होती है। इसके अलावा धनिया के बीज के उपयोग से हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक के खतरों को भी घटाया जा सकता है।
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- धनिया के बीज का सेवन करने से मिर्गी (Epilepsy) की समस्या में होने वाले दौरे की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल मिर्गी एक मानसिक विकार है जिसमें मानसिक गतिविधि असामान्य हो जाती है। धनिया के बीज में एंटी-कंविलिसेंट (Anti-Convalescent) गतिविधि पायी जाती है जिससे मस्तिष्क की कार्य प्रणाली सामान्य रहती है। इसके अलावा धनिया के बीज के इस्तेमाल से याददाश्त भी तेज होती है।
- धनिया के बीज के इस्तेमाल से मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को होने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है। मासिक धर्म के दौरान अक्सर महिलाओं को अत्यधिक पेट दर्द एवं कमर दर्द की समस्या से गुजरना पड़ता है। ऐसे में धनिया के बीज की बनी चाय का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है। धनिया के बीज में एंटी-इंफ्लामेटरी एवं एनाल्जेसिक प्रभाव पाए जाते हैं जिससे शरीर में दर्द को घटाने में आसानी होती है।
- धनिया के बीज का इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी विकारों से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है। धनिया के बीज में विटामिन C के साथ-साथ एंटी-बैक्टीरियल एवं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं जिससे त्वचा संबंधी संक्रमण के खतरों से छुटकारा पाया जा सकता है। धनिया के बीज की मदद से कील-मुहांसे, डार्क सर्कल्स एवं छाईयों की समस्या से मिलती है।
- धनिया के बीज का सेवन करने से बालों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। धनिया के बीज में जिंक एवं आयरन की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिससे बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। धनिया के बीज के इस्तेमाल से बालों की जड़ों को मजबूती मिलती है जिससे बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा मिलता है।
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धनिया के बीज के नुकसान (Losses of Coriander Seeds in hindi)
- धनिया के बीज का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से रक्त में शुगर की मात्रा सामान्य से घट सकती है जिससे लो ब्लड शुगर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। मधुमेह के रोगियों को दवा का सेवन करने के साथ-साथ धनिया के बीज का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
- लंबे समय तक धनिया के बीज का सेवन करने से लिवर संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान करा रही महिलाओं को धनिया के बीज का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। धनिया के बीज का प्रभाव प्रजनन ग्रंथि पर प्रभाव पड़ता है जिससे भ्रूण एवं प्रजनन ग्रंथि को नुकसान भी पहुंच सकता है।
- धनिया के बीज के प्रति संवेदनशील वाले व्यक्तियों को त्वचा पर इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए अन्यथा इससे उनकी त्वचा पर खुजली, जलन एवं सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- कुछ लोगों को धनिया के बीज के इस्तेमाल से सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना एवं एलर्जी की समस्या हो सकती है। इसीलिए यदि धनिया के बीज का सेवन करने के बाद इस तरह का अनुभव होता है तो डॉक्टर का परामर्श अवश्य ले लें।
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