ग्वार फली के फायदे और नुकसान ( Gawar Phali ke fayde aur nuksan ) : ग्वार फली के फायदे और नुकसान बहुत से होते हैं। ग्वार फली को अंग्रेजी में (Guar gum या Cluster Beans) कहते हैं। ग्वार फली की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण इसका उपयोग गर्मियों के दिनों में अधिक किया जाता है। ग्वार फली का सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है। ग्वार फली एक गर्म जलवायु का पौधा है, यह गर्म इलाकों में उगाया जाता है। ग्वार फली का वैज्ञानिक नाम सोफोकार्पस टेट्रागोनोलोबस (Cyamopsis tetragonolobus) है।
ग्वार फली के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Guar in hindi)
ग्वार फली को सब्जी के रूप में खाया जाता है जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद गुणकारी होता है। ग्वार फली में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे शरीर में पोषक तत्वों की कमियों को पूरा किया जा सकता है।
अन्य भाषाओं में ग्वार फली के नाम –
ग्वार फली को संस्कृत में गोराणी (Goraani), सुशाका (Sushaka) और गुच्छशिम्बी (Gucchshimbi), गुजराती में गवार की फली (Guar ki phali), पंजाबी में कुलटी (Kulti), तमिल में कोट्टावरई (Kottavarai), कन्नड़ में गुवरकायी (Guvarkayi), मराठी में कोथवारा (Kothvara), ओड़िया में गुआर (Guvar), तेलुगु में कारूचिक्कुडू (Karucikkudu) एवं बंगाली में झार सिम (Jhar sim) के नाम से जाना जाता है।
ग्वार फली के फायदे (Benefits of Gawar Phali in hindi)
- ग्वार फली का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। ग्वार फली में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जिससे कब्ज, अपच, दस्त एवं एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। ग्वार फली का नियमित रूप से सेवन करने पर पाचन तंत्र बेहद सकारात्मक रूप से प्रभावित होता है जिससे आंत संबंधी समस्याओं के लक्षणों को भी घटाया जा सकता है।
- ग्वार फली के इस्तेमाल से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। ग्वार फली में फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) एवं केंपफ्रेरॉल (Campfroll) की मात्रा पायी जाती है जो शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को पनपने से रोकने का कार्य करते हैं। कैंसर के रोगियों को सप्ताह में लगभग 3-4 बार ग्वार फली का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।
- ग्वार फली का सेवन करने से हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। ग्वार फली में कैल्शियम एवं फास्फोरस की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। ग्वार फली का नियमित सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) जैसी हड्डियों से संबंधी बीमारियों की समस्या से बचाव करने में बहुत मदद मिलती है।
- ग्वार फली के सेवन से मधुमेह जैसी बीमारी के लक्षणों को घटाया जा सकता है। ग्वार फली में फाइबर की उच्च मात्रा पायी जाती है जिससे रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है। दरअसल ग्वार फली में मौजूद फाइबर रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकने का कार्य करते हैं जिससे मधुमेह जैसी बीमारी का खतरा कम होता है। मधुमेह के रोगियों को ग्वार फली का सेवन करने से बहुत लाभ मिलते हैं।
- ग्वार फली का सेवन से एनीमिया की समस्या से बचा जा सकता है। ग्वार फली में आयरन की मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर नियंत्रित रहता है। ग्वार फली का नियमित सेवन करने से शरीर में रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है जिससे एनीमिया जैसी बीमारी की समस्या से बचा जा सकता है।
- ग्वार फली के इस्तेमाल से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। ग्वार फली में फाइबर के साथ-साथ पोटेशियम और फोलेट की भी मात्रा पायी जाती है जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है जिससे हृदय संबंधी बीमारियों के खतरों से बचा जा सकता है। ग्वार फली का नियमित सेवन करने से हार्ट अटैक एवं हृदय संबंधी अन्य बीमारियों का खतरा कम होता है।
- ग्वार फली का सेवन करने से रक्त परिसंचरण बेहतर रहता है। ग्वार फली शरीर में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाते हैं जिससे रक्त में पर्याप्त मात्रा ऑक्सीजन का सप्लाई होता है। इससे परिसंचरण तंत्र की कार्य प्रणाली में सुधार आता है।
- ग्वार फली का सेवन करने से मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ग्वार फली में पाए जाने वाले प्राकृतिक गुण मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को तनावमुक्त करने में बेहद मददगार माने जाते हैं जिससे अवसाद एवं तनाव की समस्या से छुटकारा पाया जाता है।
ग्वार फली के सेवन का तरीका –
ग्वार फली को सलाद और सब्जी के रूप में, बेसन के साथ मिलाकर, ग्वार फली का पाउडर बनाकर, पानी में उबालकर काढ़े के रूप में, कढ़ी बनाकर एवं ग्वार फली के पाउडर से निर्मित ब्रेड बनाकर सेवन किया जा सकता है।
ग्वार फली में पाए जाने वाले पोषक तत्व –
ग्वार फली में प्रोटीन, ऊर्जा, आयरन, कैलोरी, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, सोडियम, मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, सैचुरेटेड फैटी एसिड आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
ग्वार फली के नुकसान (Losses of Gawar Phali in hindi)
- ग्वार फली के अत्यधिक सेवन से पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ग्वार फली में फाइबर की अधिक मात्रा पायी जाती है जिस के अधिक इस्तेमाल से पेट में सूजन, ऐंठन, गैस एवं दस्त की शिकायत हो सकती है।
- ग्वार फली का अत्यधिक सेवन करने से मतली की समस्या हो सकती है।
- ग्वार फली के अधिक इस्तेमाल से कफ की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ग्वार फली की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से कफ की समस्या से गुजरना पड़ सकता है।
- हृदय संबंधी रोग एवं मधुमेह की दवा का सेवन कर रहे लोगों को ग्वार फली का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
- एलर्जी की समस्या वाले लोगों को ग्वार फली का सेवन करने से पहले डॉक्टर का परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।
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