हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान ( Haritaki (Harad) ke fayde aur nuksan ) : हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान कई होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार हरीतकी या हरड़ एक प्रकार की जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए किया जाता है। हरड़ को अंग्रेजी में Dry Myrobalan (ड्राई मॉयरोबालान) कहा जाता है। हरीतकी या हरड़ की तासीर गर्म होती है। गर्म तासीर होने के कारण सर्दियों में इसका सेवन करना फायदेमंद होता है।
हरीतकी (हरड़) के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Haritaki (Harad) in hindi)
आयुर्वेद के अनुसार, हरड़ में मौजूद औषधीय गुण, कई शारीरिक समस्याओं के लक्षणों को कम कर, उनसे बचाव करने में मदद करते है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते है। हरड़ शारीरिक समस्याओं को दूर करने के साथ त्वचा व बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। लेकिन हरड़ का अधिक मात्रा में सेवन, कुछ शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
इसलिए हरड़ का उपयोग करने से पहले, आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से हरड़ के फायदे और नुकसान के बारे में।
हरड़ के अन्य भाषाओं में नाम
हरड़ को हिंदी में हरड़, हर्रे व हड़, संस्कृत में अभया, पथ्या व हरीतकी, गुजराती में हरीतकी व हिमजा, तमिल में कडुक्कै, बंगाली में होरीतकी, पंजाबी में हर व हरीतकी, मराठी में हिरड और नेपाली में हर्रो व बर्रो कहा जाता है।
हरड़ में पाए जाने वाले पोषक तत्व
हरड़ में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहइड्रेट, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, सेलेनियम और कॉपर के साथ एंटीबैक्टीरियल, एंटीबायोटिक और एंटीफंगल जैसे कई गुण पाए जाते हैं।
हरड़ के सेवन का तरीका
हरड़ का सेवन काढ़े के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा इसको चूर्ण के रूप में खाया जा सकता है।
हरीतकी (हरड़) के फायदे (Benefits of Haritaki (Harad) in hindi)
- हरीतकी का सेवन, मुुँह और पेट के अल्सर से बचाव करने में फायदेमंद हो सकता है क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार, हरड़ में साइटोप्रोटेक्टिव (कोशिकाओं को नुकसान से बचाने वाला), एंटी- टीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया के प्रभाव को नष्ट करने वाला) और एंटी-अल्सर (अल्सर को दूर करने वाला) गुण पाए जाते हैं। यह सभी गुण, अल्सर के लक्षणों को कम कर, उससे बचाव करने में मदद कर सकते हैं।
- बवासीर रोग, मुख्य रूप से पाचन क्रिया के सही से काम न करने के कारण होती है। वहीं, हरड़ में लैक्सेटिव (मल को पतला करने वाला) गुण पाए जाता हैं। जो पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर कर, बवासीर की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप गर्म पानी में हरड़ के चूर्ण का सेवन करें।
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- रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए हरड़ का सेवन फायदेमंद होता है। हरड़ में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से बचाव करने में मदद करते हैं। इसके अलावा हरड़ में विटामिन्स सी की उच्च मात्रा पायी जाती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर, रोगी की रोग- प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है।
- उल्टी और मतली से राहत दिलाने के लिए हरड़ आपकी मदद कर सकता है। उल्टी की समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण में शहद को मिलाकर सेवन करने से, उल्टी और मतली में जल्द ही राहत मिलती है।
- पाचन स्वास्थ्य के लिए हरड़ में मौजूद लैक्सेटिव गुण के साथ कई ऐसे गुण पाए जाते हैं। जो पाचन में सुधार कर, पाचन तंत्र को मजबूत बनाये रखने में सहायक होते हैं और कब्ज जैसी अन्य पेट की समस्याओं से भी बचाव करने में मदद करते हैं। इसके अलावा हरड़ में पाए जाने वाले औषधीय गुण, भूख को बढ़ाने में आपकी मदद करते हैं। इसलिए हरड़ को पेट के लिए बेहतरीन औषधि माना जाता है।
- खांसी से छुटकारा पाने के लिए आप हरड़ का सेवन कर सकते है। विशेषज्ञों के अनुसार, हरीतकी में एंटीट्यूसिव गुण यानी (खांसी को दूर करने वाला प्रभाव) पाए जाता हैं, जो खांसी की समस्या में काफी हद तक राहत पहुंचा सकता है इसलिए कहा जा सकता है कि खांसी की समस्या को दूर करने के लिए हरड़ फायदेमंद हो सकता है।
- आयुर्वेद में हरड़ का उपयोग यौन समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार हरड़ में मौजूद औषधीय गुण, यौन शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। अगर रोजाना 1-2 ग्राम हरड़ का सेवन एक महीने तक किया जाएं तो, यह यौन शक्ति बढ़ाने और शीघ्रपतन के इलाज में सहायक होता है।
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- त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप हरड़ का सेवन कर सकते हैं। हरड़ में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के साथ हरड़ में खून को साफ करने वाले गुण भी पाए जाते हैं। जो खून में मौजूद अशुद्धियों को दूर कर, त्वचा संबंधित कई समस्याओं से बचाव करने में सहायक होते है। इसलिए कहा जा सकता है कि त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए हरड़ का सेवन लाभदायक हो सकता है।
हरीतकी या हरड़ के नुकसान (Losses of Haritaki (Harad) in hindi)
- कुछ लोगों को हरड़ के सेवन से एलर्जी भी हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को हरड़ के सेवन से किसी भी प्रकार की एलर्जी होती है तो वह व्यक्ति हरड़ के सेवन से बचें।
- हरड़ में लैक्सेटिव गुण पाए जाने के कारण, हरड़ का अधिक मात्रा में सेवन, दस्त का कारण बन सकता है।
- हरड़ की तासीर गर्म होने के कारण, गर्मियों में हरड़ का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें।
- गर्भवती व स्तनपान करने वाली महिलाएं हरड़ का सेवन करने से पहले, डॉक्टर से सलाह लें।
- अगर कोई व्यक्ति किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन करता हैं, तो वह व्यक्ति हरड़ का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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