ज्यादा देर टीवी देखने के नुकसान : ज्यादा देर टीवी देखने के नुकसान कई सारे होते हैं। टीवी को हिंदी में दूरदर्शन कहते है जिसका उपयोग बैठे-बैठे दुनिया के किसी भी शहर, कस्बे यानि किसी भी इलाके को व वहां घटित घटनाओं को आसानी से घर बैठे देख सकते हैं। टीवी के माध्यम से दुनियाभर में घटित हो रही अच्छी व बुरी ख़बरों को देख और सुन सकते हैं।
टीवी हमें दुनिया में घटित हो रही अनेक जानकारियां तो देता है किन्तु अधिक टीवी देखने से शारीरिक एवं मानसिक रोग होने की संभावनाएं बहुत अधिक बढ़ जाती हैं। अधिक टीवी देखने के और भी बहुत से नुकसान होते हैं, वे नुकसान निम्नलिखित हैं –
ज्यादा देर तक टीवी देखने के नुकसान
समय का दुरुपयोग
टीवी देखने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है व्यक्ति इसे देखने में अपना बहुत अधिक समय बर्बाद कर देता है। वर्तमान में लोग मनोरंजन के तौर पर इतना अधिक टीवी देखते हैं कि वे अपने कीमती समय को व्यर्थ कर देते हैं जिसका नतीजा उनको भविष्य में देखने को मिलता है। किसी भी व्यक्ति की सफलता या असफलता उसके द्वारा किए समय के सदुपयोग व दुरूपयोग से निर्धारित होती है।
उचित जानकारियों का अभाव
टीवी में दिखाए जाने वाले प्रोग्राम या दी जाने वाली जानकारी में वास्तविकता और सटीकता का अभाव रहता है। अधिकतर प्रोग्राम काल्पनिक होते हैं लेकिन युवा पीढ़ी उसी को वास्तविकता समझने लगती है। न्यूज़ चैनलों द्वारा भी आजकल ऐसा ही किया जा रहा है, जल्द से जल्द खबर दिखाने के चक्कर में गलत, अपुष्ट, अधूरी खबरें दिखा दी जा रही हैं जिससे समाज में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भ्रम फैलना, समाज में भेदभाव और नेगेटिव खबरों का अधिक प्रसार हो रहा है जोकि एक उन्नत समाज के लिए चिंता का विषय है।
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सोचने की क्षमता में कमी
एक शोध के अनुसार यह पता लगाया गया है कि अधिक टीवी देखने वाले लोगों की सोचने और समझने की क्षमता में कमी हो जाती है वे एक निश्चित सीमा तक ही सोच व समझ सकते हैं। टीवी में दिखाए जाने वाले प्रोग्राम केवल मनोरंजन के लिए होते है अतः जो व्यक्ति ज्यादा समय तक टीवी के सम्पर्क में रहता है वे केवल उन मनोरंजन के प्रोग्रामों तक ही सीमित रहते है और उनकी सोचने की क्षमता केवल उस तक ही सीमित रहती है।
बच्चों की पढ़ाई में अवरोध
टीवी अधिक देखने से बच्चों पर और उनकी पढ़ाई पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है, टीवी में जो भी अच्छी-बुरी चीजें दिखाई जाती हैं बच्चे भी वही सीखने लगते हैं और वैसा ही व्यवहार करने लगते हैं। इसके अलावा यदि परिवार में कोई भी टीवी देखता है तो उसका असर पढ़ाई कर रहे बच्चों पर पड़ता है क्योंकि टीवी उनका ध्यान अपनी ओर केंद्रित करता है इसीलिए बच्चों को अधिक टीवी नहीं दिखाना चाहिए और न ही उनकी पढ़ाई के समय टीवी देखना चाहिए।
अकेलेपन का कारण
अधिक टीवी देखना व्यक्ति के अंदर अकेलेपन को जन्म देता है जो लोग अधिक टीवी देखते हैं वे खुद को एक निश्चित सीमा तक रख लेते हैं और उनका बाहरी दुनिया से अधिक लगाव नहीं होता है। अधिक टीवी देखने वाला व्यक्ति वास्तविकता से बहुत दूर हो जाता है और निराशापूर्ण जीवन जीने लगता है।
बुरी आदतों को अपनाना
टीवी में विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम दिखाए जाते हैं जिनको देख कर आजकल के युवा और बच्चे उन्हीं की तरह व्यवहार करते हैं। वे अपने पसंदीदा अभिनेताओं की तरह ही मदिरापान, धूम्रपान व गुटखा खाने लगते हैं और उनकी बुरी आदतों को अच्छा समझ कर अपनाने लगते हैं जिससे उनके व्यवहार में बहुत बुरे परिवर्तन आने लगते हैं। इसके अलावा ज्यादा टीवी देखने से एकाग्रता में कमी आने लगती है। जिससे लोग अपने विशेष कार्यों को नहीं कर पाते और चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं।
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