काली चाय पीने के फायदे और नुकसान (kali chai peene ke fayde aur nuksan) : काली चाय पीने के फायदे और नुकसान या लाभ-हानि कई सारे होते हैं। बिना दूध वाली चाय को काली चाय या ब्लैक टी कहा जाता है। चाय का सेवन नींद को भगाने के साथ शरीर में ताजगी और स्फूर्ति को बनाये रखने के लिए किया जाता है। काली चाय, सफेद चाय के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होती है। Advantages and disadvantages of Drinking Black Tea in hindi.
काली चाय पीने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Drinking Black Tea in hindi)
काली चाय में मौजूद फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट, फ्लोराइड और टैनिन तत्व सेहत के लिए फायदेमंद होते है। काली चाय हमारे स्वास्थ्य के साथ हमारी त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होती है। Benefits and Side effects of Drinking Black Tea in hindi, Benefits and losses of Drinking Black Tea in hindi.
काली चाय पीने के फायदे (Benefits of drinking Black Tea in hindi)
हृदय स्वास्थ्य के लिए – हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना एक कफ काली चाय का सेवन लाभदायक होता है। काली चाय में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स एलडीएल तत्व, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है। काली चाय का सेवन हृदय की धमनियों को स्वस्थ रखने के साथ रक्त के थक्के बनाने की समस्या को दूर करने में सहायक होता है। एक ताजा शोध के अनुसार काली चाय में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स, धमनियों को, ऑक्सीकरण से होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक होता है और हृदय से जुड़ीं समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
मधुमेह को सामान्य रखने के लिए – काली चाय में दूध और चीनी मौजूद न होने के कारण यह मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होती है। रोजाना काली चाय का सेवन मधुमेह में कम करने में सहायक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार काली चाय में थियाफ्लेविंस नामक पॉलीफेनॉल पाया जाता है, जिस में मौजूद एंटी डायबिटीज का प्रभाव होता है, जो रक्त में मौजूद शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक होता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने लिए – काली चाय का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। काली चाय में मौजूद अल्काईलामाइन एंटीजेंट तत्व, हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाये रखने का कार्य करता है। साथ ही काली चाय में उपस्थित टेनिन, वायरस से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है, जो हमें वायरस के कारण होने वाली बीमारियों से बचाने में सहायक होता है।
हड्डियों को मजबूत बनाये रखने के लिए – काली चाय का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि काली चाय में मौजूद फाइटोकेमिकल्स हड्डियों को मजबूत बनाने और अर्थराइटिस के खतरे को कम करने में मदद करता है। 30 की उम्र से पार व्यक्तियों के लिए रोजाना काली चाय का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि काली चाय बोन डेंसिटी, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर के खतरे को काफी कम करने में सहायक होती है।
पाचन स्वास्थ्य के लिए – पाचन को स्वस्थ रखने के लिए काली चाय का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि काली चाय में पाए जाने वाले टेनिन, पाचन शक्ति को मजबूत बनाये रखने में मदद करता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। पाचन क्रिया को मजबूत बनाये रखने के साथ टेनिन आंतों की बीमारियों के इलाज में भी सहायक होता है। रोजाना एक कफ काली चाय के सेवन से पाचन तंत्र और आंतों की समस्या में सुधार पाया जा सकता है।
वजन को कम करने के लिए – काली चाय पीने से वजन को कम किया जा सकता है क्योंकि काली चाय में उपस्थित प्रभावशाली थीफलेविन्स और थिरी बिगिन्स तत्व, शरीर की चर्बी को कम करने के साथ कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में सहायक होते है, जो वजन को कम करने में काफी मदद करते है ।
किडनी स्टोन को ठीक करे- किडनी स्टोन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए काली चाय का सेवन फायदेमंद होता है। काली चाय में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते है, जो किडनी में स्टोन बनने की प्रक्रिया को रोकने में सहायक होते हैं। इसलिए काली चाय का सेवन किडनी स्टोन से पीड़ित मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए – कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य रखने के लिए काली चाय का सेवन फायदेमंद होता है। कई बार गलत खान पान से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रोक, बल्ड प्रेशर और इस्केमिक अटैक का खतरा बना रहता है। ऐसे में काली चाय में पाए जाने वाला एंटी हाइपरकोलेस्ट्रोलेमल तत्व, खराब कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बहार निकलने में सहायक होता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है।
तनाव को दूर करने के लिए – तनाव को दूर करने के लिए काली चाय का सेवन करना फायदेमंद होता है। काली चाय में अमीनो एसिड एल-थिएनाइन पाया जाता है, जो मानसिक स्मृति में सुधार करता है और तनाव को दूर करने के साथ दिमाग को शांत रखने में सहायक होता है।
डायरिया ठीक करे – डायरिया की समस्या में काली चाय का सेवन फायदेमंद होता है। कई बार खाने-पीने को लेकर की गयी लापरवाही, डायरिया का कारण बनती है। दस्त की समस्या में, शरीर से मिनरल्स और पानी तेज़ी से बहार आ जाते है, जिससे रोगी के शरीर में कमजोरी होने लगती है। ऐसे में काली चाय का सेवन करें, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाचन तंत्र को ठीक करने में मदद करता है और डायरिया की समस्या को कम करने में सहायक होता है।
त्वचा स्वास्थ्य के लिए- त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए काली चाय का सेवन फायदेमंद होता है। काली चाय में कैटेचिन नामक एक खास तत्व पाया जाता है, जिसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते है, जो त्वचा इन्फेक्शन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के साथ त्वचा के दाग धब्बों को कम करने में मदद करते है और त्वचा को जवां बनाये रखने में सहायक होते है।
अस्थमा में राहत दिलाये – अस्थमा से पीड़ित रोगियों के लिए भी काली चाय का सेवन लाभदायक होता है। काली चाय में पाए जाने वाला एक खास तत्व थियोफिलीन, अस्थमा के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। नियमित रूप से काली चाय का सेवन किया जाये तो, यह अस्थमा के कुछ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
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काली चाय पीने के नुकसान (Losses of drinking Black Tea in hindi)
- काली चाय में मौजूद कैफीन की अत्यधिक मात्रा, नींद न आने जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए काली चाय का अत्यधिक सेवन न करें।
- काली चाय में टैनिन नामक एक तत्व पाया जाता है। शरीर में टैनिन की अधिक मात्रा कैंसर का कारण बन सकती है।
- अत्यधिक मात्रा में काली चाय का सेवन करने से मधुमेह रोगियों में बल्ड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को काली चाय के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए।
- काली चाय का ज्यादा सेवन दांतों में इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है, जो दांतों में सेंसिटिविटी को बढ़ा सकता है।
- काली चाय में पाए जाने वाला कैफीन किडनी के लिए ड्यूरेटिक का कार्य करता है, जिससे बार बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है।
- काली चाय में कैफीन के साथ थियोफिलाइन नामक केमिकल भी पाया जाता है, जिसकी अधिक मात्रा, कब्ज की समस्या का कारण बन सकती है।
जानें चाय पीने के फायदे और नुकसान।