Khubkala ke fayde (खूबकला के फायदे) में Khubkala से संबंधित सभी जानकारियां शामिल है। Khubkala एक प्रकार का पौंधा है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। Khubkala दिखने में सरसों की तरह होता है लेकिन यह सरसों से थोड़ा छोटा होता है। Khubkala को खाकसी, खाकसीर, जंगली सरसों, बनारसी राई के नाम से भी जाना जाता है। Khubkala एक बहुत ही गुणकारी औषधि है जिसे कई शारीरिक रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Khubkala ke fayde की पूरी जानकारी नीचे दी गयी है –
खूबकला खाने का तरीका
खूबकला एक बहुत ही गुणकारी औषधि है जिसका इस्तेमाल कई शारीरिक रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। अलग-अलग बीमारियों में खूबकला का भिन्न-भिन्न तरीके से सेवन किया जाता है। व्यक्ति के रोग के अनुसार खूबकला का सेवन किया जाता है। अतः किस बीमारी में खूबकला कैसे खाना चाहिए इसकी जानकारी आगे दी गयी है –
खूबकला के फायदे और नुकसान | Khubkala ke fayde aur nuksan
खूबकला के फायदे (Khubkala ke fayde)
खूबकला के फायदे (Khubkala ke fayde) टाइफाइड के रोगियों के लिए है। टाइफाइड एक घातक बीमारी है जो साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया के फैलने पर होता है। बुखार, भूख में कमी, ठंड लगना, सिरदर्द, कमजोरी टाइफाइड के मुख्य लक्षण है। खूबकला के साथ 4 से 5 मुनक्के बिना बीज के लें और इनको अच्छी तरह सेंक लें। सेंक लेने के बाद इसे रोगी को खिलाएं। रोजाना इसे खिलाने से टाइफाइड से निजात पाया जा सकता है।
दमा
दमा होने पर खूबकला का इस्तेमाल किया जा सकता है। दमा को अस्थमा भी कहा जाता है जो श्वसन तंत्र संबंधी रोग है। खूबकला के साथ मुनक्का, मकोह, सौंफ व उन्नाब को मिलाकर इसे पानी में पका लें। अच्छी तरह पक जाने के बाद इसे दमा के रोगी को पिलाएं ऐसा करने से दमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
हैजा
हैजा के रोगियों के लिए खूबकला का उपयोग करना चाहिए। हैजा एक संक्रामक रोग है जिसका सबसे प्रमुख लक्षण बहुत अधिक दस्त लगना है। खूबकला को हैजा के उपचार के लिए काफी प्रभावी माना जाता है। खूबकला को गुलाब जल के साथ मिलाकर रोजाना खाने से हैजा के लक्षणों से छुटकारा पाया जा सकता है।
चेचक
चेचक के इलाज के लिए खूबकला का इस्तेमाल किया जा सकता है। चेचक को खसरा भी कहा जाता है जो एक संक्रामक रोग है। गंभीर थकान, पीठ में तेज दर्द, उल्टी, सिरदर्द, बुखार चेचक के मुख्य लक्षण है। चेचक के रोगियों को खूबकला के सेवन की सलाह दी जाती है। खूबकला के बीजों को पकाकर उसका काढ़ा बना लें। खूबकला से बने काढ़े को प्रतिदिन पीने से चेचक के रोगियों को फायदा होगा।
बवासीर
खूबकला का इस्तेमाल बवासीर के इलाज के लिए किया जाता है। बवासीर एक सामान्य समस्या है जो अधिकाँश लोगों में देखी जा सकती है। बवासीर से पीड़ित रोगियों को खूबकला के सेवन की सलाह दी जाती है। खूबकला का पाउडर बनाकर उसे हफ्ते में दो से तीन बार पानी या दूध के साथ पिएं इससे बवासीर के रोगियों को फायदा होगा। जानें बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय।
कमजोरी
कमजोरी से छुटकारा पाने के लिए खूबकला का उपयोग करना चाहिए। कमजोरी एक सामान्य समस्या है जो ज्यादातर लोगों में देखी जा सकती है। बार-बार कमजोरी आने की परेशानी को दूर करने के लिए प्रतिदिन 2 ग्राम दूध में खूबकला के बीज पकाकर खाएं इससे लाभ होगा।
शारीरिक विकास
Khubkala ke fayde : खूबकला उन बच्चों के लिए बेहद हितकारी है जिनका शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। शारीरिक विकास अवरुद्ध होने का असर बच्चों की लंबाई और वजन पर पड़ता है। खूबकला के इस्तेमाल से बच्चों के शारीरिक विकास का इलाज किया जा सकता है। खूबकला के बीजों को बकरी के दूध में मिलाकर पका लें। अब बीजों को अच्छी तरह से छानकर सूखा लें। सूखे हुए बीजों का पाउडर बनाकर दूध के साथ बच्चे को पिलाएं।
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खूबकला के नुकसान (Khubkala ke nuksan)
खूबकला के फायदे (Khubkala ke fayde) जानने के अलावा खूबकला के नुकसान भी जान लें। खूबकला एक औषधि है जिसके अधिक नुकसान नहीं देखे जा सकते है लेकिन खूबकला का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओ में खूबकला के दुष्प्रभाव देखे जा सकते है इसीलिए गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। खूबकला की तासीर गर्म होती है इसीलिए इसका अधिक सेवन करने से बचे। किसी रोग या एलर्जी के इलाज के दौरान खूबकला का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।